चप्पल बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें? (प्रक्रिया, निवेश, मुनाफा)

Slipper Making Business Plan in Hindi: एक इंसान की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत में से एक है चप्पल। लोग बिना चप्पल के घर के बाहर नहीं जाते और कई लोग तो घर के अंदर भी चप्पल पहन कर रहते हैं। यह एक ऐसी वस्तु है, जिसकी मार्केट में डिमांड कभी कम हो ही नहीं सकती।

Slipper Making Business Plan in Hindi
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लोग हर रोज अलग-अलग तरह की चप्पल खरीदते रहते हैं। इसीलिए यदि इस क्षेत्र में अपना व्यवसाय किया जाए तो इससे आपको लाभ होने की संभावना बहुत ज्यादा है।

इसलिए इसकी सहायता से हमने यह समझाया है कि चप्पल के बिजनेस की शुरुआत कैसे की जाती है व उसके हर एक डिटेल को इस आर्टिकल में दिया गया है।

चप्पल बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें? | Slipper Making Business Plan in Hindi

Table of Contents

चप्पल बनाने के बिजनेस में मार्केट स्कोप

जब कोई भी उद्दमी किसी प्रकार के व्यवसाय को शुरू करना चाहता है तो मन में यह प्रश्न होना तो जायज है कि यह व्यवसाय लंबे समय तक चलेगा कि नहीं। इस व्यवसाय से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा पाएगा कि नहीं। बाद में स्लिपर मेकिंग बिजनेस की थी, इसमें कोई शक नहीं है कि या व्यवसाय लंबे समय तक चलने वाला व्यवसाय है। साथ ही मुनाफे वाला भी व्यवसाय है।

कोई भी व्यक्ति नहीं होगा, जो चप्पल का इस्तेमाल नहीं करता होगा। हालांकि एक समय था जब गांव में लोग चप्पल का बहुत कम इस्तेमाल किया करते थे। क्योंकि उस समय इतना शहरीकरण नहीं था और ना ही लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी थी।

लेकिन अब तो चप्पल हर एक व्यक्ति के लिए बहुत सामान्य सी वस्तु बन चुकी है। बिना चप्पल के तो कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं जाता। इससे आप समझ सकते हैं कि चप्पल का बाजार में कितना ज्यादा डिमांड रहता है। इसका सबसे अच्छा फायदा है कि आप इस व्यवसाय को बहुत कम लागत के साथ छोटे स्तर से शुरू कर सकते हैं।

चप्पल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

बिना किसी प्लानिंग के किसी भी व्यवसाय को शुरू करना नामुमकिन होता है। इसीलिए आपको पहले से ही अपने व्यापार के बारे में हर छोटी बड़ी चीज को ध्यान में रखना चाहिए और उसके हिसाब से फिर शुरुआत करनी चाहिए।

हर चीज की अपनी एक विधि होती है। यदि उसी के हिसाब से काम ना किया जाए तो आपका व्यापार फेल भी हो सकता है। इसकी शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको इसकी मार्केट रिसर्च करनी होती है और इतना ही नहीं बल्कि इसके पश्चात इन्वेस्टमेंट, प्रॉफिट, लॉस, मशीनरी, प्रोसेस, लोकेशन इत्यादि जैसे कई स्टेप्स को ध्यान में रखना होता है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के प्रकार

चप्पलों की काफी वैरायटी होती है जैसे कि घर में पहनने की चप्पल, बाहर पहनने की चप्पल, कैजुअल चप्पल, पार्टी में पहनने की चप्पल, वॉक पर जाने के लिए अलग तरह की चप्पल इत्यादि।

अलग-अलग प्रकार की चप्पलों को अलग-अलग कार्य करते समय पहना जाता है और यह चप्पल अनगिनत रंगो में और अनगिनत स्टाइल्स में आती है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च

