Finance Company Kaise Start Kare : आज के समय में शायद ही कोई ही फाइनेंस से अनभिज्ञ होगा। फाइनेंस एक खुशी का साधन है। मनुष्य के जीवन में फाइनेंसियल कंपनियों का बहुत महत्व है, जब फाइनेंसियल समस्याएं मनुष्य के जीवन में आती हैं तब यह फाइनेंसियल कंपनियां ही उनकी खुशी का एक साधन बनती हैं। मनुष्य की बहुत सारी इच्छाएं और आकांक्षाएं होती हैं तथा उसके परिवार में भी सबकी अलग-अलग इच्छाएं व आकांक्षाएं होती हैं परंतु घर का मुख्य सदस्य परिवार के सभी सदस्य की इच्छाओं को पूरा नहीं कर सकता।
एक मनुष्य के जीवन का लक्ष्य बहुत सारी कमाई करना तथा अपने परिवार को खुश रखना ही होता है परंतु आज बात करें तो बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके जीवन में आर्थिक समस्याएं नहीं है और जहां बात करें आज 90 % लोग इस समस्या से घिरे हुए हैं।

मनुष्य दुख से मुक्ति पाना चाहता है वह खुशी की ओर भागता है और आज की दुनिया में खुश रहने के लिए पैसा की आवश्यकता बहुत है इसलिये उसे कर्ज लेने की आवश्यकता पड़ती है। तो हां दोस्तों आज हम फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करें? के बारे में बताने वाले हैं कृपया अंत तक पोस्ट को पढ़ें
फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करें? | Finance Company Kaise Start Kare
फाइनेंस कंपनियों के बारे में
अगर हम फाइनेंशियल कंपनियों की बारे में बात करें तो यह ऐसी कंपनियां होती है ,जो व्यक्तिगत तथा बिजनेस के लिए ऋण प्रदान करती हैं लेकिन यह बैंकों से बिल्कुल अलग होती हैं। इसमें आप नगद राशि जमा नहीं कर सकते है और यहां बैंकों जैसी कोई सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं होती हैं।
यह निश्चित ब्याज पर ऋण देती हैं। फाइनेंस कंपनियों की कमाई का स्रोत मूलधन पर ब्याज से होता है। यह बैंकों से अधिक, ब्याज अर्जित करती हैं। इस कंपनी से वैसे ही लोग ब्याज लेते हैं, जिन्हें कुछ कारणों से बैंक से ब्याज नहीं मिलता या भारत में कई ऐसे लोग भी हैं जिनको काफी कम समय के लिए धनराशि चाहिए ,वह बैंकों के झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं। इसीलिए इस कंपनी का निर्माण हुआ।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लक्ष्य
फाइनेंसियल कंपनी के बहुत सारे प्रारूप है। परंतु हम सबसे पहले माइक्रो फाइनेंस कंपनी के बात करेंगे क्योंकि काफी लोग छोटे स्तर से बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं तो उनके लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी है ठीक रहेगी। माइक्रो फाइनेंस कंपनी की कुछ विशेषताएं निम्न है।
- गरीबों को बैंक से ऋण लेना बहुत ही समस्या भरा काम है इसलिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी उनके जीवन में सुधार लाने के लिए ऋण प्रदान करती हैं।
- एक व्यवहारिक विधि संस्थान बनाने के लिए टिकाऊ समुदाय का निर्माण करती है।
- गरीब महिलाओं को आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाती हैं जिन्हें आसानी से ऋण मिल सके।
- लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए सहायक होती है।
- बेरोजगार व वंचित लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में युवकों तथा युवतियों को रोजगार देने के लिए प्रशिक्षण देते हैं।
भारत में खुद की फाइनेंशियल कंपनी कैसे शुरू करे?
भारत में फाइनेंस कंपनी खोलना बहुत ही कठिन है क्योंकि इसका लाइसेंस प्राप्त करना बहुत ही जोखिम भरा काम है। यदि आप इसका लाइसेंस प्राप्त करने जाते हैं तो आपको बहुत ही संदिग्ध नजरों से देखा जाता है क्योंकि आपकी कंपनी के पीछे फाइनेंस शब्द लगा हुआ है अर्थात इसका मतलब वह समझेंगे आप किसी के साथ धोखाधड़ी या बेईमानी का काम तो नहीं करने जा रहे हैं या किसी भी प्रकार की योजना शुरू कर के लोगों को बेवकूफ तो नहीं बना रहे हैं।
इस बिजनेस को सरकार भी संदिग्ध नजर से देखती है। संदिग्ध नजरों से देखने का कारण यह है कि लगभग 90 के दशक में ऐसी कंपनियों की भरमार थी और हजारों लोगों के लाखों करोड़ों रुपए धोखाधड़ी में इन कंपनियों ने गायब कर दिए। इसलिए इन कंपनियों पर विश्वास करना संभव नहीं हो पाता। यही कारण है कि वर्तमान समय में फाइनेंस कंपनियों का लाइसेंस प्राप्त करना बहुत संघर्ष भरा कार्य हो गया है।
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फाइनेंस कंपनियों के प्रारूप
परंतु आज ऐसा धोखाधड़ी का कार्य बिल्कुल नहीं हो रहा है। बैंकों जैसा कार्य आज काफी प्रारूप तुम्हें फाइनेंस कंपनियां कर रही हैं, जिनकी लिस्ट निम्न है-
- नान फाइनेंस कंपनी
- ट्रस्ट एवं सोसायटी
- निधि कंपनीज
- माइक्रोफाइनेंस कंपनीज
- प्रोड्यूसर कंपनी
- लोकल फाइनेंस कंपनीज
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी रजिस्ट्रेशन
