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सेनेटरी पैड का बिज़नेस कैसे शुरू करें?

Sanitary Napkin Making Business in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं सेनेटरी पैड व्यवसाय के बारे में कि इस व्यवसाय को कैसे शुरू किया जाता है?, इस व्यवसाय को शुरू करने में कितनी लागत आती है?, क्या-क्या जोखिम होते हैं और इस व्यवसाय को शुरू करते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

यदि देखा जाए तो यह व्यवसाय महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित होता है एवं इस व्यवसाय का वर्तमान समय में बहुत अधिक प्रचलन हो रहा है। क्योंकि बाजार में सेनेटरी पैड की डिमांड बढ़ती जा रही है। यदि बात की जाए कि सेनेटरी पैड क्या होते हैं तो महिलाओं को किशोरावस्था के समय मासिक चक्र प्रारंभ होता है, जिसको हम ऋतु चक्र या पीरियड भी कहते हैं।

इसमें महिलाओं को 21 से 35 दिनों के अंतराल में रक्तस्राव होना शुरू होता है जो कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और यह किशोरावस्था की उम्र से प्रारंभ होकर अधेड़ उम्र तक चलती रहती है। इस तरह सैनिटरी पैड का उपयोग महिलाओं के स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित होता है।

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पीरियड्स महिलाओं में उनके शरीर में उत्पन्न होने वाले हार्मोन एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टेरोन के ऊपर निर्भर करता है। सैनिटरी पैड का उपयोग इस समय होने वाले रक्त स्राव को सूखने के लिए उपयोग किया जाता है। मतलब पीरियड्स के समय होने वाले रक्त स्राव को इन सेनेटरी पैड के उपयोग से रोकने एवं सूखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Sanitary Napkin Making Business in Hindi
Image: Sanitary Napkin Making Business in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत जनसंख्या की दृष्टि से बहुत ही बड़ा देश है, जिसकी अधिकतर आबादी गांव में निवास करती है एवं यह आबादी संसाधनों की दृष्टि से बहुत अधिक पिछड़ी हुई है। बढ़ी हुई आबादी में महिलाओं एवं बच्चों की संख्या भी बहुत अधिक है और इन महिलाओं के द्वारा आज भी अपने स्वास्थ्य को अनदेखा करते हुए इन सैनिटरी पैड का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

भारत में महिलाएं भी किसी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। लेकिन फिर भी 20 से 25% महिलाएं ही इनका उपयोग करती हैं और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हुए विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों को जन्म देकर ग्रस्त हो जाती हैं। क्योंकि वह सेनेटरी पैड के बदले कपड़े आदि का इस्तेमाल करते हैं, जो स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की दृष्टि से बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है।

हालांकि शिक्षा और जागरूकता के द्वारा एवं भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों ने बड़ा योगदान दिया है और महिलाओं को इनसे होने वाले लाभ और नुकसान के बारे में व्यापक जानकारी दी है। इससे सेनेटरी पैड का व्यापार धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है।

सेनेटरी पैड का बिज़नेस कैसे शुरू करें? | Sanitary Napkin Making Business in Hindi

सेनेटरी पैड व्यवसाय शुरू करने के चरण

किसी भी व्यवसाय की लागत व्यापार के आकार और उसकी क्षमता पर निर्भर करता है। यदि आप बड़े पैमाने पर बिजनेस को सेटअप करते हैं तो इसकी लागत बढ़ सकती है और इसकी प्रक्रिया भी थोड़ी कठिन हो सकती हैं।

बड़े रूप में या स्तर पर व्यवसाय को शुरू करने में लागत की यदि बात की जाए तो वह दो से चार करोड़ तक भी हो सकता है। जबकि यदि यही व्यवसाय छोटे स्तर पर शुरू किया जाए तो व्यवसायी को इसकी लागत कुछ लाख रुपए ही आएगी। आइए अब हम बात करते हैं कि इस व्यवसाय को शुरू करते समय व्यापारी को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

सेनेटरी पैड बिज़नेस का आकार क्या होना चाहिए?

