Dairy Farm Business Plan in Hindi: डेयरी फार्मिंग दुग्ध उत्पादन व्यवसाय है, जो वर्तमान समय में बहुत अधिक प्रचलन में है। यदि कोई व्यक्ति डेरी फार्मिंग में इन्वेस्ट करना चाह रहा है या इस संबंध में जानकारी प्राप्त करना चाहता है कि डेयरी फार्म कैसे शुरू करें तो आज का यह आर्टिकल उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।
इस आर्टिकल में हम डेयरी फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (how to start dairy farming in hindi) अर्थात डेयरी फार्म हाउस की जानकारी से संबंधित सभी प्रश्नों के बारे में बात करेंगे। जैसे कि हम बात कर चुके हैं डेयरी फार्मिंग दुग्ध उत्पादन से संबंधित व्यवसाय है। अतः हमें दुग्ध उत्पादन के कार्य हेतु गाय, भैंस पालन या फिर बकरी पालन के द्वारा ही यह कार्य संपादित किया जा सकता है।
इस व्यवसाय से संबंधित यदि लाभ की बात की जाए तो डेयरी फार्मिंग में व्यवसायी दूध को बेचकर लाभ कमाता है। इसके अलावा उन पशुओं के द्वारा व्यक्ति सहायक कार्य भी कर सकता है। जैसे पशुओं के गोबर को खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे कि मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है एवं कृषि की क्षमता बढ़ जाती है। गाय एवं भैंस के गोबर से उपलो को बनाया जाता है।

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जनसंख्या का अधिकतम भाग कृषि क्षेत्र में नियोजित होता है और हम जानते हैं कि भारतीय कृषि मौसम पर निर्भर होती है। यदि बारिश अच्छी होती है तो फसलों का उत्पादन भी अच्छा होता है। यदि बारिश अच्छी ना हो तो फसलों का उत्पादन भी कम होता है। इसीलिए भारतीय कृषि को जुआ कहा जाता है एवं कृषि जो होती है वह मौसमी होती है।
कुछ समय के पश्चात जो किसान होते हैं, उनके पास काम नहीं होता है, ऐसे लोग अपना बाकी समय डेयरी फार्मिंग के द्वारा एक निश्चित लाभ कमाने मे लगा सकते हैं, जिसके द्वारा कमाई वर्ष के 12 महीने होगी। किसानों के लिए और भी अधिक उपयोगी है क्योंकि पशुपालन कृषि की ही एक सहायक क्रिया है। किसान अपने ही खेतों के चारे को पशुओं के लिए अनाज के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
पशुओं के गोबर को खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं एवं अन्य प्रकार से भी लाभ कमा सकते हैं। भारत में इस समय विभिन्न प्रकार की नस्लों के पशु पाये जाते हैं, जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता बहुत ही अधिक होती है। डेयरी फार्मिंग एक ऐसा व्यवसाय है जो पर्यावरण के अनुकूल होता है। इससे पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
इस व्यवसाय का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए स्किल्ड वर्कर की आवश्यकता नहीं होती है। कोई भी शिक्षित या अशिक्षित व्यक्ति डेयरी फार्मिंग में हाथ आजमा सकता है। वर्तमान समय में डेयरी फार्मिंग एक बहुत ही अच्छे अवसर के रूप में निकल कर आया है। तो चलिए जानते है डेयरी उद्योग कैसे शुरू करें के बारे में।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? | Dairy Farm Business Plan in Hindi
डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें?
