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चंदन की खेती कैसे करें?, एक करोड़ से अधिक की होगी कमाई

आप अगर खुद का कोई काम शुरू करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आज के समय में यह संभव है। अगर आप चाहे तो आज के समय में आज से डिमांड में रहने वाले कई प्रकार की खेती को करके हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपए कमा सकते हैं।

चंदन की खेती करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। चंदन का इस्तेमाल पूजा पाठ में ही नहीं बल्कि कई प्रकार के आज के समय में सौंदर्य से संबंधित आइटम बनाने में लिया जाता है। पहले के मुकाबले आज चंदन की खेती की डिमांड बढ़ती जा रही है। आप चंदन की खेती को करके आज के समय में अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

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Image: Chandan Ki Kheti Kaise Karen

इस लेख में चंदन की खेती की संपूर्ण जानकारी शेयर कर रहे हैं। जिसमें चंदन की खेती कैसे करें (Chandan Ki Kheti Kaise Karen), चन्दन की खेती का लाइसेंस, चन्दन की खेती में प्रॉफिट और निवेश आदि के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

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Table of Contents

चंदन क्या होता है?

चंदन प्रकार की लकड़ी है, जो कि बहुत ही मूल्यवान होती है, चंदन की लकड़ियां बहुत ही सुगंधित होती है, चंदन का पेड़ इतनी तेजी से वृद्धि करेगा, उतना ही अधिक सुगंधा बढ़ती है। चंदन की खेती करने के लिए एक विशेष जलवायु तथा मौसम की आवश्यकता होती है। चंदन की खेती के लिए गर्म तथा शुष्क जलवायु अच्छी मानी जाती है, चंदन का पेड़ बहुत ही ठंडा होता है।

चंदन का उपयोग कॉस्मेटिक वस्तुओं को बनाने में तथा चिकित्सा की दृष्टि से औषधियों में भी प्रयोग होता है। चंदन एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी लंबाई 12 से 16 मीटर तक होती है तथा मोटाई 100 से लेकर 200 सेंटीमीटर तक होती है। चंदन की खेती करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा और यदि आप इन स्टेप्स को अच्छी तरह से फॉलो करते हैं तो आप चंदन की खेती अच्छी तरीके से कर पाएंगे।

चंदन की खेती की मांग

चंदन एक ऐसा उत्पाद है, जो हमेशा काफी अच्छे दामों में बाजारों में भी चाहिए और किस के दामों में कभी कुछ खास गिरावट नहीं होती है। आज हमारे देश में चंदन की मांग इतनी ज्यादा है कि अगर देखा जाए तो अभी भी इसकी पूर्ति मांग के हिसाब से नहीं हो पा रही है। इसकी मांग देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी अधिक होती है।

हमारे देश में प्रतिवर्ष चंदन की मांग लगभग 7 हजार टन से लेकर 9 हजार टन के बीच में रहती है। परंतु हमारे देश में चंदन का उत्पादन सिर्फ 100 टन ही हो पा रही है। इस आंकड़े को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज भी हमारे देश में चंदन की खेती अगर की जाए तो आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

चंदन की अलग-अलग प्रजातियों की जानकारी

संपूर्ण विश्व में लगभग चंदन की 16 प्रजातियां मौजूद है। इसकी इन 16 प्रजातियों में सबसे ज्यादा सुगंधित चंदन की प्रजाति सेंत्लम एल्बम होती है। इसकी कुछ प्रजातियों के नाम निम्न है:

  • सफेद चन्दन
  • सेंडल
  • अबेयाद
  • श्रीखंड
  • सुखद सेंडल

बाजारों में चंदन की कीमत

बाजारों में चंदन की कीमत बहुत अधिक है। बाजारों में चंदन किलो के भाव से बिकता है। बाजारों में लाल चंदन की कीमत सफेद चंदन के अपेक्षाकृत अधिक है जबकि सफेद चंदन की कीमत लाल चंदन के अपेक्षाकृत कम है।

लाल चंदन की कीमत 26000 से लेकर 30000 तक होती है जबकि इसी बीच से सफेद चंदन की कीमत इससे कम होती है। आपको एक चंदन के पेड़ से लगभग 15 से लेकर 20 किलो तक चंदन की लकड़ी प्राप्त हो जाती है, जिसे आप बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

