Book Shop Business Kaise Kare: आप सभी तो जानते ही हैं कि आज के समय में पढ़ाई लिखाई का कितना ज्यादा महत्त्व है। यही कारण है कि बच्चे, बूढ़े और नौजवानों में पढ़ाई की रूचि देखने को मिलती है।
इसके अलावा भी आज के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो कि अपना मनोरंजन करने के लिए किताबें पढ़ना पसंद करते हैं चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो या कोई मनोरंजन से। इसी कारण आज का समय इंटरनेट का जमाना होने के बावजूद भी यह बिजनेस काफी अच्छा साबित होता है।
लोगों की बढ़ती हुई रूचि को देखते हुए यह बिजनेस काफी अच्छा और फायदेमंद साबित होता है, इसीलिए यदि आप इस बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल के अंतर जरूर बने रहें।
क्योंकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के अंतर्गत किताब की दुकान कैसे शुरू करें? (book store kaise khole) इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। तो चलिए इस विषय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Table of Contents
किताब की दुकान कैसे शुरू करें? (Book Ka Business Kaise Kare)
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि उद्यमी किसी भी बिजनेस की शुरुआत करने से पहले बहुत ही अधिक चिंतित होता है क्योंकि उसे बिजनेस से जुड़ी हुई सभी बातों के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती है, जिससे कि वे अपने बिजनेस को सही ढंग से कर सके।
इसीलिए वे किसी भी बिजनेस की शुरुआत करने से पहले उन सभी जानकारियों के बारे में जानना चाहते हैं ताकि वे अपने बिजनेस को अधिक सफल बना सके। ठीक इसी तरह से किताबों के बिजनेस की भी शुरुआत करने से पहले इससे जुड़े हुए सभी प्रकार की जानकारियों के बारे में जानना अति आवश्यक होता है।
क्योंकि इन बातों के माध्यम से आपको बिजनेस को सही ढंग से करने की समझ प्राप्त होती है तो चलिए उन सभी बातों को एक एक करके विस्तार पूर्वक जानते हैं।
बुक और स्टेशनरी बिजनेस की डिमांड
अच्छे भविष्य के निर्माण में शिक्षा अहम भूमिका रखती है। इसीलिए आज हर कोई शिक्षा की तरफ ध्यान दे रहा है। यह न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में शिक्षा का महत्व लोग समझ रहे हैं, जिसके कारण आज पहले की तुलना में शिक्षा में सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है।
शिक्षा को लेकर लोगों की बढ़ती जागृति को नजर में रखते हुए आज बुक स्टोर का बिजनेस एक अच्छा बाजार उपलब्ध है। आज भारत जैसे देश जहां पर कुल जनसंख्या की आधी से भी ज्यादा जनसंख्या युवा है और वह अपने अच्छे भविष्य के लिए हर दिन संघर्ष करती है। वे कठिन परीक्षाओं की तैयारी करती है ताकि वे अच्छी नौकरी पा सके इसके लिए कई तरह की किताबों को का अध्ययन हैं।
यही कारण है कि आज किताबों की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ रही है और यह डिमांड बुक स्टोर के बिजनेस को एक फायदेमंद बिजनेस की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।
कुछ बिजनेस ऐसे होते हैं, जो कुछ महीने चलते हैं, उसके बाद आने वाले समय में बंद हो जाते हैं। लेकिन बुक स्टोर एक ऐसा बिजनेस है, जिसका बाजार कभी खत्म नहीं होगा।
यहां तक कि इसकी डिमांड और भी ज्यादा बढ़ती ही जाएगी। क्योंकि शिक्षा का विकास दिन-प्रतिदिन होते जा रहा है और बुक स्टेशनरी का बिजनेस तो साल भर चलता है और ऐसा नहीं है कि इस बिजनेस में केवल विद्यार्थी ही टारगेट ग्राहक होते हैं, बच्चों से लेकर कई युवा भी किताबों को पढ़ने में रुचि रखती है।
