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5000 में शुरू किया बिजनेस आज है 500 करोड़ का टर्नओवर, जाने पूरी कहानी

इस आर्टिकल में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे है, जिसने महज 5000 रुपये में बिज़नेस को शुरू किया था। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष के कारण आज उनकी कंपनी 200 करोड़ का टर्नओवर कर रही है।

इतना ही नहीं देश के चेन्नई, बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, कोयंबटूर, आगरा, इलाहाबाद और अन्य सहित 93 शहरों में 240 जितने उनकी कंपनी के आउटलेट्स है।

उस व्यक्ति का नाम है विकास गुटगुटिया। विकास गुटगुटिया ‘फर्न्स एन पेटल्स’ के संस्थापक और प्रबंध निदेशक है।

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Vikaas Gutgutia
Image: Vikaas Gutgutia

फूलों के कारोबार में उनकी कंपनी ‘फर्न्स एन पेटल्स’ देश की अग्रणी कंपनी कही जाती है। विकास गुटगुटिया ने साल 1994 में फूल व गिफ्ट सेंटर से अपने इस बिज़नेस की शुरुआत की थी।

इस लेख में विकास गुटगुटिया की सफलता की कहानी (Vikaas Gutgutia Success Story in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे। जिसमें उनके जीवन के संघर्ष के बारे में विस्तार से जानेंगे।

विकास गुटगुटिया का प्रारंभिक जीवन

विकास गुटगुटिया का जन्म बिहार में हुआ है। मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाले विकास गुटगुटिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार से हांसिल की है।

हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो आगे की पढ़ाई करने के लिए कोलकाता चले आए। कोलकाता में वो अपने अंकल के यहां रहते थे। उनके अंकल का फूलों का कारोबार था।

विकास यहां रहकर पढाई के साथ-साथ अंकल के बिज़नेस में हाथ भी बंटाते थे। उन्होंने हाथ बटाने के साथ साथ बिज़नेस की बारीकियां भी सीखी।

कोलकाता में बी.कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इसी बिज़नेस में अपना भविष्य बनाने की ठान ली और साल 1990 में मुंबई चले आए।

फूलों का बिज़नेस शुरू करने के लिए मिली प्रेरणा

मुंबई आने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि बिज़नेस कैसे शुरू करें? इतने में एक घटना उनके साथ हुई। यह बात साल 1994 की है।

दरअसल वो एक लड़की मीता से बहुत प्यार करते थे। मीता कॉलेज में उनके साथ पढ़ करती थी। विकास ने मीता के जन्म दिन पर फूलों का एक गुलदस्ता फ्लोरिस्ट से भिजवा दिया।

लेकिन जब वे शाम को जन्मदिन की पार्टी में पहुंचे तो देखा कि उनका गुलदस्ता काफी बिखरा हुआ है। फूल भी अच्छे नहीं हैं। यही देख कर विकास ने सोचा कि दिल्ली में ही फूलों का कारोबार शुरू किया जाए।

ऐसे शुरू हुआ फूलों का बिज़नेस

विकास ने फूलों का बिज़नेस शुरू करने का तो सोच लिया लेकिन उनके पास पैसों के नाम पर सिर्फ 5,000 रुपये थे। उनके एक करीबी फ्रेंड ने भी इस बिज़नेस में रूचि दिखाई और उन्हें ढाई लाख रुपये दिए।

विकास ने दिल्ली में इस बिज़नेस को लेकर काफी रिसर्च की और आखिर में साउथ एक्सटेंशन में सड़क के किनारे ही ‘फ़र्न्स एन पेटल्स’ नाम से फूलों की एक होल सेल दुकान खोली। अब विकास दिल्ली के सबसे प्रमुख फूलों की दुकानों में फूलों की सप्लाई करने लगे।

काफी मुश्किल दौर से गुजरे

तभी विकास की जिंदगी में मुश्किल दौर शुरू हुआ। उन्होंने मीता के परिवार में शादी की बात की, लेकिन मीता के परिवार ने शादी करने से मना कर दिया, जिससे वो काफी दुखी हुए।

दूसरी तरफ जिस दोस्त ने उन्हें बिजनेस करने के लिए पैसे दिए थे, वह बाद में कुछ निजी कारण से उनके बिजनेस से अलग हो गया। इन सब के बावजूद भी विकास का मन इस बिजनेस में काफी लग गया था और उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