इस व्यवसाय का विचार करते समय व्यवसायी को यह निश्चित कर लेना चाहिए कि उसे यह व्यापार किस स्तर या लागत क्या होना चाहिए और यह उसके निवेश पर निर्भर करता है। जितनी बड़ी लागत होगी, व्यवसाय का आकार भी उतना ही बड़ा होगा।

जैसा कि हम ऊपर बात कर चुके हैं कि इस उत्पाद की उपयोगकर्ता भारत में केवल 20 से 25% महिलाएं ही है, जोकि अपने मासिक चक्र के दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती है। अर्थात 75 से 80% महिलाएं अभी भी इसके उपयोग से अछूती है, इसलिए इस व्यवसाय कि भविष्य में अपार संभावनाएं हैं। हालांकि अभी जागरूकता की कमी और इसकी कीमत अधिक होने के कारण ग्रामीण परिवेश की महिलाएं इसके प्रयोग से अछूती हैं।

इसलिए व्यापारी को व्यवसाय शुरू करते समय सबसे पहले यह निर्धारित करना चाहिए कि वह अपने व्यापार का आकार क्या रखना चाहता है। एक और बुद्धिमानी इसी में है कि इस व्यापार को निम्न स्तर से शुरू करके इसका आकार बढ़ाया जाए। ताकि भविष्य में आने वाली संभावनाओं और प्रतियोगिता से स्वयं को सुरक्षित रखा जा सके। ऑटोमेटिक पैड मशीन की मदद से यह व्यवसाय कुछ ही लाख रुपयों में शुरू किया जा सकता है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस में वित्तीय व्यवस्था

यदि व्यवसाय निम्न स्तर से शुरू किया जा रहा है तो इसकी लागत कम होती है और व्यापारी अपनी जमा पूंजी से भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है। व्यवसायी अपनी बचत और जरूरत पड़ने पर ऋण लेकर भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है।

सरकार के द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो नए व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए हैं, जिनमें ब्याज की दर की मात्रा बहुत कम होती है। व्यापारी इन सभी योजनाओं में से किसी भी एक योजना का चयन कर उसके तहत बैंक से ऋण प्राप्त कर सकता है।

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सेनेटरी पैड बिज़नेस के लिए मार्केट रिसर्च और स्थान का चयन

दूसरा प्रमुख कार्य स्थान का चयन है कि व्यापारी अपने व्यापार को कहां स्थापित करें, गांव में या शहर में जगह क्या होना चाहिए, जहां से वह अपने व्यापार को संचालित करें और अपने उत्पाद का विक्रय। जैसा कि हम पहले ही बात कर चुके हैं इस व्यवसाय के लिए व्यापारी का किसी तरह से प्रशिक्षित या उच्च तकनीक का होना आवश्यक नहीं है तो यह कार्य कोई ग्रामीण परिवेश से संबंध रखने वाला व्यक्ति भी कर सकता है। सैनिटरी बेड बनाने वाली ऑटोमेटिक मशीन का संचालन कोई भी व्यक्ति कुछ ही घंटों में सीख सकता है।

इसलिए घरेलू व कामकाजी महिलाएं इस उद्योग के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती हैं। क्योंकि इनकी मजदूरी दर बहुत ही कम होती है और यह आसानी से सुलभ भी होती हैं। जगह की यदि बात की जाए तो इस व्यवसाय के लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता होती है, जो कि लगभग 1000 से ढाई हजार स्क्वायर फीट तक होनी चाहिए।

यह एक बड़ा हॉल भी हो सकता है, जहां मशीन का संचालन काम करने वाले श्रमिक एवं कच्चे माल व निर्मित माल का स्टोर किया जा सके। व्यवसायी के लिए इसमें उत्पादन परिसर, स्टोरेज एरिया, चेकिंग एरिया, ऑफिस इत्यादि कार्यों के लिए जगह की आवश्यकता होती है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस में सरकारी स्वीकृतियां

