Private Limited Company Kaise Khole: एक कंपनी उस ग्रुप को कहां जाता है, जिसमें दो व्यक्ति या दो से ज्यादा लोग एक साथ किसी कार्य को करना प्रारंभ करते हैं। कंपनी एक तरह का समूह होता है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां एक प्रकार का बिजनेस ही होता है। किसी को बिजनेस करने की इच्छा हो तो उसे इस प्रकार की कंपनियों के बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। एक ऐसी कंपनी होती है, जिससे निजी व्यवसाय के लिए स्थापित किया जाता है।

भारत में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कैसे शुरू करें? | Private Limited Company Kaise Khole
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कैसे शुरू करें? (Private Limited Company Kaise Khole)
अगर आप स्वयं की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत करने की इच्छा रखते हैं तो आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि इसमें कम से कम 2 सदस्यों की आवश्यकता होती है और सदस्यों की संख्या लगभग 200 लोगों तक हो सकती है। इसकी शुरुआत करने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल की होनी ही चाहिए।
इसका डायरेक्टर बनने के लिए व अपनी कंपनी का आवेदन करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आपके पास हर आवश्यक दस्तावेज मौजूद हो। एक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी आरंभ करने के लिए आपको उसके बारे में हर एक छोटी व बड़ी जानकारी हासिल करनी होगी। उससे संबंधित हर एक ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयत्न करना होगा।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रकार
सामान्य तौर पर तीन प्रकार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां चलाई जाती है, जिनका उल्लेख निम्न है:
- कंपनियां जो शेरो द्वारा सीमित होती है: इस प्रकार में एक मेंबर कार कंपनी में जितना निवेश है, उसे केवल उतना ही भुगतान करना होता है, उससे ज्यादा भुगतान करना जरूरी नहीं है। सरल शब्दों में शेयरधारकों की देयता, उस कंपनी के मेंबर के शेयर की राशि तक ही सीमित होती है।
- कंपनियां जो गारंटी के माध्यम से सीमित होती है: इस प्रकार की कंपनियों के अंतर्गत एक मेंबर को अपने उत्तरदाई होने की कन्फर्मेशन देना पड़ता है। ऐसी कंपनियां अधिकतर व्यापार संगठनों या समाजों के लिए बनाई जाती है।
- कंपनियां जो असीमित होती है: प्रकार की कंपनियों में मौजूद हर एक मेंबर का दायित्व असीमित होता है। लेकिन कार की कंपनियों में कानूनी इकाई अलग होती है और ऐसी कंपनियों और उनके सदस्यों को अलग अलग ही माना जाता है। अधिकतर केसेस में स्टार्टअप कंपनी का सबसे उत्तम प्रकार असीमित कंपनियों में पंजीकरण करना ही होता है।
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प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए मार्केट रिसर्च
किसी प्रकार के व्यवसाय की शुरुआत करने से पहले एक शॉपकीपर या ओनर को यह बात अपने ध्यान में रखना चाहिए कि दर्शकों व कस्टमर्स की किस विषय में अधिक रुचि है। मार्केट में आपके व्यवसाय की या फिर कंपनी की कितनी आवश्यकता है और किस एज ग्रुप के लोगों को आप के प्रोजेक्ट में ज्यादा दिलचस्पी है, यह दो मुख्य चीजें हैं जिनकी आपको मार्केट रिसर्च करनी होगी।
इससे संबंधित हर एक डिटेल को विस्तार से समझना होगा, जिसके पश्चात ही आपका मार्केट रिसर्च सफल हो पाएगा। मार्केट रिसर्च इसलिए की जाती है ताकि अगर कभी आपको अपने क्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़े तो आपको पता हो कि उसे ठीक कैसे किया जा सकता है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की प्रक्रिया
किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का प्रारंभ करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होता है। सबसे पहले आपको इस विषय में मार्केट रिसर्च करनी होती है, जिसके बाद इस में लगने वाले स्टाफ मेंबर की सूची इसके इन्वेस्टमेंट का एक डीटेल्ड आईडिया हासिल करके रखना होता है सामग्री इत्यादि की आवश्यकता पड़े तो वह सब कहां से खरीदना है और उसका बजट क्या होना चाहिए इसका भी एक रफ आइडिया आपको होनी चाहिए।
उसके पश्चात इसके लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और इसमें होने वाले इन्वेस्टमेंट, प्रॉफिट और लॉस की जानकारी वह मार्केटिंग स्ट्रेटजी का क्लियर जजमेंट होना अनिवार्य है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए लोकेशन