आज भी कई तरह के लोग हैं, जो प्रेरणादायी किताबे, साहितिक किताबें, रोमांचित किताबें पढ़ने में रुचि दिखाते है। इस तरह किताबों के प्रति हर एक उम्र के लोगों के रुझान इस व्यवसाय को बहुत ही फायदेमंद बनाती है।
किताबों का प्रकार
आप सभी तो अच्छे से जानते हि हैं कि किताबों के कितने अधिक प्रकार मौजूद हैं, जिनका उपयोग अपनी सोच, समझ और ज्ञान को बढ़ाने के लिए किया जाता है। आज के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनको अलग अलग रोमांचक, पुरानी इत्यादि तरह के किताबों में रूचि होती है और खास तौर पर तो वर्तमान में पुरानी किताबों में अधिक रुचि देखने को मिलती है।
यदि आप किताबों का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप अपने बिजनेस के अंतर्गत पढ़ाई लिखाई से संबंधित अलग-अलग कक्षाओं की किताबें, एडवेंचर बुक, मैगजीन, नोबेल, पुरानी किताबें, सिद्धांत पूर्ण किताबे, सांस्कृतिक और धार्मिक किताबें, कहानियां वाली किताबें, बच्चों के लिए किताबें, इत्यादि किताबें रख सकते हैं।
आज के समय में इन सभी किताबों का उपयोग काफी काफी किया जाता है। इन किताबों के माध्यम से आप अपने बिजनेस को सफल बना पाएंगे।
बुक स्टोर खोलने के तरीके
आप मुख्य रूप से 2 तरीके से बुक स्टोर खोल सकते हैं।
पहला तरीका है किसी भी प्राइवेट स्कूल से पार्टनरशिप कर सकते हैं। आपने देखा होगा कि ज्यादातर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपने स्कूल के ही पास मौजूद बुक स्टोर से किताबें खरीदते हैं और स्कूल के पास मौजूद बुक स्टोर स्कूल से पार्टनरशिप किए रहते हैं, जिससे वे किताबों के बिक्री पर होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा स्कूल वालों को देते हैं।
इसमें मार्केटिंग करने में स्कूल भी मदद करता है, वह भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को आप ही के बुक स्टोर से किताब खरीदने के लिए प्रेरित करता है।
दूसरा तरीका यह है कि आप चाहे तो खुद का ही बुक स्टोर खोल सकते हैं बिना किसी के पार्टनरशिप के। इसमें हो सकता है शुरुआत में आपको मार्केटिंग करने में ज्यादा मेहनत करना पड़े लेकिन इसमें आपको मुनाफा ज्यादा होता है। क्योंकि इसमें आपको किसी को भी कमीशन देने की जरूरत नहीं पड़ती।
किताबों के बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च
यदि आप इस बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको इस बिजनेस की मार्केट रिसर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी। क्योंकि जब तक आप को अपने बिजनेस के बारे में अच्छी खासी जानकारी प्राप्त नहीं होगी तब तक आप अपने बिजनेस को सही ढंग से नहीं कर पाएंगे।
आपको इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए लोगों के पसंद के अनुसार मार्केट रिसर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी कि लोकल मार्केट में किस तरह की किताबों की अधिक मांग है।
आप इस बात को पता करने के लिए अपने आसपास के नजदीकी लाइब्रेरी या बुक स्टोर में जाकर लोगों की पसंद के बारे में पता कर सकते हैं। इसके अलावा भी आपको इस बिज़नेस से जुड़ी हुई अलग-अलग तरह के मार्केट रिसर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी।
जैसे कि आपको इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए कितना लागत लगेगा, इस बिजनेस में कितना मुनाफा होता है, इस बिजनेस को करने के लिए कौन-कौन से लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता पड़ती है, इस बिज़नस को करने के लिए कौन सा जगह बेहतर होगा इत्यादि और भी बहुत सारी बातें होती हैं।