आपको डेयरी फार्मिंग को शुरू करने के लिए वैसे तो किसी स्किल या विशेष कोर्स की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन आपको इसे अच्छी तरीके से करने के लिए पशुओं की नस्ल, उनके रहने की दशाओं, खानपान, देखभाल आदि का प्रबंध करना आवश्यक है। आज के आधुनिक युग में शहरीकरण एवं औद्योगिकीकरण के द्वारा डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय को और भी अधिक बल मिला है। क्योंकि शहरों में जहां व्यक्ति अपने कार्य में इतना व्यस्त होता है कि वह अपने साथ दुधारू जानवरों को नहीं रख पाता एवं पशु पालन करना शहरों में थोड़ा मुश्किल भी होता है।
यही कारण है कि डेयरी फार्मिंग एक व्यवसाय के रूप में निकल कर सामने आया है और इसने एक लाभकारी व्यवसाय में अपना नाम शामिल कर लिया है। डेयरी फार्मिंग शुरू करते समय उद्यमी को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक योजना का निर्धारण करना चाहिए कि वह किस ब्रीडिंग के जानवरों को शामिल करना चाहता है एवं उनके बारे में समस्त जानकारियों को इकट्ठा करें एवं डेयरी फार्मिंग में कार्यरत व्यवसायियों से संपर्क कर आवश्यक जानकारी को प्राप्त करें।
पशुओं को दिए जाने वाले खाना पानी एवं दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें, जिस एरिया में वह व्यवसाय शुरू करना चाह रहा है। वहां की नजदीकी पशु चिकित्सकों से संपर्क कर भी जानकारी प्राप्त कर सकता है। उसे अपने आसपास पशुओं को दिए जाने वाले भोजन की उपलब्धता उनकी कीमत एवं ग्राहकों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करना चाहिए।
क्योंकि यह व्यवसाय शारीरिक परिश्रम पर निर्भर करता है। इसलिए व्यवसायी को अपने पास कुछ अनुभवी और मेहनती लोगों को काम पर रखना चाहिए और कार्य में उन्हें व्यापक प्रशिक्षण भी देना चाहिए और डेयरी फार्मिंग से जुड़ी जितनी भी सूचनाएं हैं। व्यवसाय शुरू करने से पहले उन सभी को अच्छे से जांच कर लेनी चाहिए।
डेयरी फार्मिंग में स्कोप
भारत में डेयरी फार्म व्यवसाय (indian dairy farm business plan in hindi) में स्कोप कि यदि बात की जाए तो भारत पशुधन में संपन्न राष्ट्र है। हमारे यहां पशुओं की कई प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के द्वारा 20 वी पशुधन गणना की गई जोकि विभिन्न विशेषज्ञों, व्यापारियों और डेयरी उद्योग के लिए लाभप्रद है। इस रिपोर्ट के द्वारा कुछ निष्कर्ष निकल कर आए हैं। यह 20 वी पशु गणना थी, जिसमें देश के अंदर पशुधन की कुल आबादी 535.78 मिलियन बताई गई है, जो पिछली गणना 2012 से 4.6 प्रतिशत अधिक है।
इसका मतलब है कि हमारे यहां पशुधन की आबादी निरंतर बढ़ रही है। यदि गाय की एवं गोजातीय आबादी एवं इनकी नस्लो की बात की जाए तो मवेशी, भैंस, मिथुन एवं जांच की कुल आबादी 302.79 मिलीयन निकल कर सामने आई है, जोकि पिछली जनगणना से अधिक है। देश में मवेशियों की वर्तमान संख्या 2019 में 192.49 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में अधिक है। इन आंकड़ों से हम समझ सकते हैं कि भारत एक पशु संपन्न राष्ट्र है और यहां पर दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुओं की पर्याप्त उपलब्धता है।
भारत में विश्व की सबसे अधिक पशुधन आबादी यहां है। संपूर्ण विश्व की लगभग 57.3% भारत में पाई जाती है। इसके अलावा भारत में हर साल 12 करोड़ सात लाख 90 हजार टन दूध उत्पादित किया जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखा जाए तो हमारे यहां डेरी उत्पादन मैं एक बहुत अच्छा विकल्प निकल कर आता है।
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डेयरी फार्मिंग व्यवसाय का स्तर क्या होना चाहिए?