चंदन की खेती को करने के लिए अनुकूलित मिट्टी की जानकारी

खेती को आप लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से कर सकते हैं। लेकिन रेतीली मिटटी, चकनी मिटटी, लाल मिटटी, काली दानेदार मिट्टी चंदन के पौधे के लिए और इसकी खेती को करने के लिए काफी ज्यादा उपयोगी मानी जाती है।

चंदन की खेती ऐसी जगह पर नहीं करनी चाहिए, जहां पर ज्यादातर पानी का जमाव होता है, बर्फ गिरती है, रेत भरी मिटटी है। इसके अलवा तीव्र ठंड चन्दन के लिए उपयुक्त नहीं है। चंदन की खेती को कश्मीर, लद्दाख और राजस्थान जैसे जगहों पर छोड़कर बाकी देश में कहीं पर भी आसानी से कर सकते हैं।

चंदन की खेती को करने के लिए उपयुक्त अनुकूलित भूमि की जानकारी

चंदन की खेती को हमारे देश में कुछ जगहों को छोड़कर कहीं पर भी आसानी से की जा सकती है। वे जगहें जहां पर चंदन की खेती को करना लगभग असंभव है, कश्मीर, लद्दाख एवं राजस्थान का जैसलमेर आदि। इन सभी जगहों का वातावरण चंदन की खेती को करने के लिए पूरे तरीके से अनुकूलित नहीं है और यहां पर इसकी खेती करने पर आपको मुनाफा नहीं होने वाला। केवल आपको हानि होने वाली है।

क्योकि यहाँ पानी जम जाता हैं और बर्फ गिरती है और यहाँ की मिट्टी रेतीली होती हैं। हमारे देश में चंदन की खेती को करने के लिए अनुकूलित जगह है, जो कि इसकी खेती को करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। वह पश्चिम बंगाल, वहां का वन क्षेत्र चंदन की खेती को करने के लिए पूरी तरीके से अनुकूलित है और वहां पर इसकी खेती भी अच्छे से और बिना किसी नुकसान के की जा सकती है।

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चंदन की खेती कैसे करें? (Chandan Ki Kheti Kaise Karen)

चंदन की खेती को करने के लिए सबसे पहले आपको इसकी बुवाई करनी होगी और इसकी प्रोसेस यहां पर नीचे विस्तार तरीके से बताई गई है।

इसके बुवाई के दौरान हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना होता है और इसीलिए आप नीचे बताए गए प्रोसेस को ध्यान से समझें और तभी इसकी बुवाई को करें। अन्यथा आप अगर गलत तरीके से इसकी बुवाई कर दोगे तो हो सकता है कि आपकी चंदन की खेती खराब हो जाए।

  • 1 एकड़ की भूमि में आप लगभग 375 चंदन के सफेद पौधों को लगाकर खेती को शुरू कर सकते हैं।
  • चंदन की खेती को करने के दौरान ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती है और इसीलिए इसकी रोपाई के दौरान क्षेत्रों में मेड़ बनाया जाता है। ये मेड़ कम सेकम 10 फुट पौधों की दूरी के हिसाब से बनाए जाते हैं।
  • चंदन की खेती के लिए बनाए गए खेतों में मेल के ऊपर इसकी पौधों को लगाया जाता है और आपको ध्यान देना होगा कि प्रत्येक पौधों से एक पौधे की दूरी लगभग 12 फुट से कम नहीं होनी चाहिये।
  • चंदन की खेती को करने के दौरान आपको एक बात की सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, वह यह है कि कभी भी चंदन के पौधे अकेले नहीं लगाते। अर्थात के साथ लगाए जाने वाले पौधों को भी आपको लगाना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि चन्दन के एक पौधे की जितनी आयु होती हैं, उसमें से आधा उसका खुद का जीवन होता हैं और आधा वह दूसरे पौधे की जड़ पर निर्भर करता है। इसीलिए आपको चंदन की खेती के साथ लगाए जाने वाले पौधों को भी लगाएं ताकि आप की खेती आसानी से हो सके।
  • चंदन की खेती को करने के दौरान आप सभी लोगों को चाहिए कि 375 सफेद चन्दन के आसपास 125 अन्य साथी पौधे भी लगाना ही चाहिए। ये साथी पौधे लाल चन्दन, कैजुराइना, देसी नीम, मीठी नीम एवं सहजन के पौधे आदि हो सकते हैं और इनके जरिए आप चंदन की खेती को आसानी से कर सकते हैं और आपको अच्छा मुनाफा भी हो सकता है।

