Notebook Manufacturing Business in Hindi: कॉपी हमारे स्कूल के दिनों में लिखने में हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बचपन से लेकर बड़े होने तक कॉपियों का महत्व हमारे जीवन से जुड़ा होता है। क्योंकि हम जब स्कूल पढ़ने के लिए जाते हैं तो हम कॉपी की सहायता से ही अपने स्कूल का काम करते हैं। उसके बाद जैसे-जैसे धीरे बड़े होते हैं तो अलग-अलग विषय की कॉपियां हमारे पढ़ाई के उपयोग में ली जाती हैं।
कॉपियां अलग-अलग क्वालिटी की अच्छे मटेरियल वाली बाजार में मिलती है, जिनसे हमको लिखने में बहुत आसानी होती है। बाजार में इन कॉपियों की अलग-अलग कीमत भी होती है। हम अपनी सुविधा के अनुसार इनको खरीद सकते हैं। कॉपियां बाजार में ऑनलाइन अलग-अलग ब्रांड की अलग-अलग क्वालिटी की और हर प्रकार के दामों की मार्केट में उपलब्ध होती हैं।

आज के समय बाजार में व्यापार करने में बहुत कंपटीशन हो गया है, इसके लिए हमें अगर कॉपी का व्यापार (Notebook Making Business) शुरू करना है तो बहुत कम लागत से इस बिजनेस को शुरू किया जा सकता है। आइए जानते कॉपी के व्यापार (Notebook Manufacturing Business in Hindi) के बारे में विस्तार से।
कॉपी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? | Notebook Manufacturing Business in Hindi
कॉपी बनाने का बिजनेस
अगर आप कॉपी बनाने के बिजनेस (Notebook Manufacturing Business in Hindi) के बारे में सोच रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत अच्छा तरीका है। कॉपी बनाने का बिजनेस बहुत कम कीमत पर शुरू किया जा सकता है।
इसमें ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं पड़ती तथा वर्कर से लेकर मशीनों तक आपको बहुत कम दामों में इस काम को शुरू करने में सहायता मिल सकती है। क्योंकि कॉपी की क्वालिटी मटेरियल के ऊपर निर्भर करती है। आप किस तरह की कॉपियां बनाना चाहते हो। इसीलिए आपकी सुविधा के लिए कम पैसे में कॉफी बनाने का बिजनेस का आईडिया बहुत अच्छा है।
कॉपी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?
कॉपी बनाने के बिजनेस (Notebook Manufacturing Business in Hindi) के लिए आपको सबसे पहले एक बड़े जगह का चुनाव करना होगा, जिसमें आपके 3-4 वर्कर और मशीनें आ सके। इसके बाद आपको रॉ मैटेरियल चुनना होगा और इस बिजनेस को करने के लिए आपको पहले इसकी मार्केट वैल्यू पता करनी होगी। उसके बाद आपको कॉपी का ब्रांड का चुनाव तय करना होगा।
आप किस कीमत पर कॉपियों को बाजार में भेज सकते हो, यह सब चीजों की पूरी जानकारी के बाद ही आपको इस व्यापार को शुरू करने में बहुत आसानी होगी। सभी बातों का अनुभव आपको सबसे पहले बाजार में ही लेना होगा। फिर आप अपना कॉपी बनाने का व्यापार शुरू कर सकते हैं। आइए जानते हैं कॉपी के व्यापार को शुरू करने की प्रक्रिया क्या है?
कॉपी बनाने में रॉ मटेरियल (Notebook Raw Material)
जब आपने कॉपी बनाने का व्यापार (Notebook Manufacturing Business in Hindi) करने के बारे में सोच ही लिया है तो सबसे पहले आपको जरूरत इसके लिए रॉ- मटेरियल की पड़ती है। रॉ मटेरियल खरीदने के लिए आपको अच्छे क्वालिटी वाला दिस्ता पेपर और गत्ता पेपर खरीदना होगा। इन दो गत्तों के माध्यम से ही कॉपी को बनाया जाता है।
रॉ मेटेरियल कहाँ से खरीदे?
आप मार्केट में किसी भी होलसेल की दुकान या गत्ता बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री या फिर ऑनलाइन अपनी सुविधा के अनुसार आप अपना बजट निर्धारित करके रॉ मेटेरियल खरीद सकते हो। वैसे मार्केट में दीस्ता पेपर ₹62 किलो के हिसाब से मिलता है। लेकिन अगर आपको कम कीमत पर भी कहीं मिलता है तो आप देख सकते हो।
इसके अलावा गत्ता पेपर आपको 1 रुपए किलो के हिसाब से आसानी से मिल जाएगा। आप इन सभी मटेरियल की खरीदारी ऑनलाइन या मार्केट में कम दामों में अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हो।
रॉ मैटेरियल कौन कौन से खरीदे?