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किताबों के बिजनेस में इस्तेमाल होने वाली जरूरी रॉ मैटेरियल
आप सभी तो जानते ही हैं कि किताबों का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है, जिसके अंतर्गत किताबें बेचने का कार्य किया जाता है। तो कहने का मतलब यह है कि इस बिजनेस के अंतर्गत आप अलग-अलग तरह की किताबें रख सकते हैं, जो कि लोगों के लिए उपयोगी हो।
इसके अलावा भी आप अपने बिजनेस के अंतर्गत कॉपी, पेन, पेंसिल, रबर, कटर, थर्माकोल सीट, चार्ट पेपर, मार्कर, कलर, स्केच पेन, गोंद, फेविकोल, सेलो टेप इत्यादि चीजें रख सकते हैं।
इन सभी चीजों को आप किसी भी लोकल मार्केट से बड़ी आसानी के साथ खरीद सकते हैं। आज के समय में यह सभी चीजें मार्केट में आसानी के साथ उपलब्ध होती हैं और यदि आप चाहे तो इन सभी चीजों को डायरेक्टिंग इनके कंपनी से खरीद सकते हैं। आपको वहां पर इन सभी चीजों की दाम कम लगेंगे।
आप इन रॉ मैटेरियल को किसी सप्लायर के माध्यम से भी खरीद सकते हैं, बस इसके लिए आपको एक अच्छे सप्लायर की आवश्यकता पड़ेगी। इस बिजनेस को आप कम से कम 20 से 30 हजार रुपए तक के रो मटेरियल के साथ शुरू कर सकते हैं।
इन सभी चीजों में लगने वाली कीमत आपके द्वारा मंगाए जा रहे रो मटेरियल की क्वांटिटी पर निर्भर करता है। परंतु यदि आपने अभी भी बिजनेस की शुरुआत किया है तो आप कम मात्रा में ही रो मटेरियल की खरीदी करें।
किताबों के बिजनेस में लगने वाले जरूरी उपकरण
किताबों के बिजनेस के लिए आप को अलग-अलग तरह के मशीनरी एवं उपकरणों को खरीदने की आवश्यकता पड़ सकती हैं। क्योंकि उन सभी उपकरणों और मशीनों के इस्तेमाल से आप अपने बिजनेस के अंतर्गत भारी मात्रा में रो मटेरियल की प्रोडक्शन कर पाएंगे।
कहने का मतलब यह है कि आपको अपने ऑफिस के लिए फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रिंटर, सॉफ्टवेयर, पेपर, गत्ते इत्यादि चीजों की आवश्यकता पड़ती है। आप चाहें तो अपने बिजनेस के अंतर्गत बुक प्रिंटिंग का भी काम कर सकते हैं और आप प्रिंटिंग का काम किसी आउट सोर्स के माध्यम से भी कर सकते हैं।
कहने का मतलब यह है कि आप डायरेक्ट बुक की खरीदी करके लोगों को बेच सकते हैं। आउट सोर्स के माध्यम से इस बिजनेस को करने से आपको भारी मात्रा में कागज एवं विभिन्न प्रकार के प्रिंटर खरीदने से बच सकते हैं।
आप इन सभी उपकरणों को किसी भी मार्केट या फिर किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीद सकते हैं। आज के समय में यह उपकरण दोनों जगह पर उपलब्ध होते हैं। इन सभी उपकरणों की कीमत आज के समय में कम से कम 60 से 70 हजार रुपए तक का हो सकता है।
यदि आप इस बिजनेस को आउट सोर्स के माध्यम से कर रहे हैं तो आपको इसमें और भी कम लागत लग सकता है। तो इसीलिए आपको इस बिजनेस को आउटसोर्स के माध्यम से ही शुरु करना चाहिए।
किताबों के बिजनेस के लिए प्रोसेस
बाकी बिजनेस की तरह ही इस बिजनेस को करने के लिए कुछ प्रोसेस को अपनाना पड़ता है ताकि बिजनेस को सही ढंग से करके सफल बनाया जा सके। इस बिज़नस की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छी जगह की आवश्यकता पड़ेगी जैसे कि आपको एक अच्छी जगह मिल जाती है, वैसे ही आपको इस बिजनेस के अंतर्गत फर्नीचर का काम करवाना पड़ेगा।
उसके बाद आपको किसी सप्लायर या डीलर की तलाश करनी पड़ेगी, जो कि आपके बिजनेस के अंतर्गत रॉ मैटेरियल की डिलीवरी करने का कार्य करेगा और जैसे ही आपके बिजनेस के अंतर्गत बुक और बाकी जरूरी रो मटेरियल से आ जाएंगे, आप इस बिजनेस को कर सकते हैं।
