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रेशम का बिजनेस कैसे शुरू करें?

Silk Business Kaise Shuru Kare: रेशम व्यवसाय कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने वाला व्यवसाय है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र में हर कोई शुरू कर सकता है। सिल्क व्यवसाय एक अच्छा रोजगार का जरिया है। आज भारत में सिल्क व्यवसाय ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में होता है और इस व्यवसाय के जरिए लाखों किसान मुनाफा कमा रहे हैं।

यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे आप कृषि और अन्य कार्यों के साथ भी जारी रख सकते हैं और सिल्क का महत्व क्या है यह तो आप अच्छे से जानते होंगे। सिल्क का कपड़ा ना केवल आरामदायक होता है बल्कि यह काफी महंगा भी होता है। इसका उपयोग अलग-अलग चीजों को बनाने में भी होता है इसीलिए सिल्क की मांग भी काफी है।

Silk Business Kaise Shuru Kare
Image: Silk Business Kaise Shuru Kare

ऐसे में सिल्क व्यवसाय शुरू करके आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले आपको इसके बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए कि किस तरीके से सिल्क व्यवसाय शुरू करें?, इसके लिए कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?, कौन-कौन से मशीनों की आवश्यकता पड़ेगी? और इससे कितना मुनाफा हो सकता है? इत्यादि।

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इन्हीं सब जानकारियों के साथ हम आज का लेख लेकर आए हैं। यदि आप खुद का सिल्क व्यवसाय शुरू करने का सोच रहे हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

रेशम का बिजनेस कैसे शुरू करें? | Silk Business Kaise Shuru Kare

रेशम व्यवसाय क्या होता है?

रेशम व्यवसाय एक तरह का कुटीर व्यवसाय है, जिसमें रेशम के कीड़े द्वारा दिए गए अंडे, जिसे कोकून कहा जाता है। उसके द्वारा कच्चे रेशम का उत्पाद किया जाता है। इस व्यवसाय को सेरीकल्चर कहा जाता है। इस व्यवसाय में रेशम के कीड़ों का पालने से लेकर रेशम की सफाई करना, सूत को काटना और उन पौधों को उगाना भी शामिल है, जिस पर रेशम के कीड़े पलते हैं जैसे कि सहतूत, पलाश, गूलर आदि।

यह व्यवसाय कम कीमत पर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया जा सकता है और यह पर्यावरण के साथ मित्रवत भी हैं। यह ना केवल वर्तमान व्यवसाय है बल्कि सदियों से चला आ रहा व्यवसाय। आज भारत रेशम के उत्पादन में चीन के बाद दूसरा दुनिया का सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश बन चुका है।

रेशम के व्यवसाय के क्या फायदे हैं?

  • कम निवेश के साथ ज्यादा मुनाफा कमाने वाला व्यवसाय है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आय के लिए एक अच्छा स्त्रोत है।
  • इसमें रोजगार की पर्याप्त संभावना है।
  • यह व्यवसाय ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार देकर अपने घर की अर्थव्यवस्था को सुधारने का मौका देता है।
  • इस व्यवसाय को कृषि और अन्य घरेलू कार्यों के साथ भी जारी रखा जा सकता है।
  • रेशम उद्योग में होने वाली गतिविधियां पर्यावरण के साथ मित्रवत है। यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
  • भारत में रेशम का व्यवसाय पूरे विश्व में रेशम के व्यवसाय का 95 परसेंट व्यवसाय मात्र एशिया में होता है। एशिया के अंतर्गत 40 देश रेशम के व्यवसाय के लिए प्रख्यात है, जिसमें चीन और भारत में सबसे ज्यादा रेशम का उत्पादन होता है। भारत रेशम के उत्पादन में द्वितीय क्षस्थान पर है साथ ही दुनिया का सबसे ज्यादा रेशम उपभोक्ता देश भी हैं। भारत में कई राज्यों में शहतूत रेशम का उत्पादन होता है और यह कई वर्षों से भारत के अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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रेशम की किस्में

रेशम के कुछ पांच-छह प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग प्रजाति के रेशम के कीड़े से प्राप्त होते हैं और उन कीड़ों को अलग-अलग पौधों पर पाला जाता है। रेशम के कुछ निम्नलिखित प्रकार है:

  • शहतूती रेशम
  • गैर शहतूती रेशम
  • मूंगा रेशम
  • ओक तसर रेशम
  • एरी या अरंडी रेशम
  • तसर (कोसा) रेशम

रेशम का व्यवसाय कैसे शुरू करें?