- जीएसएम पेपर व्हाइट शीट: इस पेपर सीट की मदद से ही कॉपी के अंदर के पेज तैयार किए जाते हैं।
- ग्रे बोर्ड शीट: इस बोर्ड शीट के द्वारा कॉपी को मजबूत बनाया जाता है तथा सभी को यह ऊपर से कवर भी करता है।
- प्रिंटिंग इंक: प्रिंटिंग इंक की सहायता से कॉपी के जो खाली पेज होते हैं, उन पर लाइन को प्रिंट का काम किया जाता है।
- लेबल कवर शीट: लेबल कवर इसको कॉपी के ऊपर कवर पर लगाया जाता है।
- ग्लू: कॉपी का कुछ हिस्सा इस ग्लू से चिपकाया भी जाता है।
- धागा व पिन: धागा व पिन के माध्यम से कॉपी के सभी पेजों को बांधकर, पिंन कर दिया जाता है। इसके द्वारा कॉपी का कोई भी पेज बाहर ना आए और अलग ना हो।
कॉपी व्यापार का मुनाफा
आपको कॉपी बनाने का व्यापार (Notebook Manufacturing Business in Hindi) शुरू करना है तो हर आदमी सबसे पहले मुनाफे के बारे में ही सोचता है तभी अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचता है। कोपी का व्यापार शुरू करने के लिए हमें 2 तरह से बाजार शुरू करना होगा। पहला रिटेल और दूसरा होलसेल का।
दोनों तरह से हम मार्केट में अगर कॉपियों को बेचना चाहे तो आराम से 14 से 20 रुपये में बेच सकते हैं। यह हमारा रिटेल कीमत होगी और अगर हम होलसेल कीमत की बात करें तो एक कॉपी को किसी भी होलसेलर के पास 12 से 15 रुपये तक बेच सकते हैं। इससे हमको ₹3-4 रुपए का पर कॉपी पर मुनाफा प्राप्त हो जाएगा।
कॉपी व्यापार के लिए बाजार का निरीक्षण
आपको अपना कॉपी बनाने का बिजनेस अच्छा चलाना है तो अन्य लोगों की तुलना में पर पीस ₹1 कम में भी दे सकते हो। क्योंकि सबसे पहले हमें कुछ समय के लिए अपना बिजनेस को चलाने के लिए लोगों को कम पैसे में ही अपनी कॉपियां बेचनी होगी।
एक बार अगर हमारा कॉपी का व्यापार अच्छा चल गया तो हमें इसकी प्रोडक्शन बढ़ाने में क्वालिटी में तथा पैसे बढ़ाने में कोई परेशानी भी नहीं होगी। आपको हमेशा अपनी कॉपियों की क्वालिटी को अच्छा रखनी होगा। ताकि दुकानदारों का रिस्पांस अच्छा मिले और बच्चों के लिखने में भी किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।
कॉपियों को कहां-कहां पर बेचा जा सकता है?
