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गिलोय की खेती करके पैसे कैसे कमाएं?

Giloy Ki Kheti se Paise Kaise Kamaye: आजकल गिलोय की खेती करके बहुत ही अच्छी कमाई की जा रही है। यह खेती केवल किसान के द्वारा ही नहीं बल्कि शहरों में भी की जा रही है। गिलोय की खेती कहीं पर भी बहुत ही आराम से की जा सकती है और इससे बहुत ही अच्छा मुनाफा भी होता है।

जैसा कि आप जानते हैं गिलोय बहुत सारी बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है। गिलोय एक ऐसी घरेलू औपचारिक दवाई है, जिसका इलाज कोई भी कहीं भी बैठे आराम से कर सकता है।

Giloy Ki Kheti se Paise Kaise Kamaye
Image: Giloy Ki Kheti se Paise Kaise Kamaye

इस समय गिलोय की खेती बहुत ही ज्यादा की जाती है। गिलोय की खेती करके पैसे भी बहुत ज्यादा कमाए जा सकते हैं। अगर आप गिलोय की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? के बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

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गिलोय की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? | Giloy Ki Kheti se Paise Kaise Kamaye

Table of Contents

गिलोय क्या होता है?

गिलोय एक ऐसा पौधा है, जो समूह में रहता है। इस पौधे का तना 2 सेंटीमीटर की मोटाई का होता है। इसी के साथ इनकी शाखा में गठिले निशान और जड़े भी निकलती रहती हैं। इसमें शाखा और कानों पर सफेद अनु लंब दाग धब्बा बना हुआ होता है।

गिलोय की छाल स्लेटी, भूरी एवं हल्की सफ़ेद रंग की होती है और इसे आसानी से छीला जा सकता है। गिलोय की पत्तियों का आकार 5 से 15 सेंटीमीटर अंडाकार होती है। गिलोय की पत्तियां पान की पत्तियों की जैसी ही प्रतीत होती हैं। इस पौधे का प्रयोग दवाई और औषधि बनाने के लिए किया जाता है।

गिलोय की खेती करने के लिए उसके पौधे को तैयार करना

यदि आप सभी लोग गिलो की खेती करना चाहते हैं, उससे पैसा कमाना चाहते हैं, इसके लिए पहले आप सभी लोगों को लोहे के पौधे को तैयार करना होगा, इसके पौधे को तैयार करना बहुत ही आसान है।

गिलोय के पौधे को खेत में रोकने का समय मुख्यता जून और जुलाई मैं प्राप्त तने को सीधे खेत में रोक दिया जाता है, गिलोय के तने को ज्यादा समय तक बाहर नहीं रखना है।

गिलोय की खेती के लिए कौन सी मृदा अच्छी होती है?

यदि आप सभी लोग सोच रहे हैं कि गिलोय की खेती के लिए कौन सी मृदा अच्छी होती है, क्या इस मृदा में गिलोय की खेती अच्छी होगी? तो हम आपको बता दें कि गिलोय की खेती के लिए अच्छी मिला हल्की काली से लाल होती है, इस निदा में आपके गिलोय की खेती अच्छी होगी।

गिलोय की खेती के लिए कितनी जमीन में कितने पौधे लगेंगे?

गिलोय की खेती करने के लिए कितना जमीन लगेगा?, कितने जमीन में कितने पौधे लगेंगे?, यदि आप सभी लोग यही सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि कितना जमीन लगेगा, यह खेती करने वाले के ऊपर निर्भर करता है कि वह कितने जमीन में खेती कर रहा है।

बता दे कि गिलोय की खेती के लिए आपको प्रति हेक्टेयर जमीन में लगभग 2500 गिलोय के कलमो की आवश्यकता पड़ेगी।

गिलोय की खेती के लिए मार्केट रिसर्च

किसी भी प्रकार का बिजनेस शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च करना बहुत ही आवश्यक है। मार्केट रिसर्च करके आप यह पता कर सकते हैं कि गिलोय की मार्केट में कितनी डिमांड है।

इसी के साथ आपके सामने कौन सा प्रतिनिधित्व है, जो गिलोय की खेती कर रहा है। इसी के साथ आप थोड़ी बहुत जानकारी गिलोय के बारे में ले सकते हैं, इसी से आपका बिजनेस अच्छा चलने की संभावना ज्यादा रहेगी।

