Finance Company Kaise Khole: फाइनेंस कंपनी का मुख्य काम ब्याज पर रकम देना होगा है। मतलब जिन लोगों को पैसे की जरूरत होती है, वह कम्पनी से लोन ले सकता हैं और कम्पनी लोन की रकम का ब्याज लेती है।
फाइनेंस कंपनी से लोन कई कारणों से लिया जा सकता हैं। सभी के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। यदि आप फाइनेंस के मामले में अच्छे है और फाइनेंस का हिसाब रखने में आपकी रूचि है तो आप एक फाइनेंस कंपनी शुरू करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
यदि आप फाइनेंस कंपनी शुरू करना चाहते हैं तो यहां पर हम फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें, फाइनेंस कंपनी के प्रकार, फाइनेंस कंपनी रजिस्ट्रेशन आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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फाइनेंस कंपनियों के बारे में
फाइनेंशियल कंपनियां जो व्यक्तिगत तथा बिजनेस के लिए ऋण प्रदान करती हैं। लेकिन यह बैंकों से बिल्कुल अलग होती है। इसमें आप नगद राशि जमा नहीं कर सकते है और यहां बैंकों जैसी कोई सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं होती है। यह निश्चित ब्याज पर ऋण देती है। फाइनेंस कंपनियों की कमाई का स्रोत मूलधन पर ब्याज से होता है।
यह बैंकों से अधिक, ब्याज अर्जित करती है। इस कंपनी से वैसे ही लोग ब्याज लेते हैं, जिन्हें कुछ कारणों से बैंक से ब्याज नहीं मिलता या भारत में कई ऐसे लोग भी हैं, जिनको काफी कम समय के लिए धनराशि चाहिए, वह बैंकों के झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं, इसलिए फाइनेंस कंपनियों की मदद लेते हैं।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लक्ष्य
फाइनेंसियल कंपनी के बहुत सारे प्रारूप है। परंतु हम सबसे पहले माइक्रो फाइनेंस कंपनी के बात करेंगे क्योंकि काफी लोग छोटे स्तर से बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं तो उनके लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी ठीक रहती है। माइक्रो फाइनेंस कंपनी की कुछ विशेषताएं निम्न है:
- कम आया के लोगों के लिए बैंक से ऋण लेना बहुत ही समस्या भरा काम है, इसलिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी उनके जीवन में सुधार लाने के लिए ऋण प्रदान करती है।
- एक व्यवहारिक विधि संस्थान बनाने के लिए टिकाऊ समुदाय का निर्माण करती है।
- गरीब महिलाओं को आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाती है, जिन्हें आसानी से ऋण मिल सके।
- लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए सहायक होती है।
- बेरोजगार व वंचित लोगों को रोजगार प्रदान करती है।
भारत में खुद की फाइनेंशियल कंपनी कैसे शुरू करे?