भारत के अंदर सैनिटरी नैपकिन को कपड़े की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इस व्यवसाय को शुरू करते समय हमें कुछ स्वीकृतियां लेनी होती हैं। इसके लिए हमें फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से परमिशन लेनी होती है एवं सेनेटरी पैड का उत्पादन भी आईएस मानकों को पूरा करते हुए होना चाहिए। इसलिए यह ध्यान रहे जब इसका उत्पादन किया जाए तो आवश्यक प्रकिया एवं मानक स्वच्छता का पालन किया जाए।

व्यापारी द्वारा जब सेनेटरी पैड का निर्माण किया जाता है तो उसे एनएबीएल प्रशिक्षण एवं प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु ले जाया जाता है। इसके अलावा व्यवसायी को अपनी फैक्ट्री एक्ट के तहत रजिस्टर करने की जरूरत होती है एवं स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता है।

व्यापार के नाम से चालू खाता, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि दस्तावेजों की जरूरत होती है एवं जीएसटी रजिस्ट्रेशन बनाने की भी आवश्यकता होती है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस के लिए कच्चा माल कहां से खरीदें?

वर्तमान समय में मशीनी युग में हर किसी उत्पाद की एक मशीन मार्केट में उपलब्ध होती है, जो कि उत्पाद को बहुत ही कम समय में बिना किसी वेस्टीज के निर्मित कर देती है। सेनेटरी पैड बनाने के लिए भी विभिन्न मशीन उपकरण बाजार में उपलब्ध है, जिनकी लागत भी बहुत कम होती है और इस व्यवसाय में यदि कच्चे माल की बात की जाए तो इसमें कॉटन बा लकड़ी के गोदी की आवश्यकता होती है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस के लिए स्टाफ का चयन

किसी भी व्यवसाय की प्रगति उस व्यवसाय में कार्य करने वाले लोगों पर निर्भर करती है। सेनेटरी पैड का व्यवसाय ऐसा व्यवसाय है, जो महिलाओं से संबंधित होता है। यदि इस व्यवसाय के लिए स्टाफ के चयन की बात की जाए तो यह बहुत ही अच्छा होगा यदि स्टाफ में महिलाएं शामिल हो।

इस व्यवसाय की प्रकृति एवं कार्य ऐसा होता है कि इसमें किसी विशेष प्रशिक्षण एवं तकनीकी आवश्यकता नहीं होती है। एक सामान्य मस्तिष्क एवं घरेलू कार्य करने वाली महिलाएं भी इस व्यापार को संचालित कर सकती हैं।

सेनेटरी पैड का उत्पादन

एक बार जब मशीन वा कच्चे माल की व्यवस्था हो जाती है तो फिर इसका अगला चरण इसके उत्पादन का होता है। जैसा कि हमने ऊपर उल्लेख किया कि आज के समय में सैनिटरी पैड का उत्पादन ऑटोमेटिक मशीन से किया जाता है, जिसकी विधि बहुत ही आसान होती है, इसी कुछ ही घंटों में कोई भी व्यक्ति सीख सकता है। कच्चे माल को खरीदने के बाद इन मशीनों के उपयोग से उत्पादन कार्य शुरू किया जाता है।

सबसे पहले व्यापारी को पलवी राइजिंग मशीन के द्वारा पल्व का निर्माण करना होता है या बाजार में भी बना बनाया उपलब्ध है। इस लकड़ी के गूदे को कार्बन स्टील ब्लेड के उपयोग द्वारा डी फाइबर करना होता है एवं यह फिलामेंट की लंबाई तक ही डी फाइबर करता है।

एक बार जब लकड़ी के गूदे को डी फाइबर कर दिया जाता है तो इसके पश्चात इस पल्व या गूदे को कोर बनाने वाली मशीन संयंत्र में डाला जाता है, जहां इसकी लुगदी या नैपकिन के आकार में इसको संकुचित कर दिया जाता है।

इसके पश्चात इस लुगदी को नॉन वोवन कपड़े से लपेटा जाता है और इसे सील कर दिया जाता है। एक बार जब पैड तैयार हो जाते हैं तो विभिन्न पैकेट की साइज में इन्हें पैक कर दिया जाता है।

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सेनेटरी पैड बिज़नेस में बिक्री एवं वितरण