गिलोय की खेती के लिए मशीनें

इसके लिए किसी भी प्रकार की मशीन की आवश्यकता नहीं होती है, केवल खेत जोतने के लिए हल की आवश्यकता होती है।

गिलोय की खेती के लिए कुल लागत

छोटे स्तर पर इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको ज्यादा लागत लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। आप इसे ₹10000 से ₹15000 लगाकर भी शुरू कर सकते हैं।

इसी के साथ अगर आप इस बिजनेस को बड़े स्तर पर शुरू करते हैं तो उसके लिए आपको कम से कम तीन से ₹400000 जरूरी होते हैं, बशर्ते इसमें जमीन आपकी खुद की होनी चाहिए, अगर आप जमीन किराए पर लेते हैं तो उसका किराया अलग से देना होता है।

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गिलोय की खेती किस प्रकार करें?

गिलोय की खेती करने के लिए आवश्यक स्टेप जरूरी है, अगर आप इन्हें अच्छी तरह से फॉलो करेंगे तो बहुत ही आराम से गिलोय की खेती कर पाएंगे।

जलवायु एवं मिट्टी

गिलोय की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको जलवायु और मिट्टी का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस पौधे को उष्णकटिबंधीय जलवायु में जैविक रूप से बुलाई दोमट मिट्टी में उगाया जाता है।

गिलोय को लगाने के लिए मिट्टी को भुरभुरी बनाना होता है और इससे पौधे बहुत ही आसानी से लग जाते हैं। इसी के साथ बुलाई मिट्टी में गिलोय बहुत ही तेजी से और जल्दी उठना है, इसीलिए इस मिट्टी और जलवायु को गिलोय के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।

सामग्री

गिलोय को उगाने के लिए तनु की कटाई जून-जुलाई के दौरान की जाती है और यह महीना पौधारोपण के लिए सर्वश्रेष्ठ सामग्री है, इसी के साथ दो घाट सहित लगभग 6 से 8 इंच की कटिंग करके सीधी रोपाई भी की जाती है।

उर्वरक को तैयार करना एवं खेत तैयार करना

जैसा कि आप जानते हैं किसी भी पौधे को उगाने से पहले खेतों की जुताई की जाती है और उन्हें खरपतवार मुक्त कराया जाता है, इसीलिए सबसे पहले आपको खेतों की जुताई करना बहुत ही आवश्यक है। जब आप यह तैयार करते हैं, उस समय हेक्टेयर 10 टन उर्वरक और नाइट्रोजन की अधिक खुराक का इस्तेमाल करना जरूरी होता है।

पौधारोपण करने की प्रक्रिया

गिलोय को गाँठो सहित तने की कटिंग करके सीधा खेत में लगाया जाता है और गिलोय अच्छी पैदावार के लिए 3 मीटर 3 मीटर की दूरी पर ही लगाया जाता है। गिलोय को उगाने के लिए सबसे ज्यादा लकड़ियों की खपचियो की आवश्यकता होती है, जिससे झाड़ियां पर उगने के लिए पौधों को सहारा मिल जाए।

पौधे को तैयार करना रोपाई के लिए

गिलोय के पौधे से काटे गए तने को 24 घंटे के अंदर लगा देना जरूरी होता है और इसको करने का सही समय जून एवं जुलाई होता है।

संवर्धन विधि

इस विधि को पूरा करने के लिए 75 किलोग्राम नाइट्रोजन के साथ 10 टन उर्वरक बहुत ही ज्यादा जरूरी होती है। इसी के साथ अच्छी पैदावार के लिए लगभग दो से तीन बार निराई गुड़ाई की जरूरत भी होती है। समय-समय पर निराई गुड़ाई करके कतारों में से खराब फसल को निकालना बहुत जरूरी होता है।

सिंचाई करने की विधि

इस पौधे को वर्ष जनित स्थिति में ही लगाया जाता है। इसी के साथ अत्यधिक ठंड और अत्यधिक गर्मी के समय इस पौधे को आकस्मिक संचाई बहुत ही ज्यादा लाभदायक होती है।

