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मुर्गी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें?, होगी हर महीने लाखों की कमाई

भारत में बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर युवा स्वरोजगार की ओर रुख कर रहे हैं। स्वरोजगार से अच्छा कोई रोजगार नहीं है। भारत में पोल्ट्री फार्मिंग एक उभरता हुआ स्वरोजगार है। दिन प्रतिदिन यह बिजनेस काफी तेजी से विस्तार कर रहा है।

भारत में अंडा और चिकन मीट की डिमांड बहुत तेजी से ही बढ़ रही है, जिसके कारण इस बिजनेस को शुरू करना बहुत ही फायदेमंद विकल्प हो सकता है। बस जरूरी है कि इस बिजनेस के बारे में थोड़ी जानकारी और सही योजना हो। सरकार भी पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस को शुरू करने के लिए लोन व ट्रेनिंग देकर उद्यमियों की मदद कर रही है।

How to Start Poultry Farming in India in Hindi
Image: How to Start Poultry Farming in India in Hindi

तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि मुर्गी पालन के बिजनेस को किस तरीके से शुरू कर सकते हैं , इस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत , इसमें होने वाला फायदा और इससे संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त करेंगे।

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मुर्गी पालन व्यवसाय क्या है ?

मुर्गी पालन को पोल्ट्री फार्मिंग भी कहा जाता है। बाजार में मुर्गी के मीट और अंडे की बढ़ती डिमांड को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में पोल्टी फॉर्म व्यवसाय बहुत ही फायदेमंद व्यवसाय है।

हर साल यह व्यवसाय काफी ज्यादा विस्तार कर रहा है। इस व्यवसाय के अंतर्गत एक निश्चित क्षेत्रफल के जमीन में मुर्गियों का पालन करके मुर्गी का मीट और अंडा बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

मुर्गी पालन व्यवसाय से क्या-क्या फायदे हैं?

 मुर्गी पालन के बिजनेस के कई फायदे हैं। सबसे पहला कि इस व्यवसाय को आप बहुत कम निवेश के साथ शुरू कर सकते हैं।

  • मुर्गी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार भी सहायता कर रही है।
  • इस बिजनेस के कारण ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
  • मुर्गी पालन के व्यवसाय में आप खेती के साथ एक्स्ट्रा इनकम जनरेट करने के लिए इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।
  • मुर्गी पालन के व्यवसाय में काफी ज्यादा फायदा होता है क्योंकि मुर्गी और अंडे का डिमांड मार्केट में बहुत ही ज्यादा रहता है और यह डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है।

मुर्गी पालन व्यवसाय का विश्लेषण करें?

व्यवसाय चाहे कोई भी शुरू करना हो अगर उस फील्ड में आपको अनुभव नहीं है तो सबसे पहले आपको अनुभव लेना जरूरी है। उससे संबंधी ज्यादा से ज्यादा जानकारी जूटान जरूरी है ताकि आप अपने उसे व्यवसाय में कुछ बेहतर कर सके।

पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में आपको आपकी मेहनत से ही सफलता मिलेगी। लेकिन अगर आप अपने आसपास के पोल्ट्री फार्मिंग के व्यवसाय का विश्लेषण करते हैं तो आपको इस इंडस्ट्री से संबंधित और भी जानकारी मिलती है।

आपको एक आईडिया मिल जाता है कि आपको अपने व्यवसाय में क्या नया करना है ताकि आप अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा विकास कर सके।

मुर्गियों का प्रकार

मुर्गी पालन के व्यवसाय में यह तय करना जरूरी है कि आप कौन से प्रकार की मुर्गी का पालन करना चाहते हैं। आमतौर पर मुर्गी के तीन प्रकार होते हैं:

  • लेयर मुर्गी
  • ब्रायलर मुर्गी
  • देसी मुर्गी

लेयर मुर्गी

लेयर मुर्गी का इस्तेमाल ज्यादातर तब होता है जब आप मुर्गी पालन का व्यवसाय अंडे बेचने के उद्देश्य से करते हैं। क्योंकि इस तरह की मुर्गी ज्यादा अंडे देती है और 4 महीने के बाद यह अंडे देना शुरू कर देती है। एक साल तक यह लगातार अंडे देती है। बाद में इसका मांस बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।

ब्रायलर मुर्गी

मार्केट में मुर्गी के मीट का बहुत ही डिमांड रहती है अगर आप मीट बेचकर कमाई करना चाहते हैं तो पोल्टी फॉर्म व्यवसाय में ब्रायलर मुर्गी का चयन कर सकते हैं। इस मुर्गी का विशेषता यह है कि यह बहुत तेजी से विकास करती है और इसे ज्यादा मांस भी प्राप्त होता है।

