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दूध का व्यापार कैसे करे?

Milk Dairy Business Plan in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं दूध के व्यवसाय के बारे में और उससे संबंधित सभी प्रश्नों के बारे में जैसे इस बिजनेस को शुरू कैसे किया जाता है, बिजनेस को शुरू करते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कौन सी सावधानियां और सरकारी प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है एवं इस व्यवसाय में जोखिम और लागत कितनी आती है।

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Image: Milk Dairy Business Plan in Hindi

दूध के व्यवसाय (milk business plan in hindi) की यदि बात की जाए तो यह व्यवसाय पशुधन पर निर्भर करता है। जैसा कि हम जानते हैं भारत देश जनसंख्या की दृष्टि से बहुत ही बड़ा जनसंख्या वाला देश है। जिसकी अधिकतम जनसंख्या गांव में निवास करती है और अपने जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न क्रियाओं में संलग्न होती है।

ग्रामीण परिवेश में देखा जाए तो व्यक्ति अपने साथ पालतू जानवर जैसे कि गाय भैंस बकरी आदि को रखते हैं और इनसे अपने दैनिक जीवन में दूध की प्राप्ति करते हैं। वहीं कुछ परिवार अपने साथ बहुत अधिक मात्रा में इन पशुओं को रखते हैं और उनसे प्राप्त होने वाले दूध का विक्रय कर अपने परिवार का खर्चा उठाते हैं। तो चलिए जानते है दूध का बिज़नेस कैसे करे (doodh ka business kaise kare) के बारे में विस्तृत जानकरी।

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दूध का व्यापार कैसे करे? | Milk Dairy Business Plan in Hindi

दूध का व्यापार कैसे करे?

दुग्ध उत्पादन ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों की जीविका का महत्वपूर्ण साधन होता है। पूरे विश्व में दूध की मांग निरंतर बढ़ रही है। जिससे कि यह व्यवसाय एक लाभदायक क्रिया के रूप में निकल कर आया है और यह एक लाभ दायक व्यवसाय में गिना जाने लगा है। दूध डेयरी का बिजनेस में कई कंपनियां निकल कर सामने आई है, जो कि इन दूध के व्यापारियों से दूध को इकट्ठा कर उनकी पैकिंग कर के बेचते हैं और इसके बदले में वह अच्छा पैसा कमाते हैं।

यह व्यवसाय बहुत ही फायदा देने वाला व्यवसाय हैं। हालांकि अन्य व्यवसायों की तरह ही इसमें जोखिम रहित होती है। क्योंकि दूध की मांग तो निरंतर बढ़ रही है। लेकिन अच्छी तकनीक और संसाधनों की कमी के कारण व्यवसायी को कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है। दुग्ध एक खाद्य पदार्थ है और इसकी खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती है, जिससे कि हमारे दुग्ध उत्पादक पीछे रह जाते हैं।

लेकिन इस उद्योग के लिए निरंतर विभिन्न प्रकार की तकनीकी और संसाधनों की जागरूकता आ रही है। जिससे दुग्ध उत्पादकों का मुनाफा काफी बढ़ गया है।

बाजार की उपलब्धता

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है, जिसके बाजार की उपलब्धता बहुत अधिक होती है। इसलिए उत्पादकों को इसके विषय में ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि भारत में प्रत्येक परिवार के अंदर दूध व दूध से संबंधित उत्पादों को प्रयोग किया जाता है। भारत में शायद ही ऐसा कोई घर होगा, जहां दूध व इसके उत्पादों का उपयोग ना किया जाता हो।

इस वजह से भारत दुग्ध उत्पादन के मामले में विश्व भर में प्रथम स्थान पर है और गाय के दूध उत्पादन के मामले में यदि बात की जाए तो भारत दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा भारत दुग्ध उपभोक्ता के अलावा निर्यातक भी है और 2015-16 के बाद से निरंतर ही भारत के दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ती जा रही है, जिससे भारत एक बहुत बड़ा बाजार बन कर उभरा है।

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उपकरण

इस व्यवसाय के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। सामान्यतः इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको एक स्थान की आवश्यकता होती है। जानवरों को रखने के लिए एक टीन सैड वाली जगह जिसके नीचे जानवरों को रखा जा सके और वह मौसमी प्रभाव से सुरक्षित रहें।

जानवरों के आहार को रखने के लिए एक कमरे की आवश्यकता होगी, जहां भूसे को रखा जा सके और एक पानी की टंकी की भी आवश्यकता होगी। दूध निकालने के लिए एवं उन्हें संरक्षित करने के लिए कुछ बर्तनों की आवश्यकता होगी।