इस व्यवसाय के टारगेट ऑडियंस महिलाएं होती हैं तो उनकी पहचान कर व्यापारी को एक मार्केट ढूँढना होता है, जहां वह अपने उत्पाद को विक्रय कर सके। इसके लिए उसे सैनिटरी पैड को अच्छी तरीके से पैक करना होता है। उसके पैकेट पर समस्त जानकारी प्रयोग करने की विधि, निर्मित तिथि, मिश्रण, कच्चा सामग्री, कंपनी का नाम आदि चीजें उल्लेखित करनी होती हैं।

जैसा कि हम जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में और भी बहुत क्षेत्र में महिलाएं इनका इस्तेमाल कम करती है तो व्यापारी का यह उद्देश्य होना चाहिए कि वह पहले उन क्षेत्रों को चिन्हित करें, जहां इनकी डिमांड सबसे ज्यादा है एवं ग्राहकों को इसके प्रति जागरूक कर के भी वह अपनी मांग बढ़ा सकता है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस में लाभ की मात्रा

इस व्यवसाय की प्रकृति एवं संभावनाओं की यदि बात की जाए तो भविष्य में अपार संभावनाएं हैं, जिससे इसके लाभ की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं। लेकिन यदि वर्तमान परिपेक्ष में बात की जाए तो यह व्यवसाय अभी भी मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। क्योंकि इसकी लागत और उत्पादन लागत काफी कम होती है। जबकि इस से होने वाला लाभ अच्छा होता है।

इसके अलावा इस बिजनेस के माध्यम से भविष्य में भी अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। क्योंकि यह बिजनेस भविष्य का उभरता हुआ बिजनेस है। इस बिजनेस कि भविष्य में बहुत ही ज्यादा पूछ होने वाली है या ऐसे कह सकते हैं कि इस बिजनेस के माध्यम से उत्पादित पदार्थ की डिमांड भविष्य में बढ़ने वाली है।

सेनेटरी पैड बिज़नेस में जोखिम

जोखिम की यदि बात की जाए तो जो कि किसी भी व्यवसाय का अभिन्न अंग है एवं भविष्य में किसी उत्पाद की क्या स्थिति होने वाली है। यह उस व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करता है। हालांकि सैनिटरी पैड्स व्यवसाय महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निर्भर करता है, जिसकी भविष्य में अपार संभावनाएं हैं।

वर्तमान समय में इनका केवल 20 से 25% महिलाएं ही उपयोग करती है। जागरूकता में यदि वृद्धि की जाए और यदि सरकारी योजनाएं सफल होती है तो भविष्य में यह अनुपात कहीं ज्यादा हो सकता है और इस क्षेत्र में शामिल व्यापारियों की जोखिम बहुत कम हो जाएगी।

सेनेटरी पैड बिजनेस के लिए मार्केटिंग

हर प्रकार के बिजनेस को सफल बनाने के लिए कुछ बिजनेस से संबंधित मार्केटिंग करना बहुत ही जरूरी होता है। मार्केटिंग हर बिजनेस के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है। सेनेटरी पैड का बिजनेस यदि कोई व्यक्ति शुरू करना चाहता है तो व्यक्ति ऑनलाइन व ऑफलाइन होना माध्यम से मार्केटिंग कर सकता है।

ऑनलाइन आपने भी टीवी या अखबारों में सेनेटरी पैड के प्रोडक्ट के एडवर्टाइजमेंट जरूर देखे होंगे। उसी प्रकार से आप भी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के एडवर्टाइजमेंट दे सकते हैं या फिर मार्केटिंग एजेंट के तौर पर अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करा सकते हैं।

सेनेटरी पैड बिजनेस के फायदे

सेनेटरी पैड व्यवसाय शुरू करने के विभिन्न ने फायदे हैं। आप इस व्यवसाय के द्वारा समाज सेवा करते हुए लाभ भी कमा सकते हैं। क्योंकि वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग और भारत सरकार के द्वारा महिलाओं एवं लड़कियों को सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है और आंगनवाड़ी के द्वारा उन्हें मुफ्त एवं कम कीमत में यह मुहैया कराए जा रहे हैं, जिससे कि उनमें इनकी आदत पड़ जाए।