देसी मुर्गी

देसी मुर्गी की विशेषता यह है कि यह काफी पौष्टिक और स्वादिष्ट होती है, जिसके कारण इसके मीट का डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा होता है और ज्यादा दाम पर इसका मांस बिकता है।

यह भी पढ़े: कड़कनाथ पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? (प्रकिया, निवेश और मुनाफा)

जगह की आवश्यकता

मुर्गी पालन के लिए आप गांव या शहर कहीं भी जगह का चयन कर सकते हैं। अगर आप शहर में पोल्ट्री फार्मिंग के लिए जगह चयन करते हैं तो इसके लिए आपको वहां के स्थानीय निगम ऑफिस में जाकर NOC यानी कि नो no objection certificate के लिए आवेदन करना पड़ता है।

बात करें इस व्यवसाय में आपको कितनी जमीन की जरूरत है तो एक चूजे के लिए 3-4 फीट जमीन काफी होती है। इस तरह अगर 150 चूजों को अगर आप पालते हैं तो कम से कम 200 से 250 फीट जमीन की आवश्यकता होगी। पोल्ट्री फार्मिंग में आपको साफ सुथरी जमीन की जरूरत पड़ती है। चूजों को खुली हवा मिलती रहे इसका ध्यान रखना जरूरी है ताकि वह बीमारियों से बचे रहे।

जिस भी जगह पर आप मुर्गी पालन के लिए शेड तैयार करते हैं तो आपको वहां पर मुर्गी के खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था करनी पड़ती है, चीजों को सूखी जमीन पर रखना पड़ता है। समय-समय पर उनके स्वास्थ्य पर भी आपको ध्यान देना पड़ता है। गीली जगह से उन्हें दूर रखना होता है क्योंकि गीली जगह पर रखने से बीमारी फैलने का खतरा रहता है।

मुर्गी पालन के व्यवसाय के लिए आवश्यक दस्तावेज

पोल्टी फॉर्म व्यवसाय शुरू करने के लिए आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज होने जरूरी हैं:

  • पहचान पत्र (पैन कार्ड, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस)
  • पोल्ट्री फार्म बिजनेस के लिए परमिट
  • बिजनेस का लाइसेंस
  • जीएसटी सर्टिफिकेट
  • पशु देखभाल मानक सर्टिफिकेट

चूजो को खरीदना

मुर्गी पालन के व्यवसाय में सभी योजना तैयार हो जाने के बाद अब आपको चूजे खरीदने की जरूरत होती है। कितने चूजे खरीदने हैं यह आप पर निर्भर करता है। शुरुआत में आप 100 से 150 चुजों के साथ मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। वहीं अगर आपके पास बहुत ज्यादा जगह है और निवेश करने के लिए अच्छे खासे रकम है तो आप 200 से 250 चूजे भी खरीद सकते हैं।

इन चूजों को शुरुआत से आपको सही ढंग से खाना पीना देना पड़ता है, जिसके बाद इनका ग्रोथ होता है और फिर इनके अंडे और उनके मीट बेचकर कमाई होती है। जब आप चूजों को खरीदते हैं तो उस समय भी कुछ विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

चूजों का स्वास्थ्य सही रहना चाहिए। अगर एक भी चूजे की तबीयत खराब हो जाए तो वह बाकी को भी प्रभावित कर सकते हैं। बाजार में आपको पर चूजा 30 से 40 रुपए के हिसाब से मिल जाता है।

चूजों के लिए खाने का इंतज़ाम

मुर्गी पालन के व्यवसाय में चूजों के खान-पान पर आपको बहुत ध्यान देना पड़ता है। खाने का सही इंतजाम होना चाहिए, सही और पोशाक खाना चूजों को मिलने से वह जल्दी से ग्रोथ करते हैं। मुर्गी पालन के व्यवसाय में आपको तीन तरह के दाने चूजों को देने पड़ते हैं प्री स्टाटर, स्टाटर और फिनिशर फीड।

प्री स्टार शुरुआत के 10 दिन तक चूजों को दिया जाता है। उसके बाद अगले 11 से 20 दिन तक स्टाटर दिया जाता है। 21 दिन के बाद फिनिशर फीड उन्हें दिया जाता है। चूजों को दिए जाने वाले दाने बाजार में 30 से 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल जाते हैं।