वर्तमान समय में दूध निकालने के लिए विभिन्न मशीनें भी बाजार में उपलब्ध है। क्योंकि अच्छी नस्ल की यदि गाय आप रखते हैं तो वह कई लीटर दूध देती है और यदि आपने व्यापार को एक बड़े स्तर पर शुरू किया है तो आपके यहां गायों और भैंसों की संख्या बहुत अधिक होगी तो एक या दो व्यक्तियों के द्वारा इतना अधिक दूध नहीं निकाला जा सकता। जिसके लिए आपको मशीनों की आवश्यकता भी होगी आदि।

दूध का व्यापार में ध्यान रखने योग्य बातें

हालांकि दुग्ध व्यवसाय काफी सफल व्यवसाय है। लेकिन प्रत्येक व्यवसाय की तरह ही इस व्यवसाय में भी व्यापारी को कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखना चाहिए। किसी भी व्यवसाय को शुरू करते समय व्यवसायी को एक सफल योजना का निर्माण करना चाहिए, जिससे कि वह अपने व्यवसाय की सफलता को सुनिश्चित कर सकें।

जैसा कि हम जानते हैं कि दुग्ध उत्पादन पशुधन पर निर्भर करता है तो व्यापारी को सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने व्यवसाय में किस पशु का दूध प्रयोग करना चाहता है। विक्रय के लिए गाय का भैंस का या अन्य किसी जानवर का, प्रत्येक जानवर की कई नस्लें  भी होती हैं, जिनकी दूध उत्पादन क्षमता अलग-अलग होती है।

व्यापारी को दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल के पशु का चयन करना चाहिए, जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता काफी अधिक हो एवं उन पशुओं को किस तरह का आहार दिया जाना चाहिए। इस संबंध में भी व्यापारी को जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को शुरू करते समय व्यापारी को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह इस व्यवसाय को किस स्तर पर खोलना चाहता है? अर्थात निवेश की मात्रा क्या होगी? क्या वह व्यवसाय को निम्न स्तर से शुरू करना चाहता है या मध्यम स्तर से या एक बड़े स्तर के साथ वह इस व्यवसाय को शुरू करेगा।

आपका पशु किस नस्ल का होगा, यह पहले ही निश्चित कर लेना चाहिए एवं आप यह व्यवसाय कितने पशुओं के साथ शुरू करना चाहते हैं। इस व्यवसाय के संबंध में आपको विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए, जो पशुपालन के विषय में ज्यादा हो जैसे कि पशुओं के लिए आहार कौन सा अच्छा होगा। यदि पशु किसी बीमारी से ग्रस्त हो तब उनका उपचार कैसे किया जाए या उन्हें किसी भी रोग से कैसे बचाया जा सकता है।

दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुओं से हमें सिर्फ दूध की प्राप्ति नहीं होती है। इसके अलावा भी उनसे हमें विभिन्न प्रकार के पदार्थों की प्राप्ति होती है। जैसे कि गाय से दूध गोबर प्राप्त होता है। दूध का प्रयोग आप अपने व्यवसाय के लिए कर सकते हैं और गोबर का प्रयोग आप उपले बनाकर उन्हें भी अलग से बेच सकते हैं या फिर आप गोबर गैस के रूप में भी उसे प्रयोग कर सकते हैं। वर्तमान समय में गाय के गोबर को खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, जिससे कृषि का उत्पादन अच्छा होता है।

आपको पशुओं के गर्भधारण आदि के संबंध में भी जानकारी रखनी होगी। क्योंकि अलग-अलग पशुओं की गर्भधारण प्रकृति अलग-अलग होती है। पशुओं से दूध निकालने के संबंध में आपको आधुनिक तकनीक का ज्ञान होना चाहिए, जो भी नई तकनीक बाजार में विकसित होती है। आपको उसे अवश्य ही अपने व्यवसाय में प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि इनके द्वारा समय की बचत होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है।

दूध का व्यापार में स्टाफ का चयन

व्यक्ति जब भी किसी व्यवसाय को शुरू करता है तो उसे कुछ व्यक्तियों की आवश्यकता होती है, जो उसके व्यवसाय में उसकी मदद करते हैं। किसी भी व्यवसाय की उन्नति उन्हीं व्यक्तियों पर निर्भर करती है। यदि व्यक्ति कर्मठ और अच्छे से कार्य करेंगे तो व्यवसाय अवश्य ही उन्नति करेगा। दुग्ध व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें किसी विशेष प्रशिक्षण या तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है।