रोग एवं कीटाणु का नियंत्रण

गिलोय के पौधे में किसी भी गंभीर के संक्रमण और बीमारी नहीं पनपती है, क्योंकि यह पौधा खुद ही अपने आप में एक प्रकार का कीट नियंत्रण पौधा है, जिसकी वजह से बहुत सारी बीमारियां ठीक होती हैं।

गिलोय की कटाई करना

गिलोय के तने की कटाई होने लगती है तब पतझड़ का समय होता है, उस समय यह 2.5 सेंटीमीटर व्यास बढ़ा हुआ होता है, इसी के साथ इसको काटते समय आधार का हिस्सा दोबारा से बढ़ने के लिए भी छोड़ दिया जाता है।

कटाई करने के बाद उसका प्रबंधन करना

गिलोय के तने को बहुत ही सावधानी के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है, इसी के साथ इसे छाया में भी सुखाया जाता है, इन्हें इकट्ठा करने के लिए जूट के बोरे में भरकर ठंडे और हवादार स्थान वाले गोदाम में रखा जाता है।

एक समय में कितनी पैदावार

इस पौधे से लगभग 2 वर्षों में प्रति हेक्टेयर लगभग 1500 किलोग्राम ताजा तने की पैदावार होती है, इसी के साथ इसका शुष्क वजन लगभग 300 किलोग्राम होता है।

इन सभी स्टेप को अच्छी तरह से फॉलो करके गिलोय की खेती की जा सकती है।

गिलोय की खेती से होने वाला मुनाफा

इस खेती को आप घर पर भी कर सकते हैं। इसके लिए अगर आप थोड़ी मेहनत करेंगे तो बहुत ही ज्यादा मुनाफा हो जाएगा। इसी के साथ आप इसे बड़े स्तर पर भी शुरू कर सकते हैं। अगर आप इसे घर पर शुरू करेंगे तो ₹15000 से ₹20000 की कमाई आराम से कर लेंगे। इसी के साथ अगर आप बड़े स्तर पर शुरू करेंगे तो आप ₹60000 से ₹70000 की कमाई कर सकते हैं।

अगर आप इस बिजनेस को सही तरीके से करेंगे तो आप लाखों करोड़ों रुपए भी कमा सकते हैं। क्योंकि गिलोय का इस्तेमाल इस समय बहुत ही ज्यादा किया जा रहा है। इसी के साथ इसकी दवाई भी बहुत अधिक बनाई जा रही है और यह बहुत ही फायदेमंद भी होता है।

गिलोय की खेती के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

अगर आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो आपको किसी भी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। इसी के साथ अगर आप इसे बड़े स्तर पर शुरू करते हैं तो उसके लिए आपको नगर निगम से रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होता है, इसी के साथ जीएसटी नंबर रजिस्ट्रेशन भी आवश्यक होता है।

गिलोय की खेती के लिए मार्केटिंग करना

जब आप की खेती पूरी तरह से तैयार हो जाती है, मतलब कटाई होकर भी तैयार हो जाती है तब आप इसकी मार्केटिंग अवश्य करें। मार्केटिंग करने के लिए आप होलसेलर एवं रिटेलर से संपर्क कर सकते हैं।

इसी के साथ पतंजलि आयुर्वेदिक दवाइयों के स्टोर पर संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि यह भी एक आयुर्वेदिक दवाई है, जिसका उपयोग किया जाता है। इसी के साथ आप ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रमोशन भी कर सकते हैं।

गिलोय की खेती में रिस्क

इस बिजनेस में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना पड़ सकता है। क्योंकि यह कैसा बिजनेस है, जो पूरे वर्ष भर चलता है और इस समय लगातार इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है। इसीलिए अगर आप इसका बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होगा।

गिलोय का सेवन करने का तरीका

गिलोय का सेवन अनेकों प्रकार से किया जाता है। यदि आप इस बुखार मैं ऐसा भी जुखाम में कर रहे हैं तो आपको इसका सेवन पाउडर या काढ़े के रूप में करना चाहिए, गिलोय का पाउडर बनाने के लिए आपको गिलोय के पत्ते को सुखाकर उसे महीन बारीक पीस लेना है, जिससे कि आपको गिलोय का पाउडर प्राप्त हो सके।