मुर्गियों के खाने के साथ उनके पानी का भी विशेष इंतजाम करें। समय-समय पर पानी बदलते रहे ताकि पानी गंदा ना हो। चूजों को रात के बजाय दिन में भोजन दे क्योंकि वह रात में नहीं खाते हैं। इस तरह सही ढंग से चूजों को खान-पान दिया जाए तो 40 से 45 दिन के अंदर चूजे 1 किलो का वजन प्राप्त कर लेते हैं।

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मुर्गियों को मार्केट में बेचना

मुर्गी पालन के व्यवसाय में आपका आखरी स्टेप मुर्गी को मार्केट तक पहुंचाना होता है। मुर्गी पालन में आप दो तरीके से कमाई करते हैं मुर्गी बेचकर और अंडे बेचकर। अगर आप अंडे बेचते हैं तो ₹4 से ₹5 प्रति अंडे बिकते हैं, वहीं अगर आप मुर्गी बेचते हैं तो वजन के हिसाब से इसकी बिक्री होती है।

शुरुआत में आप अपने लोकल मार्केट को टारगेट कर सकते हैं। अगर आपके लोकल मार्केट में मुर्गी या अंडे के उपभोक्ता ज्यादा है तो आपका ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट भी कम होता है। आप आसानी से अपने प्रोडक्ट को ग्राहक तक पहुंचा पाते हैं।

आपको जानना जरूरी है कि आपके आसपास के बाजार में मीट या अंडे खरीदने के लिए ग्राहक ज्यादातर कहां जाते हैं। ऐसे मीट शॉप या उपलब्ध होटल में अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। आगे अगर आपके मुर्गी फार्म की उत्पादन क्षमता ज्यादा होती है तो आप अन्य बड़े शहरों में भी इस बिजनेस की मार्केटिंग करके अपनी बिक्री बढ़ा सकते हैं।

पोल्ट्री फार्म शुरु करने में आने वाली लागत

पोल्टी फॉर्म व्यवसाय को आप छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक शुरू कर सकते हैं। इस व्यवसाय को छोटे स्तर से शुरू करने में तकरीबन 50000 से डेढ़ लाख रुपए तक की लागत लगती है। वहीं मीडियम साइज के पोल्ट्री फार्म के लिए डेढ़ से ₹3 लाख रुपए तक का लागत आता है। इस व्यवसाय को आप धीरे-धीरे आगे और भी बढ़ा सकते हैं।

मुर्गी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए सहकारी बैंक और सरकारी बैंक से सब्सिडी पर लोन भी आसानी से मिल जाता है। अगर आपके पास ट्रेनिंग और सही प्लान है तो आप नाबार्ड से मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए 75% लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य बैंकों से भी आप सस्ते दर में लोन प्राप्त कर सकते हैं।

मुर्गी पालन व्यवसाय में कमाई

मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरुआत से ही फायदेमंद व्यवसाय रहा है। बात करें इस व्यवसाय में होने वाली आमदनी की तो इसमें आपको काफी अच्छा खासा फायदा हो जाता है। इसमें प्रत्येक अंडे पर आपको तकरीबन एक से दो रुपए का फायदा होता है। मुर्गी पालन में आप अंडे बेचकर और मुर्गी के मीट को बेचकर कमाई करते हैं‌। मुर्गे के मीट का डिमांड और उसकी कीमत ज्यादा रहती है।

अगर आप 10000 चीजों के साथ मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करते हैं तो 3 से 4 महीने के बाद आपकी कमाई शुरू हो जाती है और इससे आप हर दिन के तकरीबन एक हजार से ₹1500 तक की कमाई करते हैं।

मुर्गी पालन में बरती जाने वाली सावधानी

मुर्गी पालन में बरसात के मौसम में ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। वरना एक लापरवाही आपके इस बिजनेस में काफी बड़ा नुकसान कर सकता है। बरसात के मौसम में जमीन गीला हो जाता है। ऐसे में चूजों के लिए साफ सुथरा और सुखे जगह की व्यवस्था करनी पड़ती है। उनके खान-पान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है।

आहार में नमी बढ़ जाने से उसमें फंगस लग जाता है, जिससे कीड़े पनपने की आशंका होती है। ऐसा होने से चूजों में बीमारी होने की भी आशंका होती है। अगर एक चूजा बीमार पड़ता है तो उसका असर अन्य चूजों पर भी होता है।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में आपने मुर्गी पालन के व्यवसाय से संबंधित सारी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। मुर्गी पालन का व्यवसाय वर्तमान में तेजी से ग्रो करता हुआ बिजनेस है।

हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख में दी गई जानकारी आपको मुर्गी पालन के व्यवसाय को शुरू करने में मददगार साबित हुई होगी। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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