आप कॉपी बनाने का बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो आपको अपनी कॉपियों को बेचने के लिए भी ऑनलाइन, ऑफलाइन दोनों ही प्रकार से अपने कॉपियों को सेल कर सकते हो। आजकल ऑनलाइन का बहुत ज्यादा क्रेज है। सभी लोग ऑनलाइन के माध्यम से कॉपियों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि ऑनलाइन के माध्यम से कॉपियां खरीदने पर बहुत डिस्काउंट मिल जाता है, जो कि नॉर्मल दुकान पर जाकर नहीं मिल पाता है।
कुछ ग्रामीण क्षेत्र ऐसे होते हैं, जहां पर लोग दुकानदारों के माध्यम से भी कॉपियां खरीदते हैं। आपको अपना बिजनेस अच्छी तरीके से चलाने के लिए पहले आपको रिटेल और होलसेल दोनों तरह के प्राइस अपनी कॉपियों के निर्धारित करने होंगे। उसके बाद ही आप अपने काम को आगे बहुत अच्छे से बढ़ा सकते हैं।इसके अलावा सबसे अच्छा प्लेटफार्म ऑनलाइन का है। वहां से आपको बहुत अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
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कॉपी बनाने की मशीन के प्रकार
जब हम कॉपी बनाने का व्यापार शुरू करते हैं तो उसके लिए कुछ मशीनों की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि बिना मशीनों की सहायता के हमको कॉपी नहीं बना सकते हैं। आजकल सभी काम मशीनों के माध्यम से होने लग गए है, इसीलिए इस व्यवसाय को मशीन ने बहुत आसान बना दिया है। आइए जानते हैं किस किस प्रकार की कॉपी बनाने के लिए मशीन की आवश्यकता पड़ती है।
- पिनअप मशीन: इस मशीन की सहायता से हम पेपर को पिनअप करते हैं।
- एज स्क्वायर मशीन: यह मशीन पेपर और कवर दोनों को एक सही शेप में लाती हैं और यहां पर पूरी फिनिशिंग के बाद कॉपी तैयार हो जाती है।
- कटिंग मशीन: कटिंग मशीन की सहायता से जो कॉपी के एक्स्ट्रा पेपर हैं, उनको काट के अलग कर दिया जाता है।
ये सभी मशीनें बिजली से चलती है, क्योंकि ये सभी मशीन बिना बिजली के नहीं चलाई जा सकती है। इसके लिए 4 किलोवाट की बिजली का उपलब्ध होना बहुत जरूरी है। आप घरेलू बिजली से भी इन मशीनों को चला सकते हो।
नोटबुक बनाने की मशीन कीमत (Notebook Making Machine Price)
कॉपी बनाने के व्यापार के लिए सबसे ज्यादा कीमत मशीनों को खरीदने में ही लगती है। क्योंकि कम से कम 5 से 6 लाख तक की कीमत की कागज बनाने की मशीन को आप ऑनलाइन या मार्केट में मिलती हैं। आपका कॉपी बनाने का बिजनेस शुरू करने में सबसे ज्यादा राशि इन मशीन पर ही लगती है।
आप इन मशीनों को आजकल ऑनलाइन के माध्यम से भी तथा जहां आपको इसके कम प्राइज मिले, आप वहां से भी खरीद सकते हैं। मशीनों के बारे में अच्छे से अच्छे जानकारी लेने के बाद ही आप उस मशीन खरीदोगे तो आपके लिए अच्छा होगा। हर जगह अलग-अलग प्राइस में मशीन (Note Book Making Machine) मिलती है।
कॉपियां बनाने की निर्माण प्रक्रिया
कॉपियां वैसे तो मशीनों के द्वारा ही बनती है। लेकिन आप सभी की जानकारी के लिए इनके कुछ स्टेप्स हैं, जो आप सभी को बताने जा रहे हैं। कॉपी के निर्माण की प्रक्रिया इस प्रकार की होती है, आइए जानते है:
- सबसे पहले हमें गत्ता पेपर को इस तरह से फोल्ड करना होगा कि वह कॉपी के पन्नों की साइज का मुड़ जाए। पेपर और कवर दोनों को लंबाई चौड़ाई सभी के आधार पर सही शेप में तैयार किया जाता है।
- इसके बाद जितने-जितने पेज की कॉपियों का निर्माण करना है, उसी के हिसाब से उन कवर के अंदर सभी पन्नों को गिन के उसमें रख दिया जाता है।
- इसके बाद गत्ता पेपर और दीस्ता कागज के पन्नों को पिन अप मशीन की सहायता से पिन कर दिया जाता है।
- एज स्क्वायर मशीन की सहायता से इनकी साइज और शेप को सही किया जाता है तथा इनको सही आकार प्रदान किया जाता है।
- कटिंग मशीन की सहायता से जो भी कॉपी के बाहर पेज निकले हुए होते हैं। उन सभी को कटिंग मशीन से अलग करके उसको सही शेप दी जाती है।
