Camphor Making Business in Hindi: भारतीय संस्कृति में देवी देवताओं की पूजा करते समय विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग होता है और सभी सामग्रियों का अपना-अपना महत्व होता है। उसी प्रकार घी के दीए जलाते वक्त कपूर का भी काफी महत्व होता है। लोगों के अनुसार कपूर जलाने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं इसीलिए पूजा पाठ के समय आरती में अक्सर कपूर का उपयोग किया जाता है।
कपूर के रासायनिक गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कई प्रकार के दवाई बनाने में भी होता है। इस तरह कपूर का मांग पूजा-पाठ और कई दवाइयों की दुकानों में भी होता है। इसीलिए कपूर बनाने का व्यवसाय काफी फायदेमंद हो सकता है।
आप भी इस व्यवसाय को शुरू करने का सोच रहे हैं तो बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरीके से आप कपूर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? साथ ही इस में कितनी लागत लगेगी ?कौन-कौन सी मशीनों की आवश्यकता पड़ेगी ?और इसमें कितने फायदे होंगे? इत्यादि बातों पर चर्चा करेंगे, इसीलिए लेख को अंत तक पढ़े।
कपूर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? | Camphor Making Business in Hindi
Table of Contents
कपूर क्या होता है?
यह सफेद रंग का एक ठोस क्रिस्टलीय पदार्थ होता है जिसे कपूर के पाउडर से बनाया जाता है। यह कपूर का पाउडर लॉरेल नामक पेड़ से पाया जाता है, जो भारत सहित चीन, जापान, मंगोलिया और ताइवान आदि देशों में भी पाया जाता है। यह पाउडर इसी पेड़ के लकड़ियों से प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त ये इसी प्रजाति के अन्य पेड़ों से भी प्राप्त किया जाता है।
कपूर का मूल रूप से उपयोग पूजा पाठ के समय आरती के समय किया जाता है इसके अतिरिक्त कपूर का उपयोग कीटनाशक पदार्थों के रूप में और आतिशबाजी में भी शामिल किया जाता है। इसमें अच्छे रासायनिक गुण होते हैं जिसके कारण यह फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य, कृषि, आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है।
कपूर की बाजार में मांग
वर्षों से पूजा-पाठ में कपूर का इस्तेमाल होते आ रहा है।इसके अतिरिक्त यह कई प्रकार की दवाइयों में भी इस्तेमाल होता है जिसके कारण बाजार में इसकी काफी मांग है। 12 महीने इसकी डिमांड मार्केट में रहती है। इसीलिए इस व्यवसाय के मार्केट के अंदर बहुत ज्यादा स्कोप है। इस तरीके से इस क्षेत्र में व्यवसाय करके काफी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है
कपूर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाना जरूरी है ताकि आपको इस बात का अनुमान लग सके इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको कितनी लागत लगानी पड़ेगी, किस तरह के मशीन की आवश्यकता पड़ेगी, साथ ही कौन से कच्चे माल की आवश्यकता होगी, कहां से खरीदना है, साथ ही इस व्यवसाय में होनेवाले फायदा इत्यादि सभी बातों की योजना बनाने के बाद ही व्यवसाय को आगे बढ़ाएं। इस व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए इसकी योजना पहले से ही बना कर रखें।
- लागत
- जमीन
- बिल्डिंग
- मशीन
- कच्चा माल
- बिजली, पानी की सुविधा
- वाहन
कपूर बनाने के व्यवसाय में लगने वाली लागत
कपूर बनाने के व्यवसाय में आपको सबसे बड़ी लागत इसके जमीन और मशीन पर लगानी पड़ती है इसके अतिरिक्त आपको लेबर का खर्चा देना पड़ता है, कच्चा माल और फिर मशीन के द्वारा खपत होने वाली बिजली साथ ही वाहन इत्यादि चीजों के लिए लागत लगानी पड़ती है। इस तरीके से यदि कुल लागत का अनुमान करें तो आपकी खुद की जमीन है तो आप का खर्चा बच सकता है लेकिन जमीन खरीदते हैं तो पांच से छह लाख आप की जमीन में लग जाएगी।
उसके बाद आपको वहां पर मशीन रखने के लिए एक बिल्डिंग बनानी पड़ेगी जिसमें 2 से 3 लाख लग सकते हैं, उसके बाद कपूर बनाने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है वह मशीन है। कपूर बनाने की मशीन बाजार में अलग-अलग दामों पर मिलती है जो 50000 से 1 लाख तक हो सकती है। उसके बाद कच्चे माल की लागत जो 20 से 30 हजार हो सकता है साथ ही अन्य खर्चे मिलाकर 9 से 10 लाख रुपए की लागत आपको इसमें लग जाएगी।
लेकिन यदि इसमें आप की जमीन भी खुदकी है और पहले से बिल्डिंग बनी हुई है या फिर आप किसी बिल्डिंग को रेंट पर ले लेते हैं तो आपको इसमें काफी लागत बच जाएगी। ऐसे में 4 से 5 लाख की लागत में यह व्यवसाय आप आराम से शुरू कर सकते हैं।
यह भी पढ़े : ऑनलाइन सरकारी या प्राइवेट जॉब कैसे ढूंढे?