परंतु इससे पहले आपको इस बिजनेस की अच्छी खासी मार्केटिंग करनी होगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को आपके बिजनेस के बारे में जानकारी प्राप्त हो और आपका बिजनेस सफल हो।
किताबों के बिजनेस के लिए लोकेशन
आप सब तो अच्छी तरह से जानते ही हैं कि किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए एक अच्छे लोकेशन का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि बिजनेस की सफलता और असफलता लोकेशन पर भी निर्भर करती है।
इसीलिए आपको किताबों के बिजनेस की शुरुआत करने के लिए एक ऐसी जगह का चयन करना चाहिए, जहां पर लोगों का भीड़ भाड़ ज्यादा होती हो और जहां पर लोगों का किताबों में अधिक रुचि देखने को मिलती हो।
इसके साथ ही साथ आपको इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि आप जिस जगह पर आप अपने बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं, उस जगह पर ट्रांसपोर्ट से जुड़ी हुई इत्यादि सुविधाएं मौजूद और आपके अलावा कोई दूसरा दुकान मौजूद ना हो या फिर बहुत कम ही किताबों की दुकानें मौजूद हों ताकि अधिक से अधिक लोग आपके बिजनेस की ओर आकर्षित हो सके।
यदि आप चाहे तो इस बिजनेस की शुरुआत किसी ग्रामीण क्षेत्र से भी कर सकते हैं। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी काफी अधिक पढ़ाई लिखाई की रुचि देखने को मिलती है तो आपका बिजनेस वहां भी अच्छा खासा सफल हो सकता है।
हालांकि शहरी इलाकों में स्कूल कॉलेज के सामने या फिर किसी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चे जिस इलाके में रहते हैं, उसके आसपास बुक स्टोर खोलते हैं तो इसके चलने का ज्यादा संभावना रहता है।
किताबों के बिजनेस के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
अब जैसे ही आप इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए दुकान, रो मटेरियल और इत्यादि चीजों कि व्यवस्था कर लेते हैं। वैसे ही आपको इस बिजनेस को करने के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता पड़ेगी।
आपको इस बिजनेस को करने के लिए कुछ आवश्यक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके लिए सबसे पहले आपको विभिन्न बिजनेस एंटिटीज में से किसी एक का चयन करके अपना कंपनी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
उसके बाद आपको इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर (ISBN) के लिए अप्लाई करना होगा, अप्लाई करने के लिए आप इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते है।
इसके अलावा भी आपको हर एक किताब को पब्लिश करने से पहले उसे कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर कराना बहुत ही जरूरी होता है ताकि उस किताब में उपलब्ध जानकारियों को कोई चोरी ना कर सके।
किताबों के बिजनेस के लिए स्टाफ
आप सभी तो जानते ही हैं कि किताबों का बिजनेस एक काफी अच्छा बिजनेस है। यदि आप इस बिजनेस की शुरुआत एक छोटे स्तर से करना चाहते हैं।
कहने का मतलब यह है कि यदि आप इस बिजनेस को छोटे से दुकान के माध्यम से शुरुआत करना चाहते हैं तो शुरुआती दौर में आपको इस बिजनेस को करने के लिए किसी भी स्टाफ मेंबर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आप इस बिजनेस को अकेले ही अच्छी तरीके से संभाल सकते हैं।