इस व्यापार को व्यापारी उच्चतर, माध्यमिक स्तर एवं छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकता है। यदि आपके पास जानवरों की पर्याप्त संख्या है। गाय एवं भैंस को रखने का पर्याप्त स्थान एवं संसाधन है। तो आप अपने व्यवसाय को उच्च स्तर से भी शुरू कर सकते हैं। क्योंकि जितना ज्यादा दूध आप इन जानवरों से प्राप्त करेंगे अपने व्यवसाय में उतना ही लाभ आप प्राप्त कर सकते हैं।
बड़े स्तर पर डेरी फॉर्म शुरू (dairy farm kaise khole) करने के लिए लागत ₹20 लाख तक आ सकती है एवं इस स्तर पर कार्य करने के लिए आपके पास कम से कम 30 दुधारू जानवर होना आवश्यक है, जो दिन में कम से कम 250 से 300 लीटर तक दूध दे सकें।
मध्यम स्तर पर व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप की लागत 7 से 10 लाख रूपये तक की आ सकती है एवं इस स्तर पर कार्य करने के लिए आपके पास कम से कम 15 से 18 भैंस एवं गायों का होना जरूरी है।
छोटे स्तर पर डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए आप एक लाख से डेढ़ लाख रुपए तक पैसा लगा सकते हैं एवं 5 से 10 जानवरों को आप अपनी फार्मिंग में रख सकते हैं।
जानवरों की खरीदी कहां से करें?
डेयरी फार्मिंग के लिए आपको एक अच्छी नस्ल के एवं ब्रीडिंग वाले जानवरों की आवश्यकता होती है, जो ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करें। ऐसे जानवरों को आप अपने आसपास के किसी जानकार से एवं पशु मेलों से भी खरीद सकते हैं।
इसके अलावा भारत सरकार के द्वारा डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की मदद दी जा रही है, जिसमें सरकार के द्वारा एक पोर्टल के जरिए भी गाय एवं भैंस का विक्रय किया जाता है। इस पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के द्वारा भी आप ऐसे जानवरों को खरीद सकते हैं।
इस लिंक https://epashuhaat.gov.in/ के माध्यम से आप विभिन्न प्रकार की नस्लों के जानवरों को खरीद एवं बेच भी सकते हैं।
डेयरी फार्मिंग के लिए लोकेशन
अब यदि बात की जाए कि डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय के लिए लोकेशन क्या होनी चाहिए। तो किसी भी व्यवसाय की प्रगति उसके व्यवसाय के स्थान पर भी निर्भर करती है कि वह व्यवसाय किस स्थान पर स्थित है। डेयरी फार्मिंग के लिए आवश्यक है कि ऐसे स्थान का चयन किया जाए, जहां पर गायों एवं भैंसों को रखा जा सके। वहां पर पानी की सुविधा होना चाहिए। क्योंकि गायों एवं भैंसों के लिए पानी बहुत अधिक मात्रा में पीने के लिए दिया जाता है एवं वहां खुला वातावरण होना चाहिए।
यह व्यवसाय शहर के अंदर होना चाहिए, जहां से आसानी से दूध को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सके। क्योंकि हम जानते हैं कि दूध एक ऐसा पदार्थ है, जिसके खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती है। यदि इसे समय पर सही स्थान पर ना भेजा जाए तो यह खराब भी हो सकता है। इसलिए व्यवसाय ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां ग्राहकों की उपलब्धता सुगम हो।
चयनित स्थान पर निर्माण कार्य
डेयरी फार्मिंग हेतु आपने जो भी स्थान का चयन किया है, वहां पर आपको कुछ निर्माण कार्य करवाने होते हैं। जैसे कि गायों एवं भैंसों को रखने के लिए आपको कमरे बनाने होंगे। ताकि बदलते मौसम में आप अपने जानवरों को उस स्थान पर सुरक्षित रख सकें।
इसके अलावा आपको टीन शेड भी बनानी होगी, जिसके नीचे गाय एवं भैंस रह सकें।चारा एवं उन को भोजन देने के लिए आपको चौकोर बॉक्स आकार में निर्माण करवाना होगा। इसके अलावा भी आपको कुछ निर्माण कार्य करवाना होगा, जहां पर आप उनके खाने-पीने का सामान रख सकें।
