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तेल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें?

Oil Mill Business Ideas in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं तेल की मिल का व्यापार कैसे शुरू करें। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि इस व्यापार को शुरू करते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस व्यापार की लागत कितनी हो सकती है, किन जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और इस व्यापार में जोखिम का स्तर क्या होता है।

तेल मिल उद्योग एक ऐसा व्यापार है, जो लोगों के दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ होता है। व्यक्ति एक दिन में कई प्रकार के तेलों का इस्तेमाल करता है। खाना खाने में, बालों में लगाने में, पूजा पाठ में और भी कई कार्यों में जिस वजह से इस व्यापार की मांग बहुत अधिक होती है।

यह व्यापार काफी कामयाब भी है तो ऐसे व्यक्ति जो वर्तमान समय में किसी व्यापार में निवेश करने का विचार कर रहे हैं या तेल के व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहते हैं तो आज का आर्टिकल उन सभी व्यक्तियों के लिए बहुत अधिक आवश्यक और महत्वपूर्ण होने वाला है।

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Image: Oil Mill Business Ideas in Hindi

आप इस व्यवसाय से जुड़कर तेल व्यापारी भी बन सकते हैं लेकिन इस व्यवसाय में निवेश करने से पहले आपको बहुत अच्छी तरह इस व्यापार को समझ लेना चाहिए कि किस तरह से इस मिल को खोला जाता है और कौन सा तेल किस प्रकार के बीजों से निकाला जाता है।

तेल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? | Oil Mill Business Ideas in Hindi

तेलों के प्रकार

भारत के हर एक घर में खाना बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। जैतून का तेल, सरसों का तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल और बालों में लगाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के तेल बाजार में उपलब्ध है। अतः कोई व्यापारी जो इस व्यवसाय में आना चाहता है, उसे इन सभी में से किसी एक तेल का चयन करना होगा, जिसका वह उत्पादन करना चाह रहा है।

आपको उस तेल से संबंधित कच्चे माल और मशीनों को खरीदना होगा। जिस भी तेल को आप बेचना चाह रहे हैं जैसे सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल और जैतून का तेल क्योंकि सभी तेलों के कच्चे माल या सामग्री अलग-अलग होती है और उन्हें बनाने का तरीका या विधि भी अलग होती है।

तेल की मिल का व्यापार का स्तर क्या होना चाहिए?

व्यापारी को व्यवसाय शुरू करने से पहले कई प्रश्नों का उत्तर स्वयं से ढूंढना होता है कि वह किस प्रकार का व्यापार शुरू करना चाहता है, व्यापार का स्तर क्या होना चाहिए, क्या व्यापार को निम्न स्तर से शुरू करना है, मध्यम स्तर से या उच्च स्तर से उस व्यवसाय हेतु उसकी लागत क्या होनी चाहिए आदि।

तेल के व्यापार में प्रतिदिन मीट्रिक टन के हिसाब से तेल का उत्पादन किया जाता है और यह उस व्यापार के स्तर पर निर्भर करता है कि व्यापार किस स्तर का है लघु स्तर, मध्यमिक पर या उच्च स्तर पर।

यदि व्यापार में प्रतिदिन 5 से 10 मीटर टन तेल का उत्पादन हो रहा है तो वह निम्न स्तर का व्यापार है अर्थात लघु स्तर का व्यापार है। यदि मिल में 10 से 50 टन के बीच तेल का उत्पादन हो रहा है तो वह व्यापार मध्यम स्तर की श्रेणी में आता है। लेकिन यदि मिल 50 मीट्रिक टन से अधिक का तेल निकालती है तो वह मिल उच्च स्तर के अंतर्गत आएगी। आप मिनी तेल मिल से भी इस व्यापार को शुरू कर सकते है।

तेल की मिल का व्यापार की लागत

यह व्यापारी की क्षमता पर निर्भर करता है कि वह व्यापार को किस स्तर और कितनी लागत से शुरू करना चाह रहा है। यदि व्यापारी निम्न स्तर से व्यापार शुरू करना चाहता है तो वह अपनी जमा पूंजी या सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर भी ऋण प्राप्त कर सकता है। क्योंकि वर्तमान समय में भारत सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो ऐसे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए ऋण उपलब्ध करा रही है।

लेकिन यदि आप बड़े स्तर से व्यापार शुरू करना चाह रहे हैं तो आपको बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी। क्योंकि इस व्यवसाय में मशीनों के साथ-साथ कच्चा माल और मजदूरों की भी आवश्यकता होती है एवं रखरखाव भी करना होता है। जिसके लिए आपको अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी और यह पूंजी आप सरकारी योजनाओं और ऋण के माध्यम से पूरा कर सकते हैं।