किसी भी चीज का व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी मार्केट रिसर्च करना बहुत जरूरी होता है ताकि आपको पता चले कि आपके प्रोडक्ट का मार्केट में क्या स्थान है व किस तरह की जगह पर आप का प्रोडक्ट ज्यादा पॉपुलर है और किस तरह की जगह पर उसकी उतनी मांग नहीं है।

इस प्रोसेस को अपने प्रोडक्ट की बारे में जानकारी रखना कहते हैं। यह इसलिए किया जाता है ताकि आपको आगे चलकर अपने व्यवसाय में कोई परेशानी या नुकसान न झेलना पड़े और आपका बिजनेस स्मूदली चल सके।

मार्केट रिसर्च में यह भी एक बहुत महत्वपूर्ण बात है कि आपके प्रोडक्ट की किस जगह पर कितनी कीमत है, उसकी जानकारी आपको पहले से ही होनी चाहिए। किस प्रकार की चप्पलों में लोगों को अधिक रुचि है या किस प्रकार की चप्पले लोग अधिक खरीदना पसंद करते हैं और किस प्रकार की चप्पलों की इतनी डिमांड नहीं होती यह छोटी-छोटी बातें हैं, जो मार्केट के अंदर आती है।

यदि किसी भी बिजनेस में इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर काम किया जाए तो अवश्य ही उनके काम में सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती है। नीचे यह बताया गया है कि चप्पल बनाने के व्यवसाय में किन-किन रॉ मैटेरियल व मशीनरी की आवश्यकता पड़ती है, चप्पल बनाने की मार्केट के बारे में भी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए रॉ मैटेरियल

चप्पल बनाने की विधि उसमें आपको कुछ बेसिक कच्चे माल की आवश्यकता पड़ने वाली है, जो आपको किसी भी होलसेल की दुकान पर या ऑनलाइन वेबसाइट पर आराम से मिल जाएंगे। कच्चा सामान जोशी हवाई रबर शीट और स्टेप्स शीट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

इसके साथ-साथ पैकेजिंग के लिए भी कुछ कागज व कपड़ों की आवश्यकता पड़ेगी। इनके अलावा भी और कुछ सामग्रियों की जरूरत पड़ती है परंतु मुख्य कच्चे सामान यही है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए मशीनरी

जैसे इस व्यवसाय में आपको कुछ रॉ मटेरियल की जरूरत पड़ने वाली है, उसी तरह कुछ मशीनरी उपकरणों की भी आवश्यकता होगी।

चप्पल बनाने के लिए आवश्यक कुछ मशीनें निम्नलिखित हैं:

हवाई चप्पल ग्राइंडिंग मशीन

रबड़ के सोल को काटने के बाद सोल की फिनिशिंग करने के लिए ग्राइंडिंग मशीन की जरूरत पड़ती है। सोल में ग्राइंडिंग करने से उसकी खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है।

इस मशीन को दो से तीन फेज बिजली से चलाया जा सकता है। यह मशीन बाजार में आपको आसानी से 5 से 6 हजार रुपए में मिल जाते हैं।

हवाई चप्पल स्क्रीन प्रिंटिंग

सामान्य चप्पल की तुलना में लोग डिजाइन वाले चप्पल को ज्यादा पसंद करते हैं। चप्पल के ऊपर जो विभिन्न तरह की जो प्रिंटिंग की गई होती है, उसे हवाई चप्पल स्क्रीन प्रिंटिंग के मशीन से किया गया होता है।

बहुत सी कंपनियां अपने ब्रांड का डिजाइन चप्पल बनाकर अपने ब्रांड को प्रमोट करती हैं। ऐसे में आप भी स्लीपर मशीन के बिजनेस में खुद का ब्रांड स्थापित करना चाहते हैं तो अपने स्लीपर के ऊपर खुद का ब्रांड का लोगो प्रिंट करवा सकते हैं।

इस तरह चप्पल को आकर्षक लुक देने के लिए स्क्रीन प्रिंटिंग मशीन की बहुत जरूरत है। यह मशीन आपको बाजार में लगभग 4 से 5 हजार में मिल जाएगी।