कपूर बनाने के व्यवसाय में जगह का चयन
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको इतनी जगह की आवश्यकता पड़ेगी ताकि आप उसमें मशीनों को अच्छे से व्यवस्थित कर सके। यदि आप केवल एक मशीनों से व्यवसाय को शुरू कर रहे हैं तो आपको कम जमीन की आवश्यकता होगी लेकिन यदि व्यवसाय बड़े स्तर फर शुरु कर रहे हैं तो जमीन की आवश्यकता ज्यादा होगी। इस तरह देखा जाए तो अनुमानित इस कोई व्यवसाय के लिए 400 से 600 स्क्वायर फीट जगह की आवश्यकता है।
व्यवसाय चाहे कोई भी हो जिस भी स्थान पर शुरू किया जाए उस क्षेत्र का विश्लेषण कर लेना चाहिए ताकि आगे आपको व्यवसाय में नुकसानी ना भुगतना पड़े। ऐसे ही कपूर बनाने के व्यवसाय को शुरू करने के जहां प्लांट लगाना चाहते हैं उस क्षेत्र का विश्लेषण करें। जाने कि उस एरिया के अंदर कपूर बनाने के पहले से ही कितने प्लांट लगे हुए हैं साथ ही वहां अन्य प्लांट वाले किस क्वालिटी का कपूर बनाते हैं और उस एरिया में कपूर की कितनी मांग है और किस कीमत पर कपूर बेची जाती है इत्यादि बातों का जायजा लें।
कपूर बनाने की मशीन
इस व्यवसाय के लिए जो मशीनें आती है, वो फुली ऑटोमेटिक होती है, जिसमें आपको कुछ नहीं करना पड़ता बस पाउडर डालते हैं और मशीन से अपने आप गोलियां बन जाती है। यह सारा काम मशीन में लगे डाई के वजह से होता है और डाई के अनुसार ही मशीन का दाम अलग-अलग होता है। यदि आप छोटे साइज के कपूर की गोलियां बनाना चाहते हैं तो आपको छोटी डाई की जरूरत पड़ेगी और बड़ी गोलिंया बनाने के लिए बड़ी डाई वाले मशीन की आवश्यकता पड़ेगी।
कपूर बनाने के लिए कच्चा माल
इस बिज़नेस के लिए आपको ज्यादा कुछ कच्चे माल की आवश्यकता नहीं होती इसमें बस केवल कपूर के पाउडर और हेगजामाइन की जरूरत पड़ती है और इन्हीं दोनों को मिक्स करके कपूर की गोलियां बनाई जाती है।
कपूर बनाने के लिए कच्चे माल को कहां से खरीदें
आवश्यक कपूर का पाउडर आपको किसी भी लोकल मार्केट में मिल जाएगा लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें कि यह पाउडर अलग-अलग क्वालिटी में आता है इसीलिए अपने कपूर के गोलियों की क्वालिटी के अनुसार इस पाउडर को खरीदें। इसके अलावा चाहे तो होलसेल मार्केट से भी खरीद सकते हैं वहां से आपको यह ज्यादा सस्ते में मिलेगा।
कपूर बनाने के बिज़नेस के लिए स्टाफ
आपको कुछ कर्मचारियों की भी आवश्यकता पड़ेगी जिनमें से कुछ कर्मचारी मशीनों को ऑपरेट करेंगे जो मशीनों में पाउडर भरने और कपूर को बनाने का काम करेंगे, वंही कुछ कर्मचारी कपूर की गोलियों को पैकिंग करने का काम करेंगे, साथ ही कुछ साफ सफाई के लिए भी कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। इस तरीके से इस व्यवसाय में आपको सात से आठ कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी।
कपूर बनाने के बिज़नेस के लिए रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस
कपूर बनाने के व्यवसाय में आप कपूर को एक अपने ब्रांड नाम से बेचते हैं इसके लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए आप लोकल अथॉरिटी से बात करें और निम्नलिखित लाइसेंस बनवाएं।
- व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन
- ट्रेडमार्क लाइसेंस
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन
- MSME इंडस्ट्री आधार रजिस्ट्रेशन
कपूर बनाने की प्रक्रिया