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तेल के लिए कच्चा माल

तेल का व्यापार एक ऐसा व्यापार है, जो कि उसके कच्चे माल पर निर्भर करता है और हर तेल का अपना एक कच्चा माल होता है। जैसे कि आप मूंगफली का तेल बनाना चाहते हैं तो उसके लिए आपका कच्चा माल मूंगफली होगी।

आप यदि सोयाबीन के तेल का उत्पादन करना चाह रहे हैं तो उसके लिए आपको सोयाबीन के बीज की आवश्यकता होगी। इसके अलावा बहुत सारी ट्रेनों में उनके कच्चे माल सरसों, सूरजमुखी, कपास आदि होते हैं और यह तेल इन सभी के बीजों से निकाला जाता है।

अतः आप जिस किसी भी तेल का उत्पादन करना चाह रहे हैं, आपको उसके कच्चे माल की व्यवस्था करनी होगी एवं बीज को बेचने वाले दुकानदारों से संपर्क बनाना होगा या फिर आप किसी किसान से भी इसको प्राप्त कर सकते हैं या फिर आप  बाजार से उत्पादित इन बीजों के द्वारा भी आप तेल का उत्पादन कर सकते हैं, जो कि काफी सस्ता होगा।

लेकिन इसके लिए आपको बहुत अधिक बीजों की आवश्यकता होगी, जो कि आप के खेतों से संभव नहीं है। आप किसी दूसरे किसान और दुकानदार से भी इनको खरीदकर तेल का उत्पादन कर सकते है।

लाइसेंस और प्रमाणीकरण

तेल की मिल शुरू करने से पहले आपको विभिन्न प्रकार के लाइसेंस और प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह व्यवसाय सीधे तौर पर मनुष्य के स्वास्थ्य और शरीर से संबंध रखता है। इस कारण भारत सरकार के द्वारा इस व्यवसाय के लिए विभिन्न प्रमाण पत्रों और लाइसेंस को निर्धारित किया गया है। यह सभी प्राप्त होने के बाद ही कोई व्यवसायी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है।

भारत सरकार के द्वारा खाद्य पदार्थों से जुड़े व्यवसाय के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के लाइसेंस प्रदान किए जाते हैं, जिनमें से पहला लाइसेंस भारतीय मानक ब्यूरो के द्वारा प्रदान किया जाता है। वही दूसरा लाइसेंस एफएसएसएआई के द्वारा दिया जाता है एवं यह व्यापार आप भारत की जिस किसी भी राज्य में शुरू करना चाह रहे हैं, उस राज्य की सरकार से भी कई प्रकार के लाइसेंस आपको प्राप्त करना होता है।

तेल की मिल की लोकेशन और मार्केट रिसर्च

कोई भी व्यापारी जब अपना व्यवसाय शुरू करने वाला होता है तो एक प्रश्न हमेशा उसके दिमाग में होता है कि व्यवसाय किस जगह स्थापित किया जाए। तेल की मिल की यदि बात की जाए तो व्यापारी को लोकेशन ढूंढते समय यह ध्यान रखना चाहिए, जहां कहीं भी मिल को स्थापित किया जाए वहां से ट्रांसपोर्टेशन की अच्छी व्यवस्था होना चाहिए। ताकि कच्चे माल को मिल तक लाने पहुंचाने में समय ज्यादा बर्बाद ना हो एवं यातायात पर ज्यादा खर्चा ना हो।

आप जब मिल के लिए स्थान का चयन कर रहे हो तो आप शहर के आसपास भी जगह चयनित कर सकते हैं, जहां से फैक्ट्री आदि किराए पर दी जा रही हो और मार्केट भी पास में हो।

स्टाफ का चयन

स्टाफ का चयन करते समय व्यापारी को यह ध्यान रखना चाहिए कि बिजनेस के अंदर कोई भी कार्य वहां उपस्थित स्टाफ के द्वारा ही किया जाता है। वह जितने कुशल और प्रशिक्षित होंगे व्यापार की प्रगति उतनी ही अधिक होगी क्योंकि तेल का व्यापार मशीनों द्वारा संचालित होने वाला व्यापार है। इसके लिए कुशल एवं प्रशिक्षित स्टाफ की आवश्यकता होती है, जो कि मशीनों को संचालित करना जानते हो।