परंतु जैसे जैसे आप का बिज़नेस बढ़ते जाएगा और यदि आप इस बिजनेस की शुरूआत ही एक बड़े स्तर से करना चाहते हैं तो आपको इस बिजनेस को करने के लिए कुछ स्टाफ मेंबर की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि आपके बिजनेस के अंतर्गत होने वाले सभी तरह के कामों को करने में आपकी सहायता करेंगे। आप इस बिजनेस को करने के लिए कम से कम 4 से 5 स्टाफ मेंबर रख सकते हैं।
किताबों के बिजनेस के लिए पैकेजिंग
यदि किसी भी प्रोडक्ट के बिजनेस की जा रही है तो उस बिजनेस को सफल और आकर्षक बनाने के लिए पैकेजिंग पर भी विशेष रूप से ध्यान देना अति आवश्यक होता है। ठीक इसी तरह किताबों के बिजनेस की भी बाकी तैयारी करने के बाद इसके पैकेजिंग पर भी विशेष रूप से ध्यान देना जरूरी होता है।
ऐसा करने से बिजनेस काफी अच्छे आकर्षक रूप से ग्राहकों के सामने प्रदर्शित होता है और बिजनेस का काफी अच्छा इमेज बनता है, जो कि बिजनेस को सफल बनाने में योगदान देता है।
आप किताबों के बिजनेस के अंतर्गत किताबों की पैकेजिंग करने के लिए एक अच्छे खासे पैकेजिंग मैटेरियल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि प्रिंटेड पॉलिथीन बैग, पेपर बैग, जूट बैग, कॉटन बैग, थैला इत्यादि और भारी मात्रा में थोक सेलिंग करने के लिए बड़े से पेपर बॉक्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सभी समान पैकेजिंग के लिए काफी अच्छे होते हैं।
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किताबों के बिजनेस में लगने वाली लागत
आपको इसमें बहुत सी चीजों की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि रो मटेरियल, मशीनरी एवं उपकरण, फर्नीचर का सामान, पैकेजिंग मैटेरियल, बिजली, जगह इत्यादि। इन सभी चीजों में आपको कम से कम 1 लाख रुपए से लेकर के 2 लाख रुपए तक की लागत लगेगी।
यह लागत आपके बिजनेस के स्तर को देखते हुए कम या ज्यादा भी हो सकता है और इसके साथ ही साथ आपके द्वारा मंगाए जा रहे रो मटेरियल और उपकरणों की क्वांटिटी और क्वालिटी पर भी निर्भर करता है।
बुक्स और स्टेशनरी शॉप का मैनेजमेंट कैसे करें?
किसी भी व्यवसाय को शुरू कर देना ही बड़ी बात नहीं होती है। उस व्यवसाय को आगे मैनेज भी अच्छे से करना पड़ता है ताकि उस व्यवसाय में आपको लंबे समय तक मुनाफा मिलते रहे।
बुक स्टोर खोल देने के बाद आपको सही से उसका मैनेजमेंट करना पड़ेगा जैसे कि आपको इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि किन किताबों को बेचने पर आपको ज्यादा मुनाफा हो रहा है, उन्हें आप नोटिस कर सकते हैं।
आपकी दुकान में जिस तरह की किताब सबसे ज्यादा बिक रही है, उन किताबों को नोटिस करके आप ज्यादा स्टोक उन किताबों का रख सकते हैं। किताबे बिकने के बाद हर दिन आप रेवेन्यू जरूर बनाएं, जिससे आपको पता चलेगा कि हर दिन आपकी बिक्री किस स्तर पर बढ़ रही है।
यदि कोई भी विद्यार्थी और व्यक्ति आपने दुकान में किसी किताब की डिमांड करता है और वह किताब आपके दुकान में उपलब्ध नहीं तो उस किताब को जरूर नोट कर ले ताकि आपको याद रहे कि आपको उस किताब को उपलब्ध करवाना है।
यदि आप बड़े स्तर पर बुक स्टोर खोल रहे हैं तो अपने स्टोर में सीसीटीवी कैमरा भी जरूर लगवाए ताकि आप अपने कस्टमर सहित वर्कर लोगों पर भी नजर रख पाएंगे। क्योंकि बहुत बार सामान चोरी होने की भी संभावना रहती हैं। हालांकि छोटे स्तर के बुक स्टोर में सीसीटीवी कैमरा नहीं भी लगाएंगे तब भी चलेगा।
अपने स्टोर में किताबों को उनके वर्ग के हिसाब से तय करें। अलग-अलग श्रेणी की किताबे जैसे की आत्मकथा, कहानियों की किताबें, बच्चों की किताबें, साहित्यिक किताबे इन सभी को अलग-अलग श्रेणी में रखें साथ ही आप किताबों को शीर्षक या लेखक के अनुसार रखें।
