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खजूर की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? (प्रकिया, निवेश और मुनाफा)

Date Palm Tree Farming Business in Hindi: हमारा भारत देश खेती प्रधान देश है और हमारे देश में आधी से ज्यादा जनसंख्या खेती करके अपना जीवन यापन करती है। देश में कई सारे ऐसे किसान होते हैं, जो केवल खेती पर ही निर्भर होते हैं।

आज कई सारी ऐसी चीजों की खेती करके हम पैसा कमा सकते हैं, जो हमें मोटी कमाई प्रदान करते है। खजूर के बारे में आप सभी लोगों ने तो सुना ही होगा। खजूर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

हमारे देश में लोग खजूर खाने में बड़ी रुचि दिखाते हैं क्योंकि शरीर के लिए खजूर के काफी अनगिनत फायदे है। शायद यही कारण है कि खजूर की खेती का बिजनेस इस समय जोड़-तोड़ से किया जा रहा है।

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Image: Date Palm Tree Farming Business in Hindi

अगर आप भी खजूर की खेती का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आज का हमारा यह आर्टिकल शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढ़ें। आपको इस आर्टिकल में खजूर की खेती करने से लेकर उससे पैसा कैसे कमाए (Date Palm Tree Farming Business in Hindi) इन सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी मिलने वाली है।

खजूर की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? (प्रकिया, निवेश और मुनाफा) | Date Palm Tree Farming Business in Hindi

Table of Contents

खजूर के बिजनेस की बाजार में मांग

किसी भी प्रकार का बिजनेस करने का मजा और फायदा तभी रहता है, जब उसकी बाजार में मांग खूब रहती है। अगर बाजार में किसी चीज की मांग नहीं है और आप उस व्यापार को कर रहे हैं तो आप खुद सोचिए क्या आपको फायदा होगा?

हमारे हिसाब से तो कोई भी फायदा नहीं होने वाला है। पर जब बात आती है खजूर के व्यापार की तो आज के समय में खजूर के व्यापार की मांग इतनी ज्यादा है कि इसकी पूर्ति ठीक तरीके से नहीं हो पा रही है।

खजूर खाने के अनगिनत फायदे हैं। खजूर खाने से कई सारे असाध्य रोगों से छुटकारा भी मिल जाता है और पहले के मुकाबले आज के समय में लोग इसके फायदे के बारे में काफी कुछ ज्यादा जान चुके हैं। शायद इसीलिए दिन प्रतिदिन खजूर की मांग बाजार में बढ़ती ही जा रही है।

आज हमारे भारत देश में खजूर की खेती करने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम है और पूर्ति ठीक तरीके से नहीं हो पा रही है। अर्थात कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर आप खजूर की खेती का बिजनेस शुरू करते हैं तो स्वभाविक सी बात है आपको इसमें बहुत फायदा होने वाला है। भारतीय बाजार में खजूर की मांग को देखते हुए आप इस व्यापार को आसानी से शुरू कर सकते हैं।

खजूर की खेती क्या होती है?

खजूर की खेती को करने के लिए आपको सबसे पहले तो धैर्य की आवश्यकता होगी। खजूर की खेती शुरू करने के लगभग 3 साल बाद ही आपको इसके पीछे कोई बेनिफिट होने वाला है। अगर आप सोच रहे हैं कि तुरंत 6 महीने से लेकर 1 साल के अंदर अंदर इनकम होने लगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं।

जिस प्रकार से आम के लिए आपको कम से कम 3 सालों का वेट करना पड़ता है। खजूर का पौधा से खजूर के पेड़ को पूरी तरीके से तैयार होने में और उसमें फल लगने में लगभग 3 सालों तक का समय लग जाता है। ज्यादातर खजूर की खेती रेतीले मिट्टी में होती है और वहां की जलवायु शुष्क होनी चाहिए। ज्यादातर हमें खजूर की खेती रेगिस्तान वाले इलाके में देखने को मिलती है।

शुरुआती समय में खजूर के पौधे को लगभग 30 डिग्री के आसपास का तापमान विकास करने के लिए चाहिए होता है और अगर इस प्रकार से पौधे के अनुकूल तापमान रहता है तो पौधे का विकास भी ठीक तरीके से हो पाता है। भरपूर मिट्टी वाले जगहों पर ही इस पौधे की रोपाई की जाती है और प्रत्येक पौधे के बीच में अच्छा खासा डिस्टेंस भी होना जरूरी है।

खजूर के पेड़ लगाने से पहले लगभग 1 महीने पहले अच्छे खासे क्षेत्रों में गड्ढे करने होते हैं और उसके बाद खेतों में खजूर के पेड़ों को लगाने का काम शुरू किया जाता है। खजूर की खेती करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती है। परंतु इसका फल हमें 3 साल बाद ही देखने को मिलता है और जब एक बार इस पौधे में फल लगने लगते हैं तब आपकी कमाई भी शुरू होने लगती है।

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खजूर के कितने प्रकार के किस्मों की खेती की जाती है?

आपको बाजार में खजूर की कई किस्मों की खेती के पौधे में आसानी से मिल जाएंगे, परंतु उन सभी खजूर के पौधों को पैदावार और वातावरण के अनुसार ही लगाया जाता है। खजूर के पेड़ों की बाजार में जितनी भी प्रकार की के किस्म मौजूद हैं, उन सभी किस्मों को नर और मादा दो श्रेणियों में विभक्त किया गया है।

खजूर के नर के पौधों को लगाने के साथ-साथ मादा पौधों को भी लगाना चाहिए, इससे हमें उन्नत खेती देखने को मिल सकती है। चलिए अब आगे हम खजूर की उन्नत किस्में के बारे में जान लेते हैं।

खजूर के नर किस्मों की वैरायटी

जितनी भी वैरायटी आपको नर खजूर के किस्म में मिलने वाली है, उनकी जानकारी नीचे विस्तार से बताई गई है। इसके अतिरिक्त हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खजूर के नर पौधों में फल नहीं लगते हैं बल्कि इसके फूल ही लगते हैं।

  • धनामी मेल

इस किस्म के पौधों पर 10 से लेकर 15 के बीच में फूल लगते हैं। प्रत्येक फूलों के अंदर से लगभग 15 से लेकर 20 ग्राम तक परागकण इसके अंदर से प्राप्त होते हैं। लेकिन इसके परागकण 10 से 12 दिनों के देरी के बाद ही बनने शुरू होते हैं।

  • मदसरीमेल

खजूर के नर किस्म के अंतर्गत यह भी आता है। मगर हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके प्रत्येक पेड़ में मात्र 5 ही फूल लगते हैं और प्रत्येक फूल में 5 से लेकर 6 के परागकण प्राप्त होने की संभावनाएं होती है।

खजूर के मादा किस्मों की वैरायटी

जितने भी मादा किस्म होती है, वह सभी फल देने का काम करते हैं और हम मादा पेड़ों को उन्नत खजूर के पौधों के रूप में भी जानते हैं। खजूर के मादा किस्म में