चप्पल के नंबर की डाई

चप्पल बनाने की व्यवसाय में आपको इस मशीन की भी जरूरत पड़ती है। जब आप चप्पल बनाने के लिए रबड़ के सोल को उसकी साइज के हिसाब से काटते हैं तो उसके लिए आपको डाई का इस्तेमाल करना पड़ता है।

जिस साइज का चप्पल आप बनाना चाहते हैं आपको उतने ही नंबर के डाई का इस्तेमाल करना पड़ेगा और उसी नंबर के हिसाब से बाजार में इसकी कीमत 500 से 1000 तक होती है। डाई तीन प्रकार के होते हैं सिंगल डाई, चिल्ड्रन डाई, डबल डाई।

हवाई चप्पल ड्रिल मशीन

जब रबड़ के सोल को काटा जाता है तो उसमें तीन छोटे-छोटे छेद का निर्माण होता है। लेकिन चप्पल में पट्टा लगाने के लिए इतना छोटा छेद काफी नहीं होता है।‌ इस कछेद को और ज्यादा मोटा करने के लिए आपको ड्रिल मशीन की जरूरत पड़ती है।

ड्रिल मशीन से सभी छेद को बड़ा किया जा सकता है, जिसमें आसानी से पट्टा घुस जाता है। बात रही इस मशीन की कीमत की तो बाजार में यह मशीन 15 से 20 हजार के लगभग मिल जाता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमत में अंतर हो सकता है।

चप्पल बनाने के लिए जितने भी तरह के मशीन की आवश्यकता है। यह मशीन आपको बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए आप किसी भी डीलर से संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन भी यह मशीनें उपलब्ध है।

बहुत सारी वेबसाइट भी है, जहां पर आपको चप्पल बनाने के लिए जिन मशीनों की आवश्यकता होती है, उन मशीनो को बनाने वाली कंपनी के द्वारा मशीनों की कैपेसिटी और स्पेसिफिकेशंस का उल्लेख अपने वेबसाइट पर किया गया होता है। आप वहां भी इन मशीनों के बारे में चेक कर सकते हैं।

कुल मिलाकर इन मशीनों के लिए आपको लगभग 40 से 50 हजार रूपए लगेंगे। अगर आप अपने व्यापार को बड़े स्तर पर खोलना चाहते हैं तो आपको लगभग 1 से 2 लाख रुपयों की जरूरत हो सकती हैं।

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चप्पल बनाने का प्रोसेस

हर कार्य को करने की एक विधि होती है, जिसका पालन करके ही उस कार्य को किया जाना चाहिए। वरना उसने कुछ गड़बड़ अवश्य ही होती है। इसी प्रकार चप्पल बनाने की भी एक विधि होती है, जिसके बारे में निम्नलिखित दिया गया है:

  1. सर्वप्रथम चप्पल की जो सीट होती है, इसकी कटिंग की जाती है।
  2. इसके बाद आजू बाजू के खुरदरे स्थान को चिकना किया जाता है।
  3. फिर चप्पल के सरफेस पर अलग-अलग तरह की प्रिंटिंग की जाती है।
  4. जब यह प्रिंट सूख जाती है तब जहां लेस लगानी होती है वहां पर सुराग बनाते हैं।
  5. इन सर आंखों में बाद में फितो को डाला जाता है।
  6. इस तरह से चप्पल बनाने की विधि पूर्ण होती है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए लोकेशन

चप्पल का व्यापार स्थापित करना है तो उसके लिए आपको जमीन की भी जरूरत पड़ेगी। यदि आगे बस पहले से जमीन है तो उस जमीन पर आपको एक फैक्ट्री की तरह स्थान का निर्माण करना होगा या फिर आप किसी स्थान को किराए से भी या खरीद कर भी ले सकते हैं।