जोखिम
डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में यदि जोखिम की बात की जाए तो जोखिम किसी भी व्यवसाय का अभिन्न अंग है। लेकिन डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय में जोखिम की मात्रा थोड़ी कम होती है। बाकी व्यवसाय की तुलना में।
जोखिम के रूप में डेयरी व्यवसाय में सिर्फ यही निकल कर आता है कि यदि जानवरों को किसी तरह की बीमारी हो जाए या उनकी मृत्यु हो जाए तो इससे डेयरी व्यवसाय को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है। यदि दूध को सही तरीके से रखा न जा सके एवं उसे सही समय पर उसे अपने स्थान तक ना भेजा जाए तो उसके खराब होने की भी संभावना बहुत अधिक होती है।
स्टाफ का चयन
जब भी इंसान कोई भी बिजनेस को शुरू करता है तो उससे पहले उसे स्टाफ का चयन करना पड़ता है या फिर व्यक्ति अपने बिजनेस को शुरू करने के बाद भी स्टाफ का चयन कर सकता है। उसी विषय से संबंधित आइडिया वाले हिसाब का चयन करें तो व्यक्ति के लिए बेहतरीन रहेगा। यदि आप डेयरी का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और डेयरी के बिजनेस के लिए स्टाफ का चयन करना चाहते हैं तो गाय और बहन से संबंधित जानकारी वाले लोगों को चयनित करें ताकि आपके बिजनेस में कोई भी अवरुद्ध ना आए।
डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय के लिए प्रशिक्षित लोगों का होना आवश्यक है, जिन्हें दूध निकालने, गाय एवं भैंसों को समय पर खाना देने, उनकी स्वच्छता का ध्यान रखने एवं साफ सफाई का कार्य आता हो। इसलिए स्टाफ की भर्ती करते समय आपको उपरोक्त बातों का ध्यान रखना चाहिए।
व्यापार का पंजीकरण
वर्तमान समय में चाहे कैसा भी बिजनेस जिसकी शुरुआत आप करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। उसी प्रकार से डेयरी का बिजनेस शुरू करने से पहले भी आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। डेयरी का बिजनेस जो कि खाद्य पदार्थ से संबंधित है। इसलिए आपको कुछ अन्य रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की भी आवश्यकता पड़ती है। जैसे FSSAI और Veg Certificate.
यदि आप डेयरी व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहते हैं तो आपको अपनी एक कंपनी खोलना होगी एवं उसका एक नाम भी रखना होगा, जिसके तहत आप अपनी कंपनी का पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण का कार्य स्थानीय प्राधिकरण के दफ्तर में होता है।
इसके अतिरिक्त व्यापार लाइसेंस, एफएसएसएआई लाइसेंस और वेट पंजीकरण की भी आवश्यकता होती है। इन सभी कार्यों और पंजीकरण की प्रक्रिया में समय के साथ-साथ पैसा भी खर्च होता है।
पैकेजिंग एवं बॉक्स की आवश्यकता
यदि आप अपनी डेयरी फार्मिंग के दूध को बेचना चाहते हैं तो पैकेजिंग भी एक विकल्प हो सकता है, जिस पर आप अपने डेरी व्यवसाय के नाम को दूध को, पैक किए गए तिथि को एवं अपने व्यवसाय के पते को भी उल्लेखित कर सकते हैं, जिसके तहत आपके व्यवसाय का प्रमोशन भी हो जाएगा।
डेयरी बिजनेस में आप अपना दूध पैकेट के रूप में बेचना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पैकेजिंग और बॉक्स की आवश्यकता होती है। दूध के पैकेट आप अपने अनुसार ऑर्डर पर भी बनवा सकते हैं। इसके अलावा बाजार में बने बनाए पैकेट का भी उपयोग कर सकते हैं और अलग-अलग क्वांटिटी के अनुसार दूध की पैकिंग कर सकते हैं।
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डेयरी फार्मिंग के लिए मार्केट रिसर्च कैसे करें?