इस व्यवसाय के द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाएं रोजगार की प्राप्ति कर सकती हैं एवं वे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय से जुड़कर स्वयं को आर्थिक रूप से सक्षम कर सकती हैं। यह व्यवसाय पर्यावरण के लिए भी प्रदूषित नहीं करता है। इसे बनाने में प्रयुक्त होने वाला कच्चा पदार्थ या माल लकड़ी से निर्मित किया जाता है, जो कि प्रयोग होने के पश्चात पर्यावरण को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाता है। क्योंकि यह बायोडिग्रेडेबल होता है।

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी विशिष्ट शिक्षा या तकनीक की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रामीण एवं घरेलू क्षेत्र की महिलाएं भी यह कार्य कर सकती हैं, जिससे कि उनके आय के साधन की व्यवस्था हो सकती है। यह व्यवसाय मुख्यतया महिलाओं से संबंधित होता है एवं इस व्यवसाय की ग्राहक सिर्फ महिलाएं ही होती हैं। अतः यह व्यवसाय महिला व स्व सहायता समूह के द्वारा भी शुरू किया जा सकता है।

इस व्यवसाय की मुख्य विशेषता यह है कि सरकार के द्वारा इस हेतु बहुत प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर इनकी प्रयोग की ओर आगे बढ़े।

FAQ

सेनेटरी पैड का बिजनेस क्या है?

सेनेटरी पैड का बिजनेस जिसमें आपको मासिक चक्र के दौरान उपयोग होने वाले पेड़ का उत्पादन करना होता है। सेनेटरी पैड वर्तमान समय का एक ऐसा उभरता हुआ बिजनेस है, जिसकी शुरुआत महिलाएं भी कर सकती है। सेनेटरी पेड़ के बारे में अगर बात की जाए तो यह एक प्रकार का पैड होता है, जिसे महिलाएं मासिक चक्र के दौरान उपयोग करती है।

सेनेटरी पैड को उपयोग करने के फायदे क्या है?

महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड का उपयोग करना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। सेनेटरी पैड के माध्यम से महिलाएं मासिक चक्र के दौरान होने वाली समस्याओं से उभर सकती है। साथ ही साथ जननांग पर होने वाले इन्फेक्शन से भी यह पेड़ बचाव करता है।

सेनेटरी पैड का बिजनेस शुरू करने के लिए कितना इन्वेस्टमेंट लगता है?

यह बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादा इनवेस्टमेंट की जरूरत नहीं रहती है। लेकिन इस बिजनेस को बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ भी शुरू नहीं किया जा सकता हैं। इस बिजनेस अमेजॉन को शुरू करने के लिए मध्यम वर्ग का इन्वेस्टमेंट आपको करना ही होगा। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए करीब 10 से 15 लाख रुपए आपका निवेश करने होते हैं।

सेनेटरी पैड के बिजनेस से क्या लाभ है?

बिजनेस चाहे कोई भी हो हर बिजनेस से फायदा जरूर होता है। सेनेटरी पैड का बिजनेस यदि कोई व्यक्ति वर्तमान समय में शुरू करता है तो उस व्यक्ति को बहुत ही अधिक फायदा हो सकता है। क्योंकि यह बिजनेस वर्तमान समय का उभरता हुआ बिजनेस है और भविष्य में इस बिजनेस की बहुत ज्यादा डिमांड हो सकती है। क्योंकि बाजार में सेनेटरी पैड जो यूज एंड थ्रो होते हैं। इसकी डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसे में आपका बिजनेस अच्छे से ग्रो कर सकता है।

निष्कर्ष

सेनेटरी पैड का उपयोग तो वर्तमान में हर महिला कर रही है। लेकिन आज के जमाने में भी ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं हो रहा है। सेनेटरी पैड का उपयोग करना महिलाओं के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन फिर भी ग्रामीण महिलाओं द्वारा आज की सेनेटरी पैड का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।

सेनेटरी पैड का बिजनेस आज के समय का एक उभरता हुआ बिजनेस माना जा सकता है। आज के आर्टिकल में हमने सेनेटरी पैड का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Sanitary Napkin Making Business in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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