जमीन लेने से पहले आपको क्षेत्र का विश्लेषण करना पड़ेगा। सबसे पहले एक अच्छे लोकेशन का तलाश कीजिए, जहां पर आप स्लिपर मेकिंग के बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। जिस जगह पर आप स्लिपर मेकिंग के बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं, उस एरिया के अंदर पहले से कितने अन्य स्लीपर मेकिंग के बिजनेस चल रहे हैं, उनके बारे में पता करें, उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या है और उनके प्रोडक्ट की प्राइस कितनी है।

इन सभी चीजों की जानकारी लें। इसी के साथ यह भी जांचे कि उस क्षेत्र में किस तरह के कस्टमर रहते हैं। उदाहरण के लिए यदि शहरी इलाके में इस व्यवसाय को शुरू करते हैं तो शहरी इलाकों में लोग फैशन को बहुत ज्यादा फॉलो करते हैं।

लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोग सामान्य से चप्पल से भी काम चला लेते हैं, वह महंगे चप्पल बहुत कम खरीदते हैं। लोकेशन के विश्लेषण के अनुसार आप सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपको किस तरह का चप्पल का निर्माण करना है।

वैसे बात रहीं स्लिपर मेकिंग बिजनेस में जमीन की आवश्यकता की तो इसमें आपको कम से कम 300 से 500 वर्ग मीटर जगह की जरूरत है, जिसमें आपको कच्चा माल और मशीन को रखना पड़ेगा। यदि आप ज्यादा निवेश के साथ इस व्यवसाय को शुरू कर रहे हैं तो आप इससे ज्यादा बड़े क्षेत्र में इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए लाइसेंस एंड रजिस्ट्रेशन

यदि आप छोटे स्तर पर अपना बिजनेस शुरू कर रहे हैं या फिर बड़े स्तर पर कर रहे है। आपको भारत सरकार के एमएसएनआई के अंदर अपने बिजनेस को रजिस्टर करवाना पड़ता है।

यह प्रोसेस आप ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन भी कर सकते हैं, जिसके साथ साथ आय एस आय के अंदर आपको अपने ब्रांड का रजिस्ट्रेशन करना होता है। आपको इन सभी प्रश्नों के लिए आपने आधार कार्ड करंट बैंक अकाउंट पैन कार्ड इत्यादि जैसे बेसिक चीजों की आवश्यकता पड़ने वाली है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए स्टाफ

किसी भी व्यवसाय पर को आप बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं तो आपको कुछ ना कुछ स्टाफ को नियुक्त करने की जरूरत पड़ती है। क्योंकि अकेले बड़े व्यवसाय को संभालना, उसे मैनेज करना आसान नहीं होता।

हालांकि शुरुआती समय यदि आपके पास निवेश कम है तो आप बिना स्टाफ के या फिर कम स्टाफ के साथ अपने व्यवसाय को चला सकते हैं। लेकिन जब आपको लग रहा है कि आपको व्यवसाय को संभालने में दिक्कत हो रही है तब आप आवश्यकता अनुसार स्टाफ को नियुक्त कर सकते हैं, जिससे आप तनावमुक्त भी रहेंगे और काम को मैनेज करने में आपको सहायता मिलेगी।

आप इतने बड़े व्यवसाय को अकेले संभाल पाए यह बहुत ही कठिन कार्य होगा और आपको तनाव भी होगा। इसलिए अपने व्यवसाय में स्टाफ मेंबर्स को नियुक्त करना अत्यंत आवश्यक होता है।

परंतु ध्यान रहे कि आप ऐसे ही स्टाफ मेंबर्स को नियुक्त करें, जो आपके व्यवसाय को सच में संभालने के काबिल हो और आपकी सहायता उत्तम तरीके से कर पाएं। अलग-अलग स्टाफ मेंबर्स को उनकी काबिलियत के हिसाब से काम नियुक्त करके आप अपने बिजनेस को संभालने में मदद ले सकते हैं।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए पैकेजिंग