लेकिन आप अपने इस व्यवसाय के लिए ऐसे व्यक्तियों का चयन अवश्य करें जिन्हें गाय से दूध निकालना आता हो और किसी भी मशीन का संचालन उनके द्वारा किया जा सकता हो एवं जिन्हें आधुनिक समय का ज्ञान और बाजार की जानकारी हो।

दूध का व्यापार में जोखिम की मात्रा

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय में जोखिम की मात्रा काफी कम होती है। क्योंकि यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसका ग्राहक पूरा देश है। सभी घरों में दूध व दूध से बने उत्पादों का प्रयोग निरंतर एवं प्रतिदिन किया जाता है। अतः इन उत्पादों की मांग बहुत अधिक होती है। लेकिन जोखिम कि यदि बात की जाए तो दूध एक ऐसा पदार्थ है, जो बहुत ही जल्दी खराब हो जाता है।

अतः व्यवसायी को यह व्यवसाय शुरू करते समय यह अवश्य सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह दूध का संरक्षण एवं रखरखाव अच्छी तरीके से करें ताकि दूध खराब ना हो।

दूध का व्यापार में स्थान का चयन

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के लिए व्यापारी को एक साफ स्वच्छ और बड़े स्थान की आवश्यकता होगी, जहां पर जानवरों को रखा जा सके और दूध निकालने के बाद जिन का भंडारण भी किया जा सके। इसके लिए उन्हें एक खुली जगह की आवश्यकता होगी एवं उनके आहार को रखने की भी व्यवस्था करनी होगी। व्यवसाय अपने निवेश के आधार पर इनका चयन कर सकता है।

यदि निवेश या लागत की मात्रा कम है तो व्यक्ति इसे अपने घर से भी शुरू कर सकता है और जानवरों की मात्रा को कम रख सकता है। लेकिन यदि व्यवसायी एक बड़े निवेश के साथ इस व्यवसाय को शुरू करना चाहता है तब वह एक जगह किराए पर लेकर या स्वयं के किसी स्थान को तैयार कर सकता है। जहां पर जानवरों को रखा जा सके और दुग्ध उत्पादन क्रिया की जा सके।

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दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के लिए जानवरों का चयन करें

भारत जैसे देश में दुग्ध उत्पादन के लिए प्रायः दो ही जानवरों को उपयोग में लाया जाता है। गाय एवं भैंस को इन दोनों पशुओं की भारत में कई तरह की नस्लें पाई जाती हैं, जो कि दूध उत्पादन में काफी अच्छी होती हैं।

यह नस्लें एक समय में ही कम से कम 10 लीटर से भी ज्यादा दूध देने की क्षमता रखते हैं। यदि इन नस्लों को सही तरीके से रखा जाए उनके खान-पान का व्यवस्थित प्रबंध किया जाए तो यह काफी अधिक मात्रा में दुग्ध उत्पादन कर सकती हैं।

गाय की प्रमुख नस्लें

गाय की यदि प्रमुख नस्लों  की बात की जाए तो इनका प्रायः प्रयोग दूध उत्पादन में किया जाता है तो ये साहिवाल, गिर, जर्सी, ब्राउनफेस, रेड सिंधी आदि प्रमुख नस्लें हैं, जिनका भारत में प्रयोग किया जाता है एवं इन नस्लों की दुग्ध उत्पादन क्षमता काफी अधिक होती है।

भैंसों की प्रमुख नस्लें

भैंसों की प्रमुख नस्लों की यदि बात करें तो प्रमुख नस्लें मुर्रा, भदावरी, जाफराबादी, मेहसाना, नागपुरी, सुरती आदि है। इनमें से कुछ नस्लें बहुत ही अधिक दुग्ध उत्पादन में सक्षम होती हैं।

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के प्रमुख स्तर

  1. लघु दुग्ध उत्पादन व्यवसाय
  2. मध्यम दुग्ध उत्पादन व्यवसाय
  3. व्यवसायिक दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

लघु दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

इस व्यवसाय के अंतर्गत व्यापारी को बहुत अधिक लागत एवं निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। यह व्यवसाय कुछ ही दुग्ध उत्पादन करने वाले जानवरों के साथ शुरू किया जा सकता है। इस स्तर के व्यवसाय की लागत काफी कम होती है। इसके लिए आप किसी भी जानवर की अच्छी नस्ल के साथ इसे शुरू कर सकते हैं।

निवेश की यदि बात की जाए तो व्यापारी अपनी जमा पूंजी के द्वारा भी इसे शुरू कर सकता है एवं सरकारी योजनाओं का भी लाभ ले सकता है। वर्तमान समय में भारत सरकार के द्वारा विभिन्न सहायता योजनाओं के माध्यम से सहायता  प्रदान की जा रही है, जिनमें ब्याज की दर काफी कम होती है।