इससे यह फायदा होता है कि बहुत बार कुछ ग्राहक आपकी दुकान से एक निश्चित श्रेणी की किताब जैसे की कहानी की किताब या फिर आत्मकथा किताब खरीदना चाहते हैं। ऐसे में यदि किताब तय करके रखा होगा तो उनके द्वारा मांगा गया किताब आपको ढूंढने में बहुत आसानी होगी।
इसके किताबों को सही श्रेणी में रखने पर आपके दुकान का एक अच्छा लुक भी आता है। जैसा कि आपको पता है कि आज के समय में पेमेंट के भुगतान करने के लिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन माध्यम का ही चुनाव करते हैं।
ऐसे में अपने बुक स्टोर में पेमेंट से जुड़ी अलग-अलग सुविधा भी जरूर प्रदान करें ना कि केवल कैश के माध्यम से पेमेंट एक्सेप्ट करें जैसे कि qr-code, नेट बैंकिंग और अन्य तरह की पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराने से ग्राहकों को पेमेंट करने में दिक्कत नहीं आएगी।
किसी भी व्यवसाय को शुरू करने पर हो सकता है शुरुआत के कुछ महीने आपको थोड़ा कम फायदा हो क्योंकि ग्राहकों को जुटाने में थोड़ा समय लगता है। ऐसे में लालच में आकर किताबों को अन्य दुकानों की तुलना में ज्यादा किमत पर ना बेचे।
क्योंकि शुरुआत में नए कस्टमर आपके दुकान में कुछ दिनों तक तो आएंगे लेकिन जब उन्हें इस बात का पता चलेगा तो फिर आपकी दुकान में आना बंद कर देंगे। इसीलिए किताबों को उचित दाम पर ही बेंचे ताकि ग्राहक बार-बार आपके दुकान में आए।
बहुत बार होता है कि बजट कम होता है और आपको किताबों की बिक्री कितनी हुई कौन सी किताब घटी है, उन सभी का लेखा-जोखा करने के लिए आपको अलग से स्टाफ की जरूरत पड़ती है।
लेकिन आज के समय में कई तरह की ऐसी एप्लीकेशन मौजूद है, जिसके जरिए आप खुद यह काम कर सकते हैं और इसमें आपका समय भी बहुत कम लगेगा। जैसे किताबों की सूची को मैनेज करने के लिए आप मैनेजमेंट एप्लीकेशन का प्रयोग कर सकते हैं।
यदि आप किसी स्कूल कॉलेज के आस पास बुक स्टोर खोलते हैं तब तो आप उनकी सिलेबस के अनुसार किताब कोपी को बेच सकते हैं लेकिन यदि आप स्कूल कॉलेजों से दूर ऐसी जगह पर खोल रहे हैं, जहां पर सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले बच्चे ज्यादा मात्रा में रहते हैं तो आप विभिन्न तरह की कंपटीशन एग्जाम की किताबें अपने दुकान में राखे इससे आपको ज्यादा फायदा होगा।
किताबों के बिजनेस में प्रॉफिट
आप अलग-अलग तरह के किताबों को बेचने का कार्य करेंगे तो आप अपने बिजनेस के अंतर्गत जितना अच्छे ब्रांड का किताब व समान रखेंगे, आपको उतना ही अधिक इस बिजनेस के माध्यम से फायदा होगा। आप जितनी लागत में अपनी दुकान के लिए प्रोडक्ट खरीदेंगे, आप को उसमें कम से कम 30 से 40% फायदा होने का चांस होता है।
यदि आप इस बिजनेस के प्रोडक्ट को ऑनलाइन भी बेचते हैं तो आपको उसमें भी काफी अच्छा फायदा होने का चांसेस होता है। जैसा कि आपने इस बिजनेस की शुरुआत करने में एक से दो लाख रुपए का लागत लगाते हैं तो आपको सालाना इस बिजनेस के माध्यम से कम से कम ₹150000 रुपए तक का फायदा हो सकता है।
किताबों के बिजनेस के लिए मार्केटिंग
आज के समय में किसी भी बिजनेस को जानकार व सफल बनाने के लिए बिजनेस की शुरुआत करने से पहले और शुरुआत करने के बाद उसकी अच्छी तरीके से मार्केटिंग करना बहुत ही जरूरी होता है।
क्योंकि जब तक लोगों को आपके द्वारा शुरू किये गए बिजनेस के बारे में अच्छी खासी जानकारी प्राप्त नहीं होगी तब तक आपका बिजनेस सफल नहीं हो सकता है। इसीलिए किताबों के बिजनेस की भी शुरुआत करने के पहले और शुरुआत करने के बाद इसकी अच्छी खासी मार्केटिंग करने की आवश्यकता पड़ती है।