लाल चंदन की खेती

इसके वृक्ष का रंग लाल होता है तथा इस प्रजाति के चंदन मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु जैसे राज्यों में पाए जाते हैं। लाल चंदन को एक अन्य नाम रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है। यह चंदन अधिक खुशबू वाला नहीं होता है। जब लाल चंदन का पौधा पूरी तरह से विकसित हो जाता है फिर भी सफेद चंदन की अपेक्षा कम लंबा होता है।

लाल चंदन का उपयोग दवाई, हवन सामग्री, इत्र आदि वस्तुओं को बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही चंदन का उपयोग सजावट की महंगी वस्तुओं को भी बनाने में किया जाता है। लाल चंदन की खेती दक्षिण भारत में की जाती है। लाल चंदन की खेती के लिए 4.5 से लेकर 6.5 तक पीएच मान वाली मृदा उपयुक्त मानी जाती है।

चंदन की खेती को करने के लिए पौधे या बीज कहां से और कैसे प्राप्त करें?

चंदन की खेती को करने के लिए इसके पौधों या फिर इसके बीच का रोपण करना होता है। चाहे तो इसकी खेती को करने के लिए इसके पौधों का या फिर इसके बीज का उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि इसकी खेती को इन दोनों ही तरीकों से आसानी से किया जा सकता है।

इसके बीज या पौधे खरीदने के लिए आपको केंद्र सरकार के लकड़ी विज्ञान एवं तकनिकी संसथान जोकि बंगलौर में स्थित है, वहाँ से सम्पर्क करना होगा और आप को वहां से यह सभी चीजें उपलब्ध हो जाएगी।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य में भी इसकी एक नर्सरी है, जहां आपको इसकी जानकारी एवं पौधे या फिर बीज आसानी से दोनों मिल जाएंगे। इसके लिए आपको मशहूर एल्ब्सन एग्रोफ्रेस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड से सम्पर्क करने की आवश्यकता होगी।

चंदन की खेती के लिए सिंचाई कैसे की जाती है?

चंदन की खेती को करने के दौरान जब हम पौधे लगाते हैं और पौधे लगाने के बाद हमें हल्की हल्की सिंचाई इसकी करती रहनी चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसकी सिंचाई को करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। वर्षा के मौसम को छोड़कर सालभर 20-25 दिनों बाद सिंचाई जरूरी है। बस आप चंदन की खेती को करने के लिए इसी प्रकार से इसके खेतों में सिंचाई करते रहे।

चंदन की खेती में रोग प्रबंधन हेतु क्या किया जा सकता है?

सैंडल स्पाइक रोग नामक यह रोग चंदन के पौधों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है और उन्हें हानि पहुंचा सकता है। जब यह रोग चंदन के पौधों पर लग जाता है तो ऐसे में चंदन के पेड़ के पत्ते टेड़े मेढ़े होकर छोटे होने लग जाते हैं। इसके बचाव के लिए चंदन के पेड़ के बीच एक नीम का पौधा लगा देना उचित रहता है, जिससे रोग लागने की संभावना कम हो जाती है और कीटों से चंदन के पेड़ की सुरक्षा भी होती रहती है।

अगर ऐसा संभव न हो तो कोशिश करें कि 3 चंदन के पेड़ों के बाद एक नीम का पौधा रोपित करें। ऐसा करके आप चंदन के खेतों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले इस रोग से बचाव कर सकते हैं। दीमक या अन्य भूमिगत कीटों की रोकथाम के लिए नीम की खली या बुवेरिया बेसियाना या मेटारिजियम जैसे जैविक उत्पाद का गोबर की खाद के साथ उपयोग किया जा सकता है और फिर ऐसे लोगों से चंदन के पौधों को सुरक्षा प्रदान किया जा सकता है।

इतना ही नहीं अगर आप चाहे तो ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदनाशी का उपयोग कर सकते हैं और ऐसे कीटनाशकों को अपने इस खेती से सुरक्षित रख सकते हैं।

चंदन के पौधों की छटाई और उपज कैसे प्राप्त करें?