व्यवसाय चाहे छोटे स्तर का हो या बड़े स्तर का लेकिन इस व्यवसाय को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि अच्छी योजना के साथ उसे शुरू करना। किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उससे संबंधित सारी जानकारी होनी चाहिए।

उसके लिए कितनी जगह चाहिए होगी?, क्या कच्चे माल की आवश्यकता होगी?, कौन-कौन से मशीनों की आवश्यकता होगी? कितनी लागत होगी?, क्या कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा?, व्यवसाय का किस तरह पंजीकरण होगा? और इस व्यवसाय से कितनी प्रॉफिट होगी? इत्यादि चीजों की जानकारी पहले से ही करके रखनी होंगी ताकि आगे चलकर आपको यह व्यवसाय शुरू करके कोई नुकसान का सामना न करना पड़े।

शहतूत की खेती करें

जैसा आप जानते हैं कि रेशम, रेशम के कीड़ों से प्राप्त होता है, इसीलिए उन किड़ों को पालने के लिए उन्हें भोजन देना पड़ेगा और रेशम के कीड़ों का भोजन मुख्यत: शहतूत के पत्ते, पलाश और गेलूर के पौधे होते हैं। पर आपको जानकर हैरानी भी होगी कि रेशम के कीड़ों का भोजन बहुत ज्यादा होता है।

हालांकि शुरुआत में यह विश्वास करना मुश्किल होगा। लेकिन वे काफी पर्याप्त मात्रा में भोजन लेते हैं। ऐसे में आप रेशम के कीड़ों को पालने से पहले इन पौधों की खेती करनी पड़ेगी। आप चाहे तो अन्य किसान जो इन पौधों की खेती करता है, उनसे भी आप खरीद सकते हैं लेकिन वह आपको थोड़ा महंगा पड़ेगा। यदि आप खुद खेती करते हैं तो इसमें आपको ज्यादा फायदा होगा।

शेड का निर्माण करें

रेशम के कीड़ों को रखने के लिए शेड का निर्माण करना पड़ेगा। इसके लिए चाहे तो घर के किसी खाली कमरे का इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां बांस या अन्य सामग्री का उपयोग करके चटाई की तरह एक रैंक तैयार किया जा सकता है, जो रेशम के कीड़ों के पालन पोषण की ओर स्थानांतरित करने में मदद करेगा, जहां भी रेशम के कीड़ों को रखा जा रहा है।

ध्यान रहे कि उस कमरे में वेंटिलेशन का सही प्रबंधन हो और उन्हें धूप की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए यह भी ध्यान रहे कि उस कमरे में धूप ना पड़े साथ ही कमरे का तापमान और नमी बनाए रखना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त कमरे की सफाई पर भी ध्यान देना जरूरी है, कमरे को कीटाणु नाशक रखना आवश्यक है।

रेशम के कीड़ों के नस्ल का चुनाव करें

रेशम के कीड़ों की कई प्रकार की नस्ले होती है और उन सभी नस्लों को अलग-अलग जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में पाला जाता है। ऐसे में जब आप रेशम का व्यवसाय शुरू करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि आपके क्षेत्र में कौन सी नस्ल का रेशम का कीड़ा का पालन अच्छा होगा, जो ज्यादा से ज्यादा उत्पादन दे पाए। इसके लिए आप चाहे तो कृषि विज्ञान केंद्र या सिल्क बोर्ड से जानकारी ले सकते हैं।

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रेशम के कीड़ों को भोजन देना

जब आप रेशम के कीड़ों के नस्ल को ले आते हैं तो अब जरूरी है कि उसका पालन पोषण सही तरीके से हो। इसीलिए आप उसे हर दिन सही मात्रा में भोजन दें।