ध्यान रहे कि अच्छी क्वालिटी का आपका सामान है, उतनी ही अच्छी क्वालिटी की आपकी पैकेजिंग होनी चाहिए। आप इसकी पैकेजिंग के लिए रंग-बिरंगे कार्टूनों का भी उपयोग कर सकते हैं।

चप्पल के पैकेजिंग हमें आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं हैं। परंतु कम पैसों में सबसे आकर्षक दिखने वाली पैकेजिंग तैयार करनी होगी ताकि अधिक से अधिक लोग आपके सामान की तरफ अट्रैक्ट हो।

इसके साथ आपको आपका एक ब्रांड नेम भी डिसाइड करना होता है ताकि लोगों को आप के ब्रांड में और दूसरों के ब्रांड में अंतर करना सरल हो और इस ब्रांड नेम को आपको अपने पैकेजिंग प्रोडक्ट पर छपाना होता है। इस चरण के बाल आपके प्रोडक्ट की पैकेजिंग समाप्त होती है और वह मार्केट में बिकने के लिए बिल्कुल तैयार हो जाता है।

स्लिपर मेकिंग बिजनेस को ऑनलाइन ले जाना

स्लिपर मेकिंग बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा ग्रो करने के लिए आप इसे ऑनलाइन ले जा सकते हैं। आज के डिजिटल समय में प्रोडक्ट को बेचना काफी आसान हो गया है। आप ऑफलाइन स्टोर के अतिरिक्त ऑनलाइन अपने स्लीपर को बेच सकते हैं।

ऑनलाइन अलग-अलग प्लेटफार्म के जरिए आप अपने स्लीपर का एडवर्टाइजमेंट करा कर उसके मार्केटिंग करा कर ऑफलाइन बेच सकते हैं। लेकिन यदि आप ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पाना चाहते हैं तभी आप इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद ले सकते हैं।

आज के समय में बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट है, जहां पर विभिन्न तरह के प्रोडक्ट बेचे जाते हैं। वैसे भी आज का समय जिस तरह डिजिटलाइजेशन हो रहा है, लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करना ही ज्यादा पसंद आता है। ऑनलाइन शॉपिंग में बारगेनिंग करने का झंझट नहीं रहता है और लोग अपने पसंद के प्रोडक्ट को बहुत आसानी से देख कर उसे ऑर्डर कर देते हैं और प्रोडक्ट उनके घर तक डिलीवर हो जाता है।

यदि आप सोच रहे हैं कि आपको प्रोडक्ट डिलीवर करना पड़ेगा तो आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना होगा। ऑनलाइन अपने स्लीपर को बेचने के लिए आपको कोई भी अलग से इन्वेस्टमेंट नहीं लगेगा।

बस आपको किसी भी ई-कॉमर्स कंपनी के सेलर सेंटर के साथ जुड़ना है जैसे कि अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा इत्यादि। ई-कॉमर्स कंपनी का अपना सेलर सेंटर होता है, जिससे आप इनके वेबसाइट पर जाकर जुड़ सकते हैं।

उसके बाद यह ई-कॉमर्स कंपनी आपको आपके बनाए गए स्लिपर को अपने वेबसाइट के थ्रू बेचने की परमिशन दे देती हैं। जिसके बाद आप अपने बनाए गए विभिन्न स्लीपर के तस्वीरों को इनके वेबसाइट पर डाल सकते हैं। साथ ही उसमें आप प्राइस भी मेंशन कर सकते हैं। स्लिपर को देखने के बाद भी कोई भी ग्राहक उन स्लीपर को पसंद करके आर्डर करता है तो उसका मैसेज आपके पास आ जाता है।

फिर आपको वह प्रोडक्ट पैक करके रखना होगा। उसी ई-कॉमर्स कंपनी के द्वारा एक डिलीवर बॉय आपके घर भेजा जाएगा। वह आपके घर से स्लीपर को पिक कर लेगा और कस्टमर के एड्रेस पर डिलीवर कर देगा।