वे लोग जिनके शरीर में जलन होती है, वे गिलोय के पत्ते का पेस्ट बनाकर जलन वाली जगह पर लगा लेते हैं, जिससे कि उन्हें आराम मिलता है, पीलिया के मरीज गिलोय के पत्ते को पीसकर शहद में मिलाकर भी पी सकते हैं।

गिलोय के पत्ते को पीसकर उसे शहद तथा घी में मिलाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है इत्यादि गिलोय का सेवन इसी प्रकार अनेकों तरह से किया जाता है।

गिलोय से होने वाले लाभ

गिलोय मैं कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस इत्यादि अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे कि गिलोय हमारे लिए बहुत ही लाभदायक होता है, गिलोय से सर्दी जुखाम जैसे रोग ठीक हो जाते हैं, गिलोय के एक ही नहीं बल्कि अनेकों लाभ है, जो निम्नलिखित हैं:

  1. गिलोय के सेवन से पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है, इससे कब्ज तथा गैस खत्म हो जाता है।
  2. वे लोग जो अपने त्वचा की जलन तथा त्वचा की एलर्जी से परेशान है, वह लोग गिलोय को अपने डाइट में इस्तेमाल करते हैं।
  3. गिलोय एनीमिया जैसी बीमारियों को भी दूर करने की क्षमता रखती है।
  4. बीमारी जो पीलिया से ग्रसित होते हैं, गिलोय उनके के लिए फायदेमंद होता है।
  5. गिलोय डायबिटीज के इलाज में भी फायदेमंद माना जाता है।
  6. ऐसा माना जाता है कि गिलोय डेंगू के इलाज में भी बहुत सहायता करता है।
  7. गिलोय हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को स्वस्थ रखता है, जिससे कि हमें सर्दी, जुखाम, बुखार जैसी छोटी मोटी बीमारियां ना हो सके।

गिलोय से होने वाले नुकसान

गिलोय का सेवन हर महीने में नहीं जाता है। गिलोय का सेवन कुछ ही महीनों में करना चाहिए तथा साथ ही साथ आपको 1 दिन में 1 ग्राम से ज्यादा गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए, गिलोय का सेवन गर्मियों में ना करें तो अच्छा रहेगा।

क्योंकि गर्मियों में गिलोय के सेवन से आपके पेट में जलन कब्ज गैस जैसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं तथा गर्मियों में गिलोय के उपयोग से आपके इम्यूनिटी सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है।

FAQ

क्या गिलोय की खेती करके पैसा कमाना संभव है?

जी हां, आप गिलोय की खेती करके लाखों करोड़ों रुपए कमा सकते हैं।

इस खेती के बिजनेस में कितनी लागत लगती है?

छोटे स्तर पर करने के लिए ₹10000 से ₹15000 और बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए कम से कम ₹300000 से ₹400000 की आवश्यकता होगी।

क्या इस बिजनेस को शहर में भी किया जा सकता है?

जी हां, आप इस बिजनेस को शहर में बहुत ही आराम से कर सकते हैं।

गिलोय की कीमत क्या है?

₹100 से 125 क्विंटल प्रति एकड़ हरि गिलोय का उत्पादन किया जाता है, इसी के साथ मंडी में इसकी कीमत लगभग ₹12 से ₹15 प्रति किलोग्राम होती है।

गिलोय का उत्पादन करके कहां बेचा जा सकता है?

गिलोय का उत्पादन करके कहीं पर भी बेचा जा सकता है, सरकार के द्वारा भी एक अभियान चलाया गया है कि घर घर लगे गिलोय सरकार के द्वारा खरीदा जाएगा।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के द्वारा आपको गिलोय की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? (Giloy Ki Kheti se Paise Kaise Kamaye) इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है। अगर आप भी गिलोय की खेती करना चाहते हैं और पैसे कमाना चाहते हैं तो इसके लिए आप ऊपर दिए गए आर्टिकल को अच्छी तरह से पढ़े और समझे और यह एक ऐसा बिजनेस है, जो बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, इसमें ज्यादा लागत की भी आवश्यकता नहीं होती है।

आशा करते हैं आप हमारी दी गई जानकारी से संतुष्ट होंगे। फिर भी आपको इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट जरूर करें।

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