पशु पालन करना और डेयरी फार्मिंग करना बहुत ही आसान है। लेकिन इसके लिए पहले मार्केट सेट करना बहुत ही अनिवार्य है। मार्केट रिजल्ट के बिना डेयरी फार्मिंग का बिजनेस काफी मुश्किल से Success होता है।
यदि आप मार्केट रिसर्च करके डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको सफलता जल्द से जल्द मिल सकती है। डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च के रूप में आपको क्या-क्या बातों को ध्यान में रखना होगा, जिसकी जानकारी नीचे निम्नलिखित रूप से दी गई है।
डेरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने से पहले आपको सर्वप्रथम बेहतरीन जगह का चयन करना होगा, जहां पर आप अपने गाय पालन या अन्य पशुपालन के बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकते हैं। जमीन देखने के पश्चात आपको एक और चीज देखनी जरूरी होती है कि जहां पर मैं जमीन ले रहा हूं, वहां से शहर ज्यादा दूर ना हो नजदीक में होता कि आप अपने डेयरी फार्मिंग के माध्यम से उत्पादित दूध को आसानी से शहर तक पहुंचा सकते हैं।
यह बिजनेस शुरू करने के लिए आप जहां पर अपना बिजनेस शुरू कर रहे हैं, वहां पर पानी की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। ट्यूबेल की व्यवस्था है तो और भी अधिक बेहतरीन है। उसके पश्चात आपको गाय या भैंस जिस भी जानवर के माध्यम से आप डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो उन जानवरों को खरीदना होगा।
जानवरों को खरीदने से पहले जानवरों की नस्ल के बारे में भी जानकारी लेनी होगी। अच्छी नस्ल की गाय की नस्ल की भैंस ही आपको डेयरी फार्म के बिजनेस में उन्नति दिला सकते हैं। अब आपको उच्च गुणवत्ता वाले चारे और पोषण पदार्थों का भी इंतजाम करना होगा। उसके पश्चात आप अपना डेयरी फार्मिंग बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए आपको खुद का एक वाहन भी देना होगा, जिसके माध्यम से आप दूध को सेट तक पहुंचा सकते हैं और अन्य जरूरी सामग्री को ला सकते हैं। डेरी फार्मिंग से संबंधित कार्यों में आपको अपना खुद का वाहन काफी मदद करेगा।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस से प्रॉफिट
बिजनेस चाहे छोटा हो या बड़ा हर बिजनेस में फायदा कहीं नहीं मिलता है। तब व्यक्ति बिजनेस को शुरू करने के बारे में सोचता है। डेरी फार्मिंग का बहुत ही अच्छा बिजनेस है और भविष्य में यह बिजनेस बहुत ज्यादा मुनाफा देने वाला है। डेयरी फार्मिंग बिजनेस के वर्तमान में प्रॉफिट की बात करें तो डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू कर के आप लागत के पश्चात 30% तक मुनाफा कमा सकते हैं।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस के माध्यम से आप दूध दही को मार्केट में भेज सकते हैं। इसके अलावा और अधिक मुनाफा पाने के लिए आप पनीर और घी का उत्पादन करके इसे भी बाजार में भेज सकते हैं। इसके अलावा गाय और भैंस का गोबर तक बाजार में बिकता है। इसलिए आपको आसानी से मुनाफा मिल जाता है।
उदाहरण के रूप में यदि आप 20 से 25 अमेरिकन गाय के साथ अपना डेयरी फार्मिंग बिजनेस शुरू करते हैं तो आप न्यूनतम ₹70000 से ₹100000 प्रति महीना आराम से कमा सकते हैं।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए मार्केटिंग