भारत में, अपनी स्वयं की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए आपको उसके ऑफिस की लोकेशन भी तय करनी होती है, जिसके लिए आपको किसी जगह की जरूरत पड़ेगी। दफ्तर को खोलने का मुख्य कारण यह होता है कि आप अपने कंपनी का संचालन एक निश्चित स्थान पर कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि जिस स्थान पर आपने अपना ऑफिस खोलने का निश्चय किया है, उस स्थान पर ही आपकी कंपनी रजिस्टर्ड हो। जिस जगह का चयन कर रहे हैं, वह जगह कहीं भी हो सकती है जैसे कि किसी कमर्शियल एरिया में या इंडस्ट्रियल एरिया में या फिर रेजिडेंशियल एरिया में भी हो सकती है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
अपनी कंपनी के लिए एक लाइसेंस होना अनिवार्य होता है, जिससे आपकी कंपनी लीगल रूप से मार्केट में प्रेजेंट करने के लिए सूटेबल होती है। हर प्रकार की कंपनियों की शुरुआत के लिए सबसे पहले उसका पंजीकरण कराना बहुत आवश्यक होता है। इन कंपनियों की शुरुआत करने के लिए एक डायरेक्टर को डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र इश्यू करना होता है।
वह एक पेपर के प्रमाण पत्र की ही तरह होता है, जिससे आपके प्रोग्राम या फिर कंपनी को एक अलग पहचान मिलेगी। इस तरह हर काम कायदे के दायरे में रहकर किया जाए तो आपको भविष्य में किसी भी चीज की फिक्र करने की आवश्यकता नहीं होती। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को खोलने के लिए कुछ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है और उस रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ डाक्यूमेंट्स का होना भी बहुत जरूरी है जो बहुत आवश्यक होते हैं।
सर्वप्रथम भारतीय नागरिकों का खुद का एक पैन कार्ड होना आवश्यक होता है और जिस भी स्थान पर आप अपनी कंपनी को शुरू कर रहे हैं, उसका प्रमाण पत्र सबमिट करना होता है। एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जो मकान मालिक द्वारा शुरू किया जाता है, उसका सबमिशन भी जरूरी होता है। यदि आपको रजिस्ट्रेशन खुद के नाम से कराना है तो आपका पहचान प्रमाण पत्र का सबमिशन और पत्राचार प्रमाण पत्र का सबमिशन करना अनिवार्य है।
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प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए स्टाफ
ऐसे किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए एक टीम का होना बहुत जरूरी है, उसी प्रकार से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए एक समूह (जिसे सरल शब्दों में स्टाफ भी कहा जाता है) की जरूरत होती है। इसके स्टाफ की शुरुआत केवल दो लोगों से की जा सकती है।
एक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत करने के लिए कम से कम 7 लोगों की आवश्यकता होती है और दो निदेशक द्वारा इसका प्रारंभ किया जाता है, इसमें लगभग 200 कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए कॉस्ट और इन्वेस्टमेंट
सबसे पहले आपको इसकी रजिस्ट्रेशन के दौरान कई प्रकार के चार्जेस पर करने होते हैं जैसे कि ₹2000 डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट के लिए आवश्यक होते हैं और इसी प्रकार से ₹1000 डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर के लिए जमा करने होते हैं। ₹2500 की स्टैंप ड्यूटी और सीरियल लेयर और दूसरे महत्वपूर्ण चीज की कीमत लगभग 3000 से ₹4000 तक होती है।
जिसके साथ 500 या फिर 1000 रुपए नोटरी फीस के लिए काम आते हैं और ₹1200 गवर्नमेंट फीस होती है, इन सब के साथ एक 18 पर्सेंट जीएसटी भी लगती है। कुल मिलाकर केवल के रजिस्ट्रेशन के लिए ही ₹15000 के निवेश की जरूरत पड़ती है व इस में लगने वाले और भी कुछ इन्वेस्टमेंट आपको करने होते हैं। जैसे आपको सरकार को शेयर के रूप में लगभग ₹100000 की रकम देनी पड़ती है। यह कैपिटल फि का एक प्रकार होता है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में प्रॉफिट
एक खुद की प्राईवेट लिमिटेड कंपनी होने के कई फायदे होते हैं। इसके फायदों में से एक फायदा यह है कि इसमें कोई बैठक आयोजित करने की जरूरत नहीं पड़ती ना ही किसी स्टैचुअरी रिपोर्ट को सबमिट करने की जरूरत पड़ती है। इस में काम करने वाले निदेशक कम से कम 2 की संख्या में ही होते हैं।
इस प्रकार की कंपनियों का सिस्टम और उसका मैनेजमेंट बाकी कंपनियों की तुलना में अधिक लचीला होता है। केवल इसलिए कि इसमें मौजूद है मेंबर इसका पूर्ण लाभ व आनंद उठा सके प्रकार की कंपनियों की देयता सीमित होती है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मार्केटिंग