चंदन के पौधों की रोपाई के 5 साल बाद से इसके पेड़ों से रसदार लकड़ी बनना प्रारंभ हो जाता है। जब चंदन के पेड़ पूरी तरीके से तैयार हो जाते हैं और जब आप इसके पेड़ों को काटते हैं तो ऐसे में आपको दो प्रकार की लकड़ी प्राप्त होती है पहली रसदार लकड़ी और दूसरी सुखी लकड़ी।

चंदन के पेड़ से प्राप्त इन दोनों प्रकार की अलग-अलग लकड़ियों की बाजार में अलग-अलग मांग होती है और इनका दाम भी अलग-अलग रेट में डिसाइड किया जाता है। चंदन के 14-15 साल के पेड़ों से सूखी लकड़ी प्राप्त की जाती है। इसकी जड़े भी बहुत सुगंधयुक्त होती है, इसलिए इसके पेड़ को काटने की जगह जड़ सहित उखाड़ लिया जाता है। कुछ इसी प्रकार से चंदन के पौधों की छटाई और उपज को प्राप्त किया जा सकता है।

चन्दन की खेती का लाइसेंस (Chandan Ki Kheti Ka Licence)

यदि आप सोच रहे हैं कि चंदन की खेती करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है या नहीं होती है। कई लोग चंदन की खेती डर से नहीं करते हैं कि यदि हम चंदन की खेती करेंगे तो वह गैरकानूनी माना जाएगा और सरकार हमारी चंदन की फसल को जब्त कर लेगी। यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं। चंदन की खेती करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है।

आपको बस इतना करना है कि चंदन की कटाई के पहले ही अपने राज्य के वन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ले लेना है, इसे लेने के लिए आपको कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता नहीं है। यह सर्टिफिकेट आपको कुछ डॉक्यूमेंट फाइल करने से मिल जाएंगे, जिससे कि आप चंदन की खेती कर पाएंगे।

इतना कुछ पढ़ने के बाद यदि आप यह सोच रहे हैं कि हम राजस्थान से हैं क्या हमें लाइसेंस लेना होगा?, हम महाराष्ट्र से हैं क्या हमें लाइसेंस लेना होगा? तो बता दें कि आप किसी भी राज्य से हो आपको चंदन की खेती करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। आपको चंदन की फसल की कटाई से पहले ही अपने राज्य के वन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना है।

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पूरी दुनिया में चंदन का उत्पादन

पूरे दुनिया भर में चंदन का उत्पादन अनेक देशों में होता, चंदन की मांग न केवल हमारे भारत में ही बल्कि अनेकों देशों में होती है, जो कि निम्नलिखित है:

  • श्रीलंका
  • ऑस्ट्रेलिया
  • इंडोनेशिया
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • हवाई और प्रशांत जैसे दीप समूह आदि

चंदन की खेती को करने में कुल निवेश

चंदन की खेती को करने के लिए आपको कुल ₹15000 से लेकर ₹20000 के बीच का निवेश करना पड़ सकता है। इस धनराशि में आप चंदन के पौधों को खरीदने से लेकर कीटनाशकों और इस के खेतों में लगने वाले अन्य रोगों से रोकथाम करने के लिए कर सकते हैं।

इसके अलावा जहां से आप चंदन के पौधे या फिर बीज खरीदोगे, वहां पर इसके दाम के बारे में जरूर पता करें और अपने आवश्यकता अनुसार और अपने बजट अनुसार ही इसकी खरीदारी करें।

चंदन की खेती से होने वाला मुनाफा

अगर पर आप चंदन की खेती को आसानी से कर लेते हैं तो यह आपके लिए किसी लॉटरी से कम नहीं हो सकता है। अगर आप चंदन की खेती को एक अच्छे लेवल पर शुरू करते हैं तो यकीन मानिए आप एक बार में 50 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक की इनकम आसानी से कर सकते हैं। चंदन की खेती का मुनाफा आपके द्वारा किए गए खेती पर निर्भर करता है।

आप जितने मात्रा में इसकी खेती करेंगे और जितनी मात्रा में आप चंदन के पौधों को अच्छे से उपजा पाएंगे, उतना ही ज्यादा आपको मुनाफा होने की संभावना रहेगी। हर समय आपको चंदन की खेती से मुनाफा ही होगा क्योंकि आज भी हमारे देश में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।

परंतु इसकी उत्पादन क्षमता मांग की क्षमता से बहुत ही ज्यादा कम है, इसीलिए आप चंदन की खेती को करके बड़ी ही आसानी से से खूब सारा पैसा कमा सकते हैं।

निष्कर्ष

इस महत्वपूर्ण लेख में हमने आपको चंदन की खेती कैसे करें? (Chandan Ki Kheti Kaise Karen), चंदन की खेती की संपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है।

हमें उम्मीद है कि हमने आपको जो भी जानकारी अपने आज के इस लेख में दी है, उसके जरिए आप बड़ी ही आसानी से चंदन की खेती को कर पाएंगे और इस खेती को करके अच्छे पैसे कमा पाएंगे।

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