क्योंकि आज के समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कि किताबों का बिजनेस शुरू करते हैं और उनका बिजनेस काफी अच्छी तरीके से चल रहा होता है। यदि आप अपने बिजनेस को उनसे भी बेहतर तरीके से चलाना चाहते हैं तो आप अपने बिजनेस को कुछ तरीकों का इस्तेमाल करके मार्केटिंग कर सकते हैं।
आज के समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी व्यवसाय के मार्केटिंग का बहुत ही प्रख्यात माध्यम बन चुका है। फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आप अपने बुक स्टोर के नाम पर एक पेज बना सकते हैं, जहां पर आप अपने किताबों और स्टेशनरी के सामान के फोटो को शेयर कर सकते हैं। वहां पर आप चाहे तो नंबर भी दे सकते हैं।
अपने दुकान के मार्केटिंग के लिए आप अपने बुक स्टोर का एक कार्ड भी बनवा सकते हैं ताकि आपकी दुकान में जो भी ग्राहक आए तो आप उन्हें वह कार्ड दे सकते हैं। स्कूल कॉलेजों के बच्चे ज्यादातर किताब और स्टेशनरी के सामान खरीदते हैं। अपने दुकान का प्रचार करने के लिए आप स्कूल कॉलेजों में जाकर बच्चों को अपने बुक स्टोर के बारे में बता सकते हैं।
इसके साथ ही साथ आप चाहे तो न्यूज़पेपर, बैनर, पोस्टर, मैगज़ीन, टीवी चैनल इत्यादि का भी सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा भी आप अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस प्रदान करके अपने बिजनेस की माउथ मार्केटिंग भी कर सकते हैं। यह सभी तरीके किसी भी बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए काफी अच्छा तरीका साबित होता है।
किताबों की ज्यादा बिक्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
यदि आप बुक स्टोर खोलते हैं तो किताबों की बिक्री बढ़ाने के लिए आपके पास कई सारे रास्ते हैं।
आप जिस भी तरह के कॉपियां किताब को बेच रहे हैं, आप चाहे तो उन पर आप अपने बुक स्टोर का लोगो बनवाकर छपवा सकते हैं। इससे फायदा यह होगा कि जो भी व्यक्ति आपकी दुकान से किताब लेकर जाएगा, वह आपके दुकान से परिचित हो जाएंगे और इस तरह आपके दुकान का नाम भी चारों तरफ फैल जाएगा।
इसके अतिरिक्त अपने किताबों की ज्यादा से ज्यादा बिक्री के लिए ऑफलाइन की अतिरिक्त आप ऑनलाइन भी किताबों को बेच सकते हैं। आज के समय में बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट है, जिसके जरिए आप अपने किताबों को बेच सकते हैं। फ्लिपकार्ट या अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर आप अपने विभिन्न किताबों के लिस्ट सूचीबद्ध कर सकते हैं और उसकी कीमत मेंशन कर सकते हैं।
जो भी ग्राहक ऑनलाइन आपके किताबों को ऑर्डर करेगा, वह ई-कॉमर्स कंपनी के द्वारा ही डिलीवरी ब्वॉय आपके दुकान भर भेजा जाएगा और आप उन्हें आर्डर किए गए किताबों को पैक करके दे सकते हैं। डिलीवर होने के बाद उसका पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाएगा।
किताबों की बिक्री को बढ़ाने के लिए आप पुरानी किताबें खरीदने एवं दूसरे ग्राहकों को बेचने की भी सुविधा दे सकते हैं। क्योंकि बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास इतना पैसा नहीं होता कि वे बार बार और महंगी किताबें खरीद सके। ऐसे में आप उन्हें सुविधा दे सकते हैं।
यदि उनकी पुरानी किताबें अच्छी स्थिति में है तो आप उन्हें खरीद सकते हैं और फिर जो लोग नए किताब खरीदने में सक्षम नहीं है, उन्हें उन किताबों पर अपनी मार्जिन जोड़कर नए किताबों की तुलना में कम दाम पर बेच सकते हैं।