आप इसकी मार्केटिंग कई तरह से कर सकते हैं जैसे कि पहला व सबसे सरल माध्यम होता है सोशल मीडिया। इसमें तरह-तरह की सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप, और टि्वटर इत्यादि पर आप अपने कंपनी की एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं।
इससे यह बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय हो जाता है। क्योंकि आजकल इंटरनेट के जमाने में कोई भी नई चीज बहुत ही शीघ्र वायरल होने लगती है। इसकी मार्केटिंग करने का एक दूसरा प्रकार है आप अखबारों में या फिर टेलीविजन में अपने कंपनी का विज्ञापन प्रकाशित करा सकते हैं, जिससे यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच पाएगा।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में रिस्क
प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां के कुछ रिस्क और नुकसान भी होते हैं। सबसे पहला यह होता है कि इसमें शेयरों का हस्तांतरण आपके लेखों द्वारा प्रतिबंधित होता है और इसके सदस्यों की गिनती 50 लोगों से ज्यादा होना अलाउड नहीं होता।
इसके द्वारा साधारण व्यक्तियों को अर्थात कॉमन मैन को कोई प्रोस्पेक्टस नहीं दिया जाता। यह तीन मुख्य रिस्क और नुक्सान होने की संभावनाएं होती है, अगर आप कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलते है तो।
FAQ
अगर हर एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी है तो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को बंद किया जा सकता है। परंतु इसके बहुत सारे रूल्स और रेगुलेशंस होते हैं जैसे कि कंपनी के एक वॉलंटरी वाइंडिंग की प्री सॉल्यूशन की शुरुआत करनी पड़ती है। इसके अलावा अपने कंपनी के शेयर को किसी और को सेल करने के पश्चात अपनी कंपनी को सेल आउट किया जा सकता है।
किसी भी चीज की प्रसिद्धि उसके नाम से ही होती है और ऐसा ही कंपनियों में भी होता है अपने कंपनी को शुरू करने से पहले आपको उसका एक यूनिक नाम रखना होता है। अपनी कंपनी का नाम रखते समय आपको बहुत ध्यान पूर्वक नाम का चयन करना पड़ता है। क्योंकि जब आप ROC में या फिर रजिस्ट्रार में अपनी कंपनी के नाम के रजिस्ट्रेशन कर रहे होते हैं तो आपको अपने कंपनी के लिए 5 से लेकर 6 नाम सुझाने होते हैं।
प्रोस्पेक्टस या सुचीपत्र एक तरह का डॉक्यूमेंट होता है। इस तरह के डॉक्यूमेंट के अंदर किसी कंपनी के बारे में हर एक जानकारी प्रदान की जाती है। इसमें हर छोटी छोटी डिटेलस लिखी जाती है जैसे कि उस कंपनी के निर्देशक के बारे में, या उस कंपनी की प्रोफाइल के बारे में और उस कंपनी को शुरू करने के लिए क्या क्या चीजों की आवश्यकता पड़ी है और कितनी धनराशि लगी है। इन सभी जानकारियों की तरह ही बेसिक ज्ञान उस प्रोस्पेक्टस में दिया जाता है।
इस प्रकार की कंपनियों में अगर कभी घाटा होने को आता है तो उस कंपनी के मेंबर नुकसान की भरपाई भी करते हैं, जिसके लिए वह अपने अपने शेयरों को बेचने लग जाते हैं। अर्थात प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में यदि कोई घाटा होता भी है तो उसका इफेक्ट व्यक्तिगत शेयर पर नहीं पड़ता। यदि किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संस्थापक मेंबर की मृत्यु हो जाती है तो उसके पश्चात भी इस कंपनी का अस्तित्व बना रहता है, और इसके पहचान में कोई बदलाव नहीं आता।
भारतीय प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर बनने की इच्छा कई लोगों में होती है, जिसके लिए आप की उम्र 18 साल से ज्यादा ही होनी चाहिए। इस तरह की कंपनियों का डायरेक्टर कोई भी सामान्य व्यक्ति भी बन सकता है। यदि एक व्यक्ति विदेशी नागरिक है और उसे भारत में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना करनी है तो यह भी मुमकिन होता है। इसकी योग्यता से संबंधित कोई भी कठोर नियम नहीं दिया गया है और डायरेक्टर बनने के इच्छुक को निवास स्थान या फिर नागरिकता जैसे किसी भी क्राइटेरिया को फुल फील करने की आवश्यकता नहीं है।
निष्कर्ष
ऊपर दिए गए सभी बिंदुओं को ध्यान से पढ़ने के बाद आपको समझ गया होगा कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को खोलने के लिए आपको किन-किन प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। इसमें एक-एक विषय को विस्तार से समझाया गया है ताकि पढ़ने वालों को हर तरह से क्लेरिटी हो और वह भी अगर अपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने की इच्छा रखते हैं तो उसे पूरा करने में उन्हें सहायता हो।
हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कैसे शुरू करें? (Private Limited Company Kaise Khole) आपको पसंद आया होगा। यदि आपका उससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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