स्लीपर कस्टमर के घर पर डिलीवर हो जाएगा तो स्लीपर की जो कीमत आपने वेबसाइट पर डाली थी, उसका कुछ प्रतिशत का कमीशन ई-कॉमर्स कंपनी काट लेगी और शेष हिस्सा आपके बैंक अकाउंट में भेज देगी। इस तरीके से ऑनलाइन आप अपने स्लीपर के बिजनेस को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

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चप्पल बनाने में बिजनेस में इन्वेस्टमेंट

अगर भाई चप्पल का व्यवसाय हो या फिर किसी अन्य चीज का व्यवसाय हो, बिजनेस में सबसे पहले आपको इन्वेस्टमेंट करना होता है। आपके पास पहले से ही कुछ पैसों का प्रबंध होना चाहिए वरना आप किसी भी व्यवसाय की शुरुआत नहीं कर पाएंगे। अगर आपको चप्पल बनाने का व्यवसाय शुरू करना है तो उसके लिए भी आपको कुछ धनराशि की सुविधा करके रखनी चाहिए।

यदि आपका बिजनेस छोटे स्तर पर शुरू हो रहा है तो उसके लिए आपको लगभग ₹1 लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी। परंतु यदि आपका व्यवसाय बड़े स्तर पर शुरू हो रहा है तो आपको कुल मिलाकर 5 से 6 लाख रुपए की कीमत जूटानी पड़ती है।

चप्पल बनाने का बिज़नेस के लिए लोन

किसी भी व्यवसाय को आप अपने बजट के अनुसार 2 तरीके से शुरू कर सकते हैं निम्न स्तर से और बड़े स्तर से। यदि आप स्लीपर मेकिंग बिजनेस अपने घर से शुरू कर रहे हैं तो शायद आपको लोन लेने की जरूरत ना पड़े।

लेकिन यदि आप बड़े स्तर पर स्लीपर मेकिंग का बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो आपको 5 से 6 लाख की लागत लग जाती है। यदि आपको इतना पैसा जुटाने में दिक्कत हो रहा है तो आप बैंक से लोन ले सकते हैं।

बहुत से लोग बैंक से इस डर से लोन नहीं लेते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है उन्हें काफी ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ जाएगा। लेकिन, सरकार के द्वारा चलाई जा रही मुद्रन लोन योजना के तहत कोई भी आदमी जो अपने व्यवसाय को एमएसएमई सेक्टर के तहत शुरू कर रहा है तो वह बहुत कम ब्याज दर पर बैंक से लोन ले सकता है।

मुद्रा लोन लेने के लिए आपको अपने किसी भी नजदीकी सरकारी बैंक में जाना होगा, जहां पर आपको अपने बिजनेस से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी।

जैसे कि आपको अपने व्यवसाय को शुरू करने में कौन-कौन सी चीजों की जरूरत है, उन सभी चीजों की कीमत क्या आने वाली है, इन सभी विवरण को आपको सम्मिट करना होगा और फिर जब आपके लोन अप्रूवल हो जाएगा तो आपके खाते में पैसा भेज दिया जाएगा।

चप्पल बनाने के बिजनेस में प्रॉफिट

इस व्यवसाय के कई फायदे हैं, जिनमें से एक यह है कि चप्पल यह प्रोडक्ट बहुत ज्यादा बिकता है व मार्केट में इसकी मांग भी बहुत ही ज्यादा है। हर एज ग्रुप के लोग चप्पल पहनते हैं और सब की पसंद अलग अलग होती है, जिसके कारण इसकी मार्केटिंग भी बढ़ जाती है।

अगर आपका बिजनेस छोटे स्तर पर स्थापित किया गया है तो आपको लगभग ₹10000 हर महीने का लाभ प्राप्त होगा और यदि आपका बिजनेस बड़े स्तर पर स्थापित किया गया है तो आप का 1 महीने का लाभ लगभग 30,000 से 40,000 हो सकता है। आपकी मेहनत व निष्ठा के हिसाब से आपका प्रॉफिट कम ज्यादा भी हो सकता है।