विकास के लिए यह समय काफी मुश्किल और चुनौती से भरा था। उनका साथ देने वाला कोई नहीं था और साथ-साथ पैसों की भी कमी हो रही थी। लेकिन विकास ने हिम्म्त नहीं हारी और अकेले ही सारी चुनौतियों का सामना करते रहे।

उन्होंने दिल्ली के आसपास के किसानों से संपर्क बढ़ाया और उन्हें अच्छे फूलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया। वह बीज से लेकर मार्केटिंग करने का सारा काम उन्होंने खुद ही उठा लिया।

बिज़नेस में आया टर्निंग पॉइंट

इतनी मेहनत के बाद आखिर में किस्मत ने उनका साथ दिया। साल 1997 में उन्हें दिल्ली के ताज होटल पैलेस में एक शादी में सजावट करने का काम मिल गया। यह प्रॉजेक्ट काफी बड़ा था और इस प्रोजेक्ट के साथ उन्हें 50 लाख का मुनाफा भी हुआ।

यह उनके बिजनेस का टर्निंग पॉइंट था। अब उनके पास पैसे आ गए थे और उनका नाम भी लोग जानने लगे थे। विकास ने अपना बिजनेस बढ़ाया और साथ-साथ बिज़नेस करने का अपना तरीका भी बदला।

वे अब डेकोरेशन के काम में ज्यादा दिलचस्पी दिखाने लगे। उन्होंने कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अच्छे कारीगरों को ढूंढा और उन्हें सजावट के काम में लगा दिया। उनके पास दिल्ली के सबसे बड़े फ्लावर डेकोरेशन के प्रॉजेक्ट आने लगे।

ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया

विकास ने दिल्ली में ही ‘फर्न्स एन पेटल्स’ नाम से एक डिजाइन स्कूल भी खोला। उन्होंने अपना कारोबार देश के कई शहरों में बढ़ाया।

2002 में जब लोग इंटरनेट और ऑनलाइन बिज़नेस के बारे में नहीं जानते थे, उस समय उन्होंने ऑनलाइन फूलों की डिलिवरी शुरू की।

मशहूर फैशन डिज़ाइनर तरुण टहिल्यानी के साथ उन्होंने पार्टनरशिप में एक लग्जरी बुटीक खोला। अब उनकी कंपनी लग्जरी शादियों में फूलों का काम देखते थे।

देखते ही देखते विकास ने फूलों के ही 13 तरह के अलग-अलग बिजनेस में हाथ फैला दिया। अब वे सिर्फ काम को ऊपर से सुपरवाइज करते थे। बाकी नीचे काम देखने वाले लोग अलग थे।

फिर एक बार हुआ नुकसान से सामना

फूलों के साथ-साथ अब विकास का मन किसी और बिज़नेस करने का सोच रहा था। साल 2007 में उन्होंने ‘चटक चाट’ नाम से स्ट्रीट फूड का एक स्टार्ट अप शुरू किया था।

इस स्ट्रीट फूड स्टार्ट अप में उन्होंने अलग-अलग तरह के 21 वेराइटी के चाट रखे थे। लेकिन उनका यह बिजनेस काफी हद तक असफल रहा और उन्हें करीब 25 करोड़ का नुकसान हुआ था। साल 2009 में उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा।

वापस फूलों के कारोबार में लौटे

स्ट्रीट फूड स्टार्ट अप में मिली असफलता के बाद विकास फूलों के कारोबार में वापस लौटे और शादियों में डेकोरेशन के काम पर ही पूरा फोकस किया।

फिर से एक बार उन्होंने काफी मेहनत की। 2010 में उनका कुल टर्नओवर 30 करोड़ का था, जो कि 2012 में 145 करोड़ का पहुंच गया। उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर अपना कारोबार फैलाया और आज 150 देशों में उनका बिजनेस फैला है।

देश के 95 से भी ज्यादा शहरों में उनके आउटलेट्स हैं। अपने परदादा को अपना रोल मॉडल मानने वाले विकास ने कभी हर महीने 10 लाख रुपये कमाने का सपना देखा था, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर आज वह अपने सपने से भी आगे निकल गए हैं।

मीता से हुई शादी

बिज़नेस की स्थिति बदलते ही उन्होंने एक बार फिर मीता के माता-पिता से दोनों की शादी की बात की और मीता के पिता विकास के साथ अपनी बेटी की शादी करने के लिए राजी हो गए और दोनों पति-पत्नी के बंधन में बंध गए।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में विकास गुटगुटिया की सफलता की कहानी (Vikaas Gutgutia Success Story in Hindi) आपके साथ शेयर की है।

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