फाइनेंस कंपनी शुरू करने के लिए सरकार द्वारा कुछ नियम बनाएं गये है। आप इन नियमों का पालन करके आसानी से एक फाइनेंस कंपनी की शुरुआत कर सकते हैं। आगे हम फाइनेंस कंपनी शुरू करने के बारे में अन्य पहलुओं के बारे में जानेंगे, जो महत्वपूर्ण है।
फाइनेंस कंपनियों के प्रकार
फाइनेंस कंपनियों के कुछ प्रकार निम्न है:
- नान फाइनेंस कंपनी
- ट्रस्ट एवं सोसायटी
- निधि कंपनीज
- माइक्रोफाइनेंस कंपनीज
- प्रोड्यूसर कंपनी
- लोकल फाइनेंस कंपनीज
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी रजिस्ट्रेशन
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन भारतीय रिजर्व बैंक देती है। इस कंपनी को शुरू करने के लिए आप को कम से कम 2 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। यदि इकाई माइक्रो फाइनेंस कंपनी हो तो लगभग पांच करोड़ रुपए तक की लागत लगती है।
इस प्रकार की कंपनियों का रजिस्ट्रेशन आरबीआई देती है और रजिस्ट्रेशन से कंपनी शुरू करने का पूरा समय लगभग 5 से 6 महीने होता है।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस रजिस्ट्रेशन के निम्न फायदे होते हैं:
- फाइनेंस का सबसे प्रमाणिक विकल्प यही होता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस मान्यता प्राप्त होता है।
- यह कंपनियां विदेश निवेश भी स्वीकार कर सकती है।
ट्रस्ट एंड सोसायटीज
ट्रस्ट एंड सोसाइटीज कंपनियों में काफी प्रसिद्ध है। यदि छोटे स्तर पर अर्थात जिला स्तर पर बिजनेस को शुरू किया जाए तो ट्रस्ट एंड सोसाइटी कंपनी के माध्यम से शुरू कर सकते हैं। परंतु ट्रस्ट एंड सोसाइटीज कंपनी में धोखाधड़ी के कारण लाइसेंस प्राप्त करना बहुत ही कठिन है।
ट्रस्ट एंड सोसायटीज कंपनी के फायदे निम्न है:
- इसे बेहद कम रजिस्ट्रेशन लागत की आवश्यकता होती है।
- अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।
- जमा की गई राशि को स्वीकार कर सकता है।
निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन
यदि निधि कंपनी रजिस्ट्रेशन सभी कंपनियों से बेहतर तथा आसान होती है। भारत में इस कंपनी को खोलने के लिए 5 से 6 लाख रुपये की आवश्यकता होती है। इसका रजिस्ट्रेशन 15 से 20 दिन में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
- इस कंपनी से ऋण लेकर उद्यमी बिजनेस भी स्टार्ट कर सकता है और व्यक्तिगत ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है काफी कम ब्याज दर पर।
- यह कंपनी सबसे बेहतर तथा आसान कंपनी मानी जाती है। इसमें कंपनी शुरू करने के लिए 5 से 6 लाख की आवश्यकता पड़ती है।
- इस कंपनी को शुरू करने के लिए आपको 7 लोगों की आवश्यकता पड़ती है, जो तीनों कंपनियों के डायरेक्टर होते हैं।
- इस कंपनी को शुरू करने के लिए पैन कार्ड, फोटो, आधार कार्ड इत्यादि दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है।
- इसके अलावा ऑफिस का पता तथा उसके तौर पर बिजली का बिल और अरगुमेंट की आवश्यकता पड़ती है।
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भारत में फाइनेंस कंपनी शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
किसी भी फाइनेंस कंपनी के बिजनेस को शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है, जो चार भागों में है। किसी भी कंपनी की लाइसेंस की प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी है। निधि कंपनियां फाइनेंस कंपनियां होती है इसके लिए 2014 के अधिनियम से एक रूल बनाया गया था। इनके लिए अलग से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। निधि रजिस्ट्रेशन ही इन कंपनियों के लिए मान्य होता है।
- उद्यमी को दस्तावेज तैयार करना होगा तथा 7 व्यक्तियों के डिजिटल सिग्नेचर लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- उद्यमी को अगले चरण में 7 व्यक्तियों में से तीन को डायरेक्टर नियुक्त करना होगा। परंतु डायरेक्टर के पास डायरेक्ट आईडेंटिफिकेशन नंबर होना अनिवार्य है। कानून के मुताबिक यह नंबर होना अति आवश्यक है।
- अब उद्यमी को अपनी कंपनी का नाम अप्रूव करना होगा, जिससे कि फाइनेंस कम्पनी को जाना जा सके।
- कंपनी के सारे दस्तावेज तैयार करके निगमन तथा इनकारपोरेशन के लिए एमसीसी ऑफिस जाना होगा।
निष्कर्ष
यहां पर यहां पर फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें के बारे में विस्तार से जाना है। साथ ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी जानी है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरुर करें।
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