इस प्रकार की कंपनियों का रजिस्ट्रेशन भारतीय रिजर्व बैंक देती है। इस कंपनी को शुरू करने के लिए आप को कम से कम 2 करोड रुपए की आवश्यकता होगी। यदि इकाई माइक्रो फाइनेंस कंपनी हो तो लगभग पांच करोड़ रुपए तक की लागत लगती है। इस प्रकार की कंपनियों का रजिस्ट्रेशन आरबीआई देती है और रजिस्ट्रेशन से कंपनी शुरू करने का पूरा समय लगभग 5 से 6 महीने होता है।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस रजिस्ट्रेशन के निम्न वत फायदे होते हैं जो निम्न है।
- फाइनेंस का सबसे प्रमाणिक विकल्प यही होता है।
- भारत की सबसे बड़ी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस मान्यता प्राप्त होता है।
- उस लाइसेंस को प्राप्त करने के बाद कंपनियां भारत में कहीं भी कार्य कर सकते हैं।
- यह कंपनियां विदेश निवेश भी स्वीकार कर सकती हैं।
ट्रस्ट एंड सोसायटीज माध्यम से रजिस्ट्रेशन
ट्रस्ट एंड सोसाइटीज कंपनियों में काफी प्रसिद्ध है। यदि छोटे स्तर पर अर्थात जिला स्तर पर बिजनेस को शुरू किया जाए तो ट्रस्ट एंड सोसाइटी कंपनी के माध्यम से शुरू कर सकते हैं। परंतु ट्रस्ट एंड सोसाइटीज कंपनी में धोखाधड़ी के कारण लाइसेंस प्राप्त करना बहुत ही कठिन है।
ट्रस्ट एंड सोसायटीज कंपनी के फायदे
●इसे बेहद कम रजिस्ट्रेशन लागत की आवश्यकता होती है।
●अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।
●जमा की गई राशि को स्वीकार कर सकता है।
निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन
यदि निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन की बात करें तो यहां सभी कंपनियों से बेहतर तथा आसान होती है। भारत में इस कंपनी को खोलने के लिए 5 से 6 लाख रुपये की आवश्यकता होती है और इसका रजिस्ट्रेशन 15 से 20 दिन में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
- इस कंपनी से ऋण लेकर उद्यमी बिजनेस भी स्टार्ट कर सकता है और व्यक्तिगत ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है काफी कम ब्याज दर पर।
- यह कंपनी सबसे बेहतर तथा आसान कंपनी मानी जाती है इसमें कंपनी शुरू करने के लिए 5 से 6 लाख की आवश्यकता पड़ती है।
- इस कंपनी को शुरू करने के लिए आपको 7 लोगों की आवश्यकता पड़ती है जो तीनों कंपनियों के डायरेक्टर होते हैं।
- इस कंपनी को शुरू करने के लिए पैन कार्ड फोटो आधार कार्ड इत्यादि दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है।
- इसके अलावा ऑफिस का पता तथा उसके तौर पर बिजली का बिल और अरगुमेंट की आवश्यकता पड़ती है।
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भारत में फाइनेंस कंपनी शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
किसी भी फाइनेंस कंपनी के बिजनेस को शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है, जो चार भागों में है। आगे समझने से पहले हम आपको जानकारी देते हैं कि किसी भी कंपनी की लाइसेंस की प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी है। निधि कंपनियां फाइनेंस कंपनियां होती है इसके लिए 2014 के अधिनियम से एक रूल बनाया गया था। इनके लिए अलग से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है निधि रजिस्ट्रेशन ही इन कंपनियों के लिए मान्य होता है।
यदि कंपनियों को भारत मे खोला जाए तो निम्न चरणों में होगी।
● उद्यमी को दस्तावेज तैयार करना होगा तथा 7 व्यक्तियों के डिजिटल सिग्नेचर लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
● उद्यमी को अगले चरण में 7 व्यक्तियों में से तीन को डायरेक्टर नियुक्त करना होगा परंतु डायरेक्टर के पास डायरेक्ट आईडेंटिफिकेशन नंबर होना अनिवार्य है। कानून के मुताबिक यह नंबर होना अति आवश्यक है।
● अब उद्यमी को अपनी कंपनी का नाम अप्रूव करना होगा जिससे कि फाइनेंस लेने वाले लोग गूगल पर सर्च कर सके।
● निधि कंपनी को अपने सारे दस्तावेज तैयार करके निगमन तथा इनकारपोरेशन के लिए एमसीसी ऑफिस जाना होगा।
और इसके बाद आपन अपनी कंपनी को खोल सकते है और लोगो को फाइनेंस समस्या को हल कर सकते है
FAQ
किसी बैंक या कंपनी से निश्चित दर पर ली गई राशि या समान को फाइनेंस कहा जाता है।
1-नान फाइनेंस कंपनी
2-ट्रस्ट एवं सोसायटी
3-निधि कंपनीज
4- माइक्रोफाइनेंस कंपनीज
5-प्रोड्यूसर कंपनी
6-लोकल फाइनेंस कंपनीज
बैंक से ब्याज लेने पर 8.45% दर से ब्याज अदागी करनी पड़ती है।
अलग ब्याज लेती हैओ लेकिन वह ब्याज बैंक से ज्यादा दर पर लेती है।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने आपको फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करें? (Finance Company Kaise Start Kare) के बारे में जानकारी दी है। यदि आप इस क्षेत्र में बिजनेस करना चाहते हैं और अपने करियर को बनाना चाहते हैं तो यह बेहतर बिजनेस हो सकता है, और पोस्ट के माध्यम से बताया गए माइक्रो कंपनी में निधि कंपनी इत्यादि कंपनियों से अपने बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं।
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