कभी कबार ग्राहकों को बढ़ाने के लिए जब स्कूल, कॉलेज शुरू होता है तब आप कुछ ऑफर रख सकते हैं। जैसे की किताबे या कॉपी खरीदने पर आप उन्हें मुफ्त में पेन, पेंसिल, इरेज़र दे सकते हैं। इससे लोग आपकी दुकान की ओर आकर्षित होंगे।
किताबों के बिजनेस में रिस्क
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि आज का समय पूरी तरीके से आधुनिक बन गया है। आज के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो कि इंटरनेट के माध्यम से ई-बुक में रुचि रखते हैं। जिसके कारण स्टेशनरी शॉप और किताबों का बिजनेस उतना अच्छा नहीं चलता है, जिसके कारण इस बिजनेस की शुरुआत एक नुकसानदायक फैसला साबित होता है।
परंतु फिर भी आज के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो कि अलग अलग तरह की किताबें पढ़ने में रुचि रखते हैं तो आप इस बिजनेस की शुरुआत यदि बेहतर तरीके से करते हैं तो यह बिजनेस आपके लिए काफी अच्छा और फायदेमंद साबित हो सकता है।
आप इस बिजनेस को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए आज के समय में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल तरीकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इन सभी बुक्स को किसी ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से भी लोगों तक पहुंचा सकते हैं, जो कि आपके बिजनेस को सफल करने में आपकी सहायता करेगा।
FAQ
किताबों का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है, जिसके अंतर्गत लोगों की रूचि के अनुसार अलग-अलग तरह के किताबों को बेचा जाता है।
किताबों के बिजनेस की शुरुआत करने के लिए कम से कम 1 लाख रुपए से लेकर के दो लाख रुपए तक का लागत लगता है। यह लागत बिजनेस के स्तर को देखते हुए कम या ज्यादा भी हो सकता है।
किताबों के बिजनेस में किए गए इन्वेस्टमेंट का कम से कम 30 से 40% का फायदा होता है।
किताबों के बिजनेस को करने के लिए निम्नलिखित रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती है: विभिन्न बिजनेस एंटिटी मे से चयन करके कंपनी का रजिस्ट्रेशन करना होता है।, कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर (ISBN) रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
किताबों की बिजनेस की शुरुआत करने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता पड़ती हैं: जगह और लोकेशन, स्टाफ मेंबर, पैकेजिंग, प्रोसेस, मार्केट रिसर्च, मार्केटिंग, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन, रॉ मैटेरियल और कुछ उपकरण इत्यादि।
निष्कर्ष
किताब लोगों के लिए बहुत ही अच्छी चीज होती है और आज के समय में लगभग सभी लोग किताबों की महत्वता को अच्छी तरीके से समझते हैं। आज के समय में लगभग सभी स्कूलों में बच्चों को एक अच्छी खासी जानकारी प्रदान करने के लिए अच्छे अच्छे किताबों का इस्तेमाल किया जाता हैं।
इसीलिए यह बिजनेस एक काफी अच्छा और सफल बिजनेस साबित होता है। इस बिजनेस में अच्छा मुनाफा होने का चांसेस भी होता है। आज हमने आप सबको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से किताब की दुकान कैसे शुरू करें? (book shop kaise khole) की शुरुआत करने के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कराने की कोशिश की है।
आशा करते हैं कि आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से इस बिजनेस से जुड़ी हुई लगभग सभी तरह की जानकारियों के बारे में पता चला होगा, जो कि आपके इस बिजनेस की शुरुआत करने में आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
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