कपूर बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है क्योंकि इसमें उपयोगी मशीन ऑटोमेटिक होता है जो अपने आप कपूर की गोलियां बना देता है इसमें बस केवल कपूर बनाने के पाउडर और हेग्जामाइन को मिक्स करके मशीन के ऊपर एक जगह होता है जहां पर उसे भरना होता है और फिर मशीन में लगे डाई के वजह से अपने आप कपूर की गोलियां बनकर निकल जाती है।
ये मशीन 1 घंटे में 6 से 8 किलो कपूर बना देती है।
कपूर बनाने के बिज़नेस के लिए पैकिंग
इस व्यवसाय में कपूर के गोलियों की पैकिंग भी बहुत मायने रखती है यह पैकिंग आपको बहुत ही सावधानी से करनी पड़ती है साथ ही आप पैकिंग के ऊपर अपने ब्रांड का लेबल भी लगवा सकते हैं। कपूर की गोलियों की पैकिंग छोटे छोटे पैकेट में होती है जिसमें कम से कम तीन से चार गोलियां होती है जो 2 से ₹3 प्रति पैकेट के रूप में बिकती है।
यह भी पढ़े : बिना पैसे लगाए बिजनेस कैसे शुरू करें?
कपूर बनाने के बिज़नेस के लिए मार्केटिंग
व्यवसाय चाहे कोई भी हो मार्केटिंग बहुत मायने रखती है क्योंकि बिना मार्केटिंग के व्यवसाय आपका चल नहीं सकता। कपूर बनाने के व्यवसाय को भी मार्केटिंग की जरूरत होती है। कपूर की गोलियां पूजा-पाठ और हवन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल होती है इसलिए यह ज्यादातर पूजा-पाठ की सामग्री बेचने वाले दुकानों में ज्यादा खरीदी जाती है। इसलिए आप अपने उस क्षेत्र के आसपास जितने भी पूजा-पाठ की सामग्री बेचने वाली दुकान है उनसे बात कर सकते हैं जो आप से सीधे कपूर की गोलियों को खरीद लेंगे।
कपूर बनाने के बिज़नेस में फायदा
कपूर पूजा पाठ में अक्सर उपयोग होने वाली सामग्री है जो बाजार में हमेशा ही बिकती है ऐसे में कपूर का व्यवसाय काफी फायदेमंद है और बात करें इसमें होने वाले फायदे की तो इसमें एक बार आपका निवेश लगता है लेकिन उसके बाद आप का फायदा इसमें हमेशा होते रहता है इसमें लेबर का खर्चा और कपूर को बनाने के लिए कच्चे माल इत्यादि खर्चों को काटकर महीने के 20 से 25 हजार आराम से हो जाते हैं।और यदि बड़े स्तर पर शुरू करते हैं तो और भी ज्यादा फायदा हो सकता है।
FAQ
कपूर की गोलियां कपूर के पाउडर से बनाया जाता है।
कपूर के व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे प्रथम और महत्वपूर्ण कपूर बनाने की मशीन होती है उसके बाद जमीन ,कच्चा माल ,बिजली पानी की सुविधा और कर्मचारी इत्यादि की जरूरत पड़ती है।
कपूर बनाने के व्यवसाय में कच्चे माल का खर्चा ,लेबर का खर्चा, बिजली पानी का खर्चा और परिवहन का खर्चा सब मिलाकर हर महीने 10 से 15 हजार हो जाता है।
कपूर बनाने की मशीन अलग-अलग दामों पर बिकती है जो 50 हजार से लेकर 20 हजार तक हो सकती है।
कपूर बनाने के व्यवसाय से होने वाला फायदा व्यवसाय के स्तर पर आधारित है। यदि व्यवसाय छोटे स्तर पर है तो महीने के 20 से 30 हजार की आमदनी हो सकती है
निष्कर्ष
यह एक ऐसा व्यापार है, जिसकी भविष्य में डिमांड बढ़ेगी। आज इस आर्टिकल में हमने आपको कपूर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Camphor Making Business in Hindi) के से जुडी सभी प्रकार की माहिती शेयर की है। उम्मीद है आपको हमारे यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
अगर आपको आज का हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले। इसके अलावा अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे।
यह भी पढ़े