मशीनों की आवश्यकता

वर्तमान समय में किसी भी उत्पादन कार्य में महत्वपूर्ण कार्य वहां संलग्न मशीनें ही करती हैं। मतलब बिना मशीनों के कोई भी कार्य संभव नहीं है। शायद इसीलिए वर्तमान समय को मशीनी युग कहा जाता है। तेल के व्यापार में यदि बात की जाए तो यह व्यापार कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, जिनमें विभिन्न प्रकार की मशीनें लगी हुई होती हैं। हर एक क्रिया के लिए एक मशीन लगाई जाती है जैसे स्क्रू एक्सपेलर, फिल्टर प्रेस मशीन आदि का प्रयोग विभिन्न चरणों में किया जाता है।

आप इनके लिए स्वचालित मशीन या फिर अर्ध स्वचालित मशीन का प्रयोग भी कर सकते हैं। तेल निकालने की छोटी मशीन की कीमत लगभग 4 लाख से शुरू होकर 10 लाख तक की होती है। इन मशीनों को आप ऑनलाइन माध्यम से या फिर दुकानों से जाकर भी खरीद सकते हैं। क्योंकि वर्तमान समय में आप कोई भी कार्य घर बैठे अपने मोबाइल के इस्तेमाल से कर सकते हैं।

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तेल निकालने की प्रक्रिया

यह एक ऐसा व्यापार है, जिसकी मांग निरंतर बाजार में रहती है। क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। इसलिए यह बहुत ही लाभदायक व्यापार माना जाता है। तेल निकालने की प्रक्रिया या पद्धति की बात की जाए तो यह विभिन्न चरणों में संपन्न होती है, जिनमें मशीनों के अलावा मजदूर भी इस कार्य को करते हैं। अब हम बात करते हैं उन विभिन्न चरणों के बारे में जिनसे तेल का निष्कर्षण किया जाता है।

बीजों का चयन मिल व्यवसाय के अंदर सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण कार्य होता है। सही बीजों का चयन करना जिनसे आप तेल निकालना चाहते हैं। बीजों का चयन करते समय यह बात आवश्यक है कि बीज एकदम सही एवं अच्छी क्वालिटी के होना चाहिए। जब भी आप इन्हें खरीदने जाएं तो जरूर देखें कि वह कहीं से टूटे-फूटे ना हो, सूखे हुए या फिर खराब बीज ना हो। यदि बीजों की गुणवत्ता खराब होगी तो उन से बनने वाला तेल भी खराब ही होगा।

बीजों की सफाई बीजों का चयन करने के बाद दूसरी प्रक्रिया आती है फ्री क्लीनिंग जिसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि जब भी आप बीजों को लेकर आए तो उनकी सफाई करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। क्योंकि बीजों में कई तरह की गंदगी मिट्टी रेत पत्थर आदि लगे होते हैं, इन्हें आपको तेल निकालने से पहले साफ करना होता है। क्योंकि यदि बीजों के साथ यह सभी गंदगी पिस जाएगी तो उससे तेल की गुणवत्ता भी खराब हो जाएगी।

इसके साथ ही यह सभी कंकड़ पत्थर आपकी मशीन में फस कर उसे भी डैमेज कर सकते हैं। इसलिए बीजों को चुनने के बाद उन्हें सही तरीके से हाथ से साफ करवा सकते हैं या फिर उन्हें मशीनी सहायता से भी साफ कर सकते हैं।

डिकार्टीसेशन

डिकार्टीसेशन प्रक्रिया वह होती है, जिसमें बीजों पर लगे हुए भूसे को हटाया जाता है। इसके लिए प्रायः ब्लोइंग एयर का प्रयोग किया जाता है, जिससे बीजों से भूसा हट जाता है।

कंडीशनिंग

यह बीजों को साफ करने के बाद अगला स्टेप होता है। बीज की कंडीशनिंग करना इससे बीजों से अधिक तेल निकलता है और इस हेतु बीजों को रोलर में डाला जाता है। रोलर में बीज डालने से बीज की कोशिकाएं तेल को अवशोषित करती हैं, जिनसे छोटी-छोटी तेल की बूंदे इकट्ठे होती जाती हैं और तेल बहुत ही आसानी से और शीघ्रता के साथ निकलता है।

बीज को गर्म करना

बीज को कंडीशनिंग करने के बाद अगला चरण होता है। बीज को गर्म करना बीज को गर्म करने से उसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। हालांकि अलग-अलग तरह के बीजों के लिए नमी और तापमान की आवश्यकता होती है। इसलिए आप जिस किसी भी तेल और बीज का चयन कर रहे हैं। आपको उस बीज के हिसाब से नमी और तापमान का इस्तेमाल करना होगा।