- एज स्क्वायर मशीन के द्वारा कॉपी की पूरी तरह फिनिशिंग हो जाती है और कॉपी पूरे स्क्वायर शेप में बन जाती है। इस तरह आप की कॉपी बनकर तैयार हो जाती है।
- यह पूरी कॉपी बनाने की प्रक्रिया मात्र 5 से 10 मिनट की ही होती है और आपकी कॉपी बन कर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है।
कॉपी को बाजार में बेचने की प्रक्रिया
कॉपी को बेचने के लिए हर गांव, शहर, गली, मोहल्ला, सभी जगह छोटी हो या बड़ी सभी दुकानों पर कॉपी की जरूरत पड़ती है। लोग अक्सर इन छोटी जगह से भी कॉपी खरीदना पसंद करते हैं। आप अपनी कॉपियों का व्यापार बढ़ाने के लिए हर एक छोटी छोटी दुकान पर, बड़ी होलसेल की जो भी दुकान है सभी पर आप अपनी कॉपियों को बेच सकते हो।
आपको अपनी कॉपी बेचने के लिए दुकानदारों को डिस्काउंट का या कम पैसे में कॉपी देने का लालच देकर उनको मनाना होगा और शुरुआत में आपको अन्य कॉपी विक्रेताओं से कम कीमत पर भी अपनी कॉपी को बेचना होगा ताकि आपका व्यापार सही चल सके। इसके अलावा आज एक सबसे बड़ा प्लेटफार्म हमारे पास ऑनलाइन का है। आप ऑनलाइन के माध्यम से भी अलग-अलग वेबसाइटों पर अपनी कॉपी को सेल कर सकते हो।
फायदे वाला मार्केटिंग प्लान
आपका बिजनेस अच्छा चलाने के लिए आपको एक मार्केटिंग प्लानिंग की जरूरत होती है। इससे अपना व्यापार किस तरह से आगे बढ़ा सकते हैं जैसे लोगों को डिस्काउंट का लालच देकर या फिर कॉपियों की कीमत अन्य विक्रेता की तुलना में कम पैसे में देकर आप अपना व्यापार अच्छा चला सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से भी लोगों को डिस्काउंट के द्वारा अपनी सेल की प्रक्रिया को ज्यादा बढ़ा सकते हो।
आपने कॉपी पर डिस्काउंट और अन्य कॉपी विक्रेताओं की तुलना में कम पैसे में कॉपियां बेचना शुरू कर दिया तो इससे आपको मुनाफा भी होगा और आप की सेल पर भी इसका बहुत अच्छा असर पड़ेगा।
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कॉपी बनाने के व्यापार का प्रचार
कॉपी बनाने के व्यवसाय के प्रचार के लिए सबसे पहले हमें सभी दुकानदारों बड़े-बड़े होलसेलर के पास में जाकर खुद को ही मिलना होगा और अपनी कॉपियों के बारे में उनसे बात करनी होगी। इसके अलावा आप पेम्पलेट्स जगह-जगह पर लगाकर इसका प्रचार कर सकते हो। आपको कॉपियों की सही तरह से पैकिंग करके लोगों को पास पहुंचाने का कार्य खुद को ही करना होगा।
इससे आप के प्रचार के साथ-साथ आपका व्यवसाय भी अच्छा चलेगा। सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में इसका प्रचार करना बहुत अच्छा रहेगा। आजकल तो ऑनलाइन बहुत वेबसाइट है, जिनके माध्यम से आप इसका प्रचार कर सकते हो, कॉपियां सेल भी कर सकते हो।
कॉफी बनाने के लिए फैक्ट्री का चुनाव
कॉपी बनाने के व्यवसाय के लिए आपको सबसे पहले एक सही जगह का चुनाव करना होगा। आपको ऐसी जगह देखनी होगी, जहां पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी केम्पस, टेक्निकल कॉलेज, अन्य शिक्षण संस्थान आदि हो। क्योंकि सबसे अधिक कॉपियों की मांग इन जगहों में ही होती है।
इन जगहों पर हमारे गांव, नगर, शहर, मोहल्ले, देश-विदेश के सभी विद्यार्थी इनमें पढ़ने के लिए आते हैं और कॉपियों की आवश्यकता सभी लोगों को होती है, इसीलिए वहां पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्टेशनरी की दुकानें होती है। जहां पर यह बच्चे, विद्यार्थी अपनी कॉपियां खरीदते हैं।
आप अपना कॉपी का व्यापार शुरू करने के लिए ऐसी जगह पर ही अपनी फैक्ट्री को लगा सकते हैं। यहां पर आपको कम कीमत पर सभी स्टेशनरी की दुकानों में तथा डायरेक्ट भी स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों से बात करके अपने व्यापार को चलाने में आसानी होगी।
क्योंकि इससे आपको ट्रांसपोर्ट का चार्ज नहीं देना पड़ेगा। आपका खर्चा ज्यादा नहीं होगा, आपकी सेल भी बहुत अच्छी हो जाएगी। फैक्ट्री के लिए ऐसी ही जगह हो, जहां पर बिजली की भी भरपूर आपूर्ति हो तथा यातायात के साधनों के आवागमन की सुविधाएं भी हो।