मार्केटिंग के माध्यम से हर बिजनेस को ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है। हर बिजनेस के लिए मार्केटिंग का कार्य बहुत ही अनिवार्य है। डेरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने के पश्चात भी आपको अपने बिजनेस को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए मार्केटिंग करनी होगी। जिस प्रकार से उधर के रूप में आप देख सकते हैं, कि अमूल दूध के एडवर्टाइजमेंट देशभर में फैले हुए हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से अमूल दूध के एडवर्टाइजमेंट और मार्केटिंग की जा रही है। इसी प्रकार से आप भी अपने डेयरी फार्मिंग बिजनेस को और अधिक लोकप्रिय करना चाहते हैं, तो आपको भी मार्केटिंग का रास्ता अपनाना होगा। मार्केटिंग के माध्यम से आपके डेयरी फार्मिंग बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हाथ लगेगा।
डेयरी व्यवसाय हेतु सरकारी योजनाएं
डेयरी व्यवसाय को देश के प्रत्येक जिले में प्रोत्साहित करने के लिए पशुपालन विभाग होता है, जो राज्य एवं केंद्र सरकारों से जुड़ा हुआ होता है। यहां से आप पशुपालन से संबंधित ट्रेनिंग, प्रशिक्षण, स्वरोजगार के लिए गाइडेंस, डेयरी फार्मिंग हेतु ऋण आदि सभी विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालन विभाग के द्वारा यह सभी जानकारियां आपको प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा नाबार्ड संस्था के द्वारा भी आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा डेयरी के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के नए प्रावधान प्रतिवर्ष लाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में नाबार्ड बैंक के द्वारा एक नया प्रावधान लाया गया है, जिसके माध्यम से यदि कोई व्यक्ति डेयरी का बिजनेस शुरू करता है। तो ऐसे में उस व्यक्ति को प्रत्येक जानवर के ऊपर लोन राशि उपलब्ध करवाई जाती है। ताकि वह व्यक्ति अपने बिजनेस को और अधिक बढ़ा सकें और धीरे-धीरे लोन को किस्तों में वापस चुका सकता है।
FAQ
डेयरी का बिजनेस शुरू करने के लिए जानवरों की खरीदी आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। यदि आप ऑनलाइन खरीदी करना चाहते हैं तो https://epashuhaat.gov.in/ इस वेबसाइट पर जाकर खरीद सकते हैं।
जी हां, डेयरी का बिजनेस शुरू करने के लिए आप को जीएसटी रजिस्ट्रेशन लाइसेंस लेना अनिवार्य है। उसके साथ ही साथ FSSAI का लाइसेंस भी लेना होगा और वेज रजिस्ट्रेशन का भी लाइसेंस लेना होगा।
डेयरी का बिजनेस शुरू करने के लिए न्यूनतम 5 लाख से 10 लाख रूपए की लागत कम आती है।
भारत देश में प्रति वर्ष 12 करोड़ सात लाख 90 हजार टन का उत्पादन होता है।
जी हां भविष्य के लिए यह बिजनेस बहुत ही ज्यादा बेहतरीन साबित हो सकता है। क्योंकि वर्तमान की जनरेशन के अनुसार देखा जाए तो हर कोई इंसान अपने घर में गाय भैंस को पालने की बजाय बाजार से दूध लाकर गुजारा चलाने में अच्छा महसूस करता है। ऐसे में धीरे-धीरे भविष्य में गाय और भैंस पालने वाले लोगों की संख्या कम हो जाएगी और देश में दूध की खपत बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि आप डेयरी का बिजनेस शुरू कर के दूध उत्पादन का काम करते हैं,तो आपको भविष्य में बहुत अधिक मुनाफा हो सकता है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने बात की है डेयरी फार्मिंग व्यवसाय से संबंधित की डेयरी व्यवसाय को कैसे खोला जाता है (Dairy Farm Business Plan in Hindi), लोकेशन क्या होनी चाहिए, किस किस्म के जानवरों का आप चयन कर सकते हैं एवं किस प्रकार की सरकारी सहायता आपको इस व्यवसाय में दी जाती है। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और डेयरी व्यवसाय से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिले होंगे।
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