तेल निकालना

कंडीशनिंग और बीज को गर्म करने के पश्चात तेल निकालने की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें बीजों से तेल को निकाला जाता है। इसके लिए बीज को मशीनों में डालकर उन्हें मशीनों की सहायता से पीसा जाता है। बीजों को पीसने से उसमें से तेल निकलना शुरू हो जाता है, जो मशीनों की सहायता से एक जगह इकट्ठा किया जाता है और सभी तेल को इकट्ठा कर उसे स्टोर कर दिया जाता है।

तेल को छानना

यह इस प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है, जिसमें इकट्ठे किए गए तेल को डाला जाता है। क्योंकि कई बार तेल निकालते समय उसमें अपशिष्ट पदार्थ या बीजों के टुकड़े चले जाते हैं और बारीक होते हुए तेल में शामिल हो जाते हैं इसलिए तेल को छाना जाता है ताकि वह साफ हो जाए। तेल में कई प्रकार के रासायनिक तत्व या पदार्थ मौजूद होते हैं, जिन्हें रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से साफ किया जाता है।

इन सभी चरणों के द्वारा आप का तेल बिकने के लिए तैयार हो जाता है। आप इन्हें विभिन्न प्रकार के पैकेट या केन में भरकर बाजारों में इन्हें बेच सकते हैं।

तेल के लिए पैकेजिंग

बनकर तैयार हुए तेल को छोटे पैकेट या बड़े पैकेट में पैक किया जाता है, उस पर अपने कंपनी का नाम, पता, क्षमता बनाने की तिथि, समाप्ति तिथि, कंपनी का पता नाम आदि जानकारियों को अंकित किया जाता है।

आपके द्वारा बनाए गए पदार्थ को यदि आप शानदार तरह से पैक करते हैं। आपके द्वारा की गई पैकेजिंग और लेबलिंग बाजार में अप्रूव हो जाती है तो आप का प्रोडक्ट आसानी से बाजार में बिक रहा शुरू हो जाएगा। हर बिजनेस में पैकेजिंग और लेबलिंग बहुत ही ज्यादा मायने रखती है।

तेल मिल बिजनेस में जोखिम

तेल मिल व्यवसाय को शुरू करते समय हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों को याद रखना चाहिए:

  • यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें जोखिम की मात्रा होती है। क्योंकि तेल को फिल्टर किए जाने के पश्चात यह मात्र 18 माह तक ही सही रहता है। इसके बाद यह खराब होना शुरू होता है। अतः उत्पादन से पहले आपको एक नेटवर्क तैयार करना होगा, जिसमें आप व्यापारियों और दुकानदारों से संपर्क स्थापित कर अपने उत्पाद को उन्हें समय रहते भेज दें ताकि जब भी आपका तेल बनकर तैयार हो और आप उन्हें तुरंत ही थोक व्यापारियों को बेच सकें।
  • तेल मिल में कार्य पर रखे गए व्यक्तियों का प्रशिक्षित होना बहुत अधिक आवश्यक होता है। अतः आप जिस किसी भी व्यक्ति को इस कार्य में लगाएं उन्हें एक पर्याप्त ट्रेनिंग प्रशिक्षण दें। ताकि वह मशीनों को अच्छे से चलाना सीख सकें और उनसे तेल निकाल सकें।
  • जैसा कि हम पूर्व में ही कह चुके हैं कि अलग-अलग बीज और तेल के हिसाब से मशीनें अलग-अलग होती हैं। यदि आप मूंगफली का तेल निकालना चाह रहे हैं तो आपको उसके लिए एक अलग मशीन की आवश्यकता होगी क्योंकि अलग-अलग बीज की साइज़ अलग अलग होती है एवं उनको बनाने की प्रक्रिया भी अलग होती है। अतः आप अपने बीज  के हिसाब से मशीनों का चयन करना होगा।

इस व्यापार में जोखिम की मात्रा निहित होती है। लेकिन यदि सभी कार्य प्लानिंग के साथ सही समय पर किए जाएं तो आपकी जोखिम की मात्रा निश्चित तौर पर कम हो जाएगी।

लाभ की संभावना

तेल के मिल व्यापार में जोखिम के साथ-साथ लाभ की संभावना उतनी ही अधिक होती है। एक बार जब आप इस व्यवसाय में स्थापित हो जाते है तब आप की जोखिम कम हो जाती हैं और निरंतर ही आप लाभ की ओर अग्रसर होते जाते हैं। एक समय के बाद आप एक साथ में कई प्रकार के तिलों का उत्पादन भी कर सकते हैं, जिसके लिए आप उनकी अलग-अलग मशीनों को स्थापित कर तेल निकाल सकते हैं।