मध्यम दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

मध्यम दुग्ध उत्पादन व्यवसाय का स्तर लघु दुग्ध उत्पादन व्यवसाय से थोड़ा बड़ा होता है। इसमें गायों की संख्या पांच या 5 से अधिक रखी जा सकती है। प्रबंध की यदि बात की जाए तो इसमें वही सभी प्रबंध किए जा सकते हैं, जो कि लघु दुग्ध व्यवसाय के लिए होते हैं। लेकिन जगह की आवश्यकता इसमें थोड़ी ज्यादा होती है।

व्यवसायिक दुग्ध उत्पादन व्यवसाय

यह बड़े स्तर पर शुरू किया जाता है। इसमें गायों की मात्रा काफी ज्यादा होती है और इसे शुरू करते समय व्यापारी को पशुपालन से संबंधित सभी जानकारी होनी चाहिए। अर्थात इसके लिए विस्तृत अनुभव की आवश्यकता होती है। जगह कि यदि बात की जाए तो इसके लिए व्यापारी को बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है।

इसमें निवेश भी काफी अधिक होता है। क्योंकि इसमें लागत 15 से 20 लाख तक आ सकती है, जो कि आप बैंक से लोन लेकर भी कर सकते हैं। बाकी आप अपनी जमा पूंजी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें लागत के साथ-साथ कमाई भी सबसे अधिक होती है।

दूध के बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस

वर्तमान में सिर्फ दूध का बिजनेस ही नहीं अन्य सभी बिजनेस को शुरू करते ही आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होता है और यदि आपका बिजनेस खाद्य पदार्थ से संबंधित है तो ऐसे में आपको FSSAI का लाइसेंस भी देना होगा।

यदि आप दूध का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होग। जीएसटी रजिस्टर्ड करवाने के पश्चात यदि आप का टर्नओवर सालाना 20 लाख रुपए से अधिक है तो ऐसे में आपको FSSAI का लाइसेंस लेना होगा।

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के लाभ

दुग्ध उत्पादन व्यवसाय लाभ की दृष्टि से काफी अच्छा व्यवसाय होता है। इस व्यवसाय का मुख्य फायदा यह है कि इसे कोई भी व्यक्ति शुरू कर सकता है। क्योंकि इसमें किसी विशेष ज्ञान या अनुभव की आवश्यकता नहीं होती है और व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों के साथ-साथ इस व्यवसाय को भी संचालित कर सकता है।

इसमें लाभ कि यदि बात की जाए तो इस व्यवसाय के द्वारा व्यक्ति कई तरह से लाभ कमा सकता है जैसे पहली कमाई तो इस व्यवसाय में दूध बेचकर ही होती है, जो कि व्यापारी की मुख्य आय होती है।

व्यापारी इसमें पशुओं के गोबर से भी कमाई कर सकता है। जैसे कि वर्तमान समय में लोग जैविक खाद का प्रचलन होने की वजह से इसकी मांग कर रहे हैं एवं गाय के गोबर से उपले भी बनाए जाते हैं, जिनका प्रयोग इर्धंन के रूप में किया जाता है। गाय के गोबर से गोबर गैस को भी बनाया जाता है तो व्यापारी दूध के साथ-साथ इन चीजों को भी बेच कर कमाई कर सकता है।

व्यापार कृषि की सहायक क्रिया के रूप में जाना जाता है। क्योंकि ग्रामीण परिवेश में प्रत्येक किसान के पास गाय एवं भैंस होती हैं तो वह कृषि कार्य के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन व्यवसाय में भी नियोजित होकर कमाई कर सकते हैं।

इस व्यवसाय की लिए यदि ज्ञान और प्रशिक्षण की बात की जाए तो सामान्य व्यक्ति भी इस व्यवसाय को संचालित कर सकता है, उनके ज्यादा पढ़ी-लिखे होने या प्रशिक्षित होने की आवश्यकता नहीं है।

दूध की मार्केटिंग कैसे करें?