चप्पल बनाने के बिजनेस के लिए मार्केटिंग

चप्पल का व्यवसाय हो या कोई और व्यवसाय, इनका अंतिम चरण एक ही होता है, जो होता है मार्केटिंग। अच्छी आपकी मार्केटिंग होंगी, उतने ही अधिक कस्टमर आपके प्रोडक्ट की तरह आकर्षित होंगे और उतना ज्यादा आपको लाभ होगा। मार्केटिंग करने के 2 मुख्य तरीके होते हैं:

  • पहले प्रकार में आप अपने प्रोडक्ट को पंपलेट, पोस्टर्स या न्यूज़पेपर के द्वारा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। आप रास्तों के बीच में होल्डिंग्स भी लगा सकते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने प्रोडक्ट को देखेंगे और आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी।
  • दूसरे प्रकार में आप टेलीविजन या सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से अपने प्रोडक्ट की डिजिटली मार्केटिंग कर पाएंगे। आपको केवल टीवी में अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन को प्रकाशित करना होता है या फिर अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना आईडी बनाकर अपने प्रोडक्ट की एडवर्टाइजमेंट भी कर सकते हैं।

चप्पल बनाने के बिजनेस में रिस्क

इस बिज़नेस में काम करते वक्त आपको कई सावधानियों को बरतना होता है ताकि होने वाले रिस्क कम हो जैसे कि अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर खास ध्यान देना होता है, जिससे कि अधिक से अधिक लोग आपके ब्रांड पर भरोसा कर पाएंगे।

अगर आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छी नहीं है तो आपका बहुत नुकसान हो सकता है व मार्केट में आपके ब्रांड का नाम भी खराब हो सकता है।

FAQ

अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करने के लिए किन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है?

आपको आपके व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए कुछ आवश्यक डाक्यूमेंट्स जैसे कि एक करंट बैंक अकाउंट, आधार कार्ड और पैन कार्ड इत्यादि की जरूरत पड़ती है।

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए लगभग कितनी जगह की जरूरत पड़ती है?

यह व्यवसाय शुरू करने के लिए एक ऐसी जगह देखे, जहां आप सरलता से काम कर पाए। इसके लिए आपको कम से कम 300 वर्ग मीटर की जगह की जरूरत पड़ सकती है।

एक चप्पल की लागत वह मार्केट प्राइस क्या होती है?

एक चप्पल बनाने के लिए लगभग 30 से 40 रुपयों की जरूरत होती है और इस लागत की चप्पल मार्केट में लगभग 100 रुपयों की कीमत में बिकती है।

चप्पल बनाते समय किस सावधानी को बरतना पड़ता है?

ऐसी कई बातें हैं दिन में आपको सावधानियां बरतनी पड़ सकती है जैसे कि जिस समय चप्पल के आकार की कटिंग हो रही हो तो यह ध्यान में रखना जरूरी है कि आप की चप्पल सही वह पर्फेक्ट आकार में कट हो। इसके साथ-साथ आप जिस जगह पर अपने व्यवसाय को स्थापित कर रहे हैं, उस जगह पर बिजली की व्यवस्था उत्तम होनी चाहिए। इन मुद्दों के साथ-साथ अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी व उसके पैकेजिंग की क्वालिटी पर भी खास ध्यान रखना होता है।

चप्पल बनाने के कच्चे माल की कीमत लगभग क्या होनी चाहिए?

चप्पल बनाने में  जिन सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है, उनकी कीमत अलग-अलग स्थान के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। परंतु अधिकतर रबर शीट की कीमत ₹300 एक शीट की होती है और इसके अलावा ₹4 प्रति मीटर की कीमत में स्ट्रैप शीट उपलब्ध होती है।

निष्कर्ष

दिए गए आर्टिकल में हमने आपको चप्पल के व्यापार (Slipper Manufacturing Business in Hindi) के बारे में हर एक डिटेल्स को प्रदान किया है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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