कॉपी व्यापार के लिए सरकारी लोन
अगर आपको इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार के द्वारा लोन प्राप्त करना है। हमारे प्रधानमंत्री जी के द्वारा हमारे देश के युवा वर्ग के लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है।
जिनमें आप अपने रोजगार की पूरी डिटेल्स, कागजात जमा करवा कर किसी भी सरकारी बैंक से आप ₹10 लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं और इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको इतने ही पैसे की आवश्यकता होती है।
नोटबुक बिज़नेस लाइसेंस
कॉफी बनाने के व्यापार के लिए सबसे पहले आपको अपना जीएसटी का रजिस्ट्रेशन भरना होगा। क्योंकि आज के समय में यह बहुत जरूरी है। जब हम कोई भी नया बिजनेस शुरू करते हैं तो उसको हमें जीएसटी रजिस्टर्ड करना होता है।
हमारी भारत सरकार ने सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है। क्योंकि इस रजिस्ट्रेशन के बाद में आपको एक ट्रेडमार्क मिल जाएगा। जिससे आप अपना व्यापार बहुत आसानी से और बिना किसी रूकावट के चला सकते हैं।
कॉपी पैकिंग व्यवस्था
जब आप की कॉपी पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाती है तो उसको बाजार में बेचने के लिए आपको उसकी पैकिंग की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि बिना पैकिंग के आप कॉपियों को बाजार में नहीं बेच सकते है। कॉपी की पैकिंग दो प्रकार से की जाती है, एक पैकिंग आपको होलसेल रेट पर और दूसरी रिटेल मार्केटिंग के साथ।
होलसेल में बिकने के लिए आपको सभी कॉपियों के बड़े-बड़े बंडल की एक बड़ी पैकिंग करनी होगी। इसके बाद रिटेल में बेचने के लिए आपको एक दर्जन, दो दर्जन की पैकिंग के बंडल तैयार करने होंगे।
इसके अलावा आपको रिटेल और होलसेल की कॉपी की बिक्री करोगे तो उन पर कुछ डिस्काउंट या फ्री गिफ्ट उसमें अलग से आप दोगे तो इसमें आपका फायदा ही होगा। क्योंकि आज सभी लोग लालच डिस्काउंट की वजह से चीजें आसानी से खरीद लेते हैं। इससे आपके बिजनेस में अच्छा मुनाफा भी होगा और आपकी सेल पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
FAQ
10 लाख रुपए तक।
पिनअप मशीन, कटिंग मशीन, एज स्क्वायर मशीन।
होलसेल रेट पर, रिटेल रेट पर।
जी हां।
हां, सरकार ने बेरोजगारों को काम के लिए लोन के लिए पैसे बैंक के द्वारा दिए जाते हैं।
स्कूल, कॉलेज और पढ़ाई से संबंधित इंस्टीट्यूट के पास कॉपी की फैक्ट्री होना सही होता है।
मशीनों पर, क्योंकि लगभग 5 – 6 लाख तक की कीमत में मशीनें आती है।
निष्कर्ष
आज सभी लोग चाहते हैं कि कम पैसे में ऐसा व्यवसाय शुरू करें। जिससे उनको थोड़ा मुनाफा मिल जाए, उसमें ट्रांसपोर्ट का खर्चा भी कम हो और बिजली का भी। सभी चीजों की किसी ना किसी प्रकार से बचत हो जाए, इसीलिए कॉपी बनाने का बिजनेस बहुत अच्छा है। इसके माध्यम से आप अपने व्यापार को नए-नए तरीके डिस्काउंट मैंने किताबों पर ऑफर देकर अपने बिजनेस को बहुत अच्छा चला सकते हैं।
आज सभी लोग रोजगार के लिए बहुत परेशान होते हैं। नौकरी करना बहुत मुश्किल सा होता जा रहा है। क्योंकि नौकरी में इतना पैसा नहीं मिल पाता है, जिससे आदमी अपने दो वक्त की रोटी का गुजारा कर सके। इसीलिए लोग सोचते हैं कि कम पैसे में कुछ सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता लोन के रूप में मिल जाये तो अपना एक खुद का काम शुरू कर सकते है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया है यह महत्वपूर्ण लेख “कॉपी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Notebook Manufacturing Business in Hindi)” पसंद आया होगा। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।
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