आप जानते हैं कि रेशम के कीड़ों का भोजन शहतूत की पत्तियां होती है और रेशम के कीड़े बहुत छोटे होते हैं, इसीलिए उन्हें शहतूत की पत्तियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर खाने के लिए दें। ये कीड़े बहुत ज्यादा मात्रा में भोजन करते हैं, इसीलिए इन्हें एक दिन में चार से पांच बार खाने के लिए दें।

ड्राई हीट और रिलिंग करना

जब रेशम के कीड़े पर्याप्त मात्रा में भोजन करके संतुष्ट हो जाते हैं तो वे अपने मुंह से एक लिक्विड प्रोटीन निकालना शुरू करते हैं, जो हवा के संपर्क में आते ही धागे नुमा जैसा रूप ले लेता है और कुछ ही समय वह कीड़े के चारों तरफ एक धागे नुमा कठोर सरंचना बना लेता है, जिसे कोकून कहते हैं।

अब कोकून बनने के बाद उसे भाप देना पड़ता है ताकि कोकुन के अंदर के कीड़े मर जाए। अब उसे 95 डिग्री सेल्सियस तापमान के गर्म पानी में भिगोना होता है ताकि अंदर के फाइबर ढीले हो जाए और फिर बाद में उसे रिलिंग कर सकें।

इन सभी प्रक्रियाओं को बहुत ही आराम से करना होता है ताकि कोकून खराब ना हो। इस तरीके से एक रेशम के कीड़े का पालन करके रेशम का धागा बनाकर उसे बेच सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

रेशम के व्यवसाय में कमाई

रेशम के कीड़े से 4 बार रेशम की फसल मिलती है। एक बार के फसल से अनुमानित 30 से 40 हजार की कमाई हो जाती है और यह मुनाफा व्यवसाय को विस्तृत करने पर और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

रेशम के व्यवसाय के लिए लागत

यदि आप रेशम का व्यवसाय छोटे स्तर पर शुरू करते हैं तो इसमें आपको कम निवेश लगता है। लेकिन वहीँ बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए आपको ज्यादा लागत लगती है। यह सब कुछ आप की जमीन पर निर्भर करता है। यदि आपके पास खुद की जमीन है और आप खुद ही शहतूत के पतियों की खेती करते हैं तो आप 50-60 हजार के निवेश में इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

लेकिन वहीँ यदि आप किसी अन्य किसान के द्वारा उत्पादित शहतूत की पत्तियों को खरीदते हैं और बड़ी मात्रा में रेशम के कीड़ों का पालन करते हैं साथ ही कुछ मशीनों को शामिल करके आपको इसमें एक से दो लाख का निवेश लग सकता है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश कम लगता है क्योंकि वहां पर खुद की जमीन होती है और खुद ही रेशम के कीड़ों के भोजन के लिए शहतूत की खेती भी कर सकते हैं।

लेकिन निवेश के लिए आप अलग-अलग जगह से फंड भी एकत्रित कर सकते हैं। अभी सरकार भी इस व्यवसाय को प्रेरित करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं लेकर आई है, जिसके माध्यम से आप 50 फिसदी सब्सिडी के साथ ऋण ले सकते हैं।

FAQ

रेशम का बिजनेस करके कितना कमाया जा सकता है?

रेशम के व्यापार से 50 हजार रूपये से भी अधिक कमाए जा सकते है

रेशम का बिजनेस करने में कितनी लागत आती है?

इस बिजनेस को शुरू करने में आपको 2 लाख रूपये तक की की लागत लग सकती है

निष्कर्ष

इस लेख में हमने रेशम के विषय से संबंधित जानकारी दी, जो इस व्यवसाय को शुरू करने के इच्छुक को अपना रेशम का व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगा। लेकिन इस व्यवसाय में काफी सावधानी भी रखनी पड़ती है। रेशम के कीड़ों का पालन पोषण से लेकर उसके कोकून बनने तक साफ-सफाई अकाशी ध्यान रखना पड़ता है ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण ना हो और अच्छा रेशम तैयार हो सके।

इसीलिए इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले एक बार सिल्क बोर्ड और कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके जानकारी ले लेनी चाहिए। यदि इस लेख रेशम का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Silk Business Kaise Shuru Kare) से संबंधित कोई भी समस्या हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते।

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