तेल की मिल का व्यापार के लिए मार्केटिंग

किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए उस बिजनेस से संबंधित मार्केटिंग करना बहुत ही जरूरी है। मार्केटिंग वर्तमान में ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जा रही है। जिस प्रकार से आप टीवी और मोबाइल में अलग-अलग चैनल पर या अखबारों में खाद्य तेल एडवर्टाइजमेंट के रूप में बैनर व वीडियो जरूर देखते होंगे। इसी प्रकार से आपको भी अपने बिजनेस का एडवर्टाइजमेंट करवाना बहुत ही जरूरी है।

एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से अपने बिजनेस को ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है या ऐसे भी कह सकते हैं कि आप अपने बिजनेस में एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मार्केटिंग के माध्यम से जितना पैसा आपको मिलता है, उतना पैसा कहीं से भी नहीं मिल सकता मार्केटिंग के तौर पर आप मार्केटिंग एजेंट का चयन भी कर सकते हैं। इसके अलावा मार्केटिंग में अपने स्टाफ को भेजकर भी अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करवा सकते हैं।

FAQ

तेल की मील शुरू करने के लिए कितना इन्वेस्टमेंट लगाना पड़ता है?

यदि कोई व्यक्ति तेल की मील का बिजनेस शुरू करना चाहता है तो ऐसे में व्यक्ति को काफी उच्च इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 50 लाख से एक या दो करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट व्यक्ति को लगाना होता है तब जाकर तेल की मील का पूरा सेटअप तैयार होता है। या हो सकता है कि यदि व्यक्ति अपने बिजनेस को और अधिक मॉडिफाई करना चाहें तो ऐसे में व्यक्ति को ज्यादा इनवेस्टमेंट की भी जरूरत पड़ सकती है।

तेल की मील का बिजनेस शुरू कर के व्यक्ति कितना पैसा कमा सकता है?

यदि व्यक्ति अपने खुद की मिल का बिजनेस शुरू कर दे तो उसके बाद पैसा कितना कमाए इसके बारे में ज्यादा जानकारी लेने की जरूरत नहीं रहती है। क्योंकि मिल का बिजनेस शुरू होने के पश्चात व्यक्ति की कमाई भी बहुत बेहतरीन होना शुरू हो जाती है। यदि व्यक्ति 50 नाक से एक या दो करोड़ के इन्वेस्टमेंट पर अपना बिजनेस शुरू करता है तो ऐसे में व्यक्ति 5 लाख से 10 लाख रुपए प्रति महीना आराम से कमा सकता है।

क्या तेल की मील का बिजनेस शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है?

जी हां, इस बिजनेस को शुरू करने के लिए व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ व्यक्ति को खाद्य पदार्थ डिपार्टमेंट से FSSAI का लाइसेंस देना भी जरूरी होता है।

क्या तेल की मील के बिजनेस में नुकसान होने के चांस रहते हैं?

इसके बारे में पहले से सटीक कहना मुश्किल है। यदि आपके द्वारा उत्पादित तेल कि क्वालिटी अच्छी नहीं है या पैकेजिंग अच्छी नहीं है। ऐसे में आप का प्रोडक्ट बाजार में फ्लॉप हो सकता है। इसके अलावा मेंटेनेंस और प्रोडक्ट का उत्पादन सही नहीं होने की वजह से भी बाजार में आपका व्यापार फ्लॉप चला जाएगा और आपको भारी नुकसान हो सकता है।

निष्कर्ष

तेल की मिल जहां पर अलग-अलग प्रकार के तेल रिफाइंड किए जाते हैं। खाने के तेल की मील यदि कोई व्यक्ति खोलता है तो व्यक्ति को आसानी से अच्छा मुनाफा हो सकता है। तेल की मील खोलकर व्यक्ति बिजनेस को उचित स्तर तक आसानी से ले जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को तेल की मिल से उत्पादित तेल क्वालिटी का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।

आज के इस आर्टिकल में हमने बात की तेल के व्यवसाय को स्थापित करने की, उसके महत्व, जोखिम की, तेल के मिल का व्यवसाय कहां होना चाहिए, स्टाफ का चयन कैसे करें एवं तेल निकालने की प्रक्रिया क्या होती है।

उम्मीद करते हैं आपको यह लेख तेल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Oil Mill Business Ideas in Hindi) पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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