हर प्रकार के बिजनेस को सफल बनाने के लिए मार्केटिंग करना बहुत ही जरूरी होता है। मार्केटिंग के माध्यम से आप अपने प्रोडक्ट को उच्च स्तर तक बेच सकते हैं और अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। मार्केटिंग के माध्यम से बिजनेस को आसानी से सफल बनाया जा सकता है।

मार्केटिंग ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जाती है। ऑनलाइन मार्केटिंग के रूप में आपने टीवी और मोबाइल फोन में एडवर्टाइजमेंट जरूर देखें होंगे। उसी प्रकार से आप भी अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग एडवर्टाइजमेंट के तौर पर करा सकते हैं।

इसके अलावा ऑफलाइन एडवरटाइजमेंट के माध्यम से भी मार्केटिंग कराई जाती है। साथ ही साथ कई कंपनियां ऑफलाइन मार्केटिंग के तौर पर मार्केटिंग एजेंट को चुनती है और उन एजेंटों के जरिए अपने प्रोडक्ट को प्रमोट कराया जाता है।

यदि आपका दूध का बिजनेस है, जिसे आप मार्केटिंग के जरिए प्रमोट करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको बेहतरीन पैकेजिंग के साथ एडवरटाइजिंग करवानी होगी, जिससे आपका प्रोडक्ट सफल बन सकता है।

FAQ

दूध का बिजनेस शुरू करने के लिए कितना इन्वेस्टमेंट लगता है?

ऐसे तो दूध का बिजनेस कम इन्वेस्टमेंट के साथ ही शुरू किया जा सकता है लेकिन यदि व्यक्ति कुछ इस तरह बिजनेस शुरू करना चाहता है तो उस व्यक्ति को 15 से 20 लाख रुपए तक का इन्वेस्टमेंट करना होगा।

दूध का बिजनेस शुरू करने के लिए बेहतरीन नस्ल के पशु का चयन कहां से करें?

यदि आप भी दूध का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले बेहतरीन नस्ल के पशु खरीदने होंगे। ताकि आपको उसमें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। अब रही बात बेहतरीन नस्ल के पशु कहां से खरीदें, इसके लिए आप ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके अपना सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से भी पशु खरीदने और पशुओं की नस्ल को परखने में आपको बेहतरीन मदद मिलेगी।

क्या दूध का बिजनेस भविष्य के लिए उभरता हुआ बिजनेस है?

जी हां, दूध का बिजनेस भविष्य में एक उभरता हुआ बिजनेस बन जाएगा। क्योंकि भविष्य में लोगों को पशुपालन के प्रति रुचि नहीं रहेगी और ऐसे में दूध की खपत देशभर में बढ़ेगी।

क्या दूध का बिजनेस शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता है?

जी हां, दूध का बिजनेस शुरू करने के लिए आप को जीएसटी रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही होगा। उसके साथ ही साथ आपको FSSAI का भी लाइसेंस लेना होगा। लेकिन यदि आप का सालाना टर्नओवर ₹20 लाख से कम है तो ऐसे में आपको FSSAI का लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है।

भैंस की प्रमुख नस्लें कौन-कौन सी है?

दूध के बिजनेस के लिए यदि आप भैंस को खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आपको बेहतरीन नस्लों का चयन करना होगा। भैंस की बेहतरीन नस्लें मुर्रा, भदावरी, जाफराबादी, मेहसाना, नागपुरी, सुरती इत्यादि है।

गाय की प्रमुख नस्ले कौन कौन सी है?

दूध का बिजनेस शुरू करने के लिए आप को गाय की जरूरत भी पड़ती है और बेहतरीन नस्ल की गाय का चयन आप ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से कर सकते हैं। आपको बताना चाहूंगा कि गाय की प्रमुख नस्लें साहिवाल, गिर, जर्सी, ब्राउनफेस, रेड सिंधी इत्यादि है।

निष्कर्ष

दूध का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है, जो भविष्य के लिए बहुत ही ज्यादा डिमांडिंग होने वाला है। मतलब ऐसे कह सकते हैं कि भविष्य में लोगों को पशु पालन करने में रुचि नहीं रहेगी और ऐसे में दूध की खपत देशभर में बढ़ती जाएगी। यदि आप भी दूध का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको दूध के बिजनेस में भविष्य में बहुत ही ज्यादा फायदा होने वाला है।

आज के इस आर्टिकल में हमने बात की दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को शुरू कैसे किया जाता है। इस व्यवसाय को शुरू करते समय हमें किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए, व्यवसाय की लोकेशन क्या होगी, इस व्यवसाय को शुरू करते समय लागत कितनी आएगी आदि सभी प्रश्नों की हमने बात की।

उम्मीद है आपको यह दूध का व्यापार कैसे करे? (Milk Dairy Business Plan in Hindi) आर्टिकल पसंद आया होगा और दुग्ध उत्पादन व्यवसाय से संबंधित प्रश्नों के उत्तर आपको आज के इस आर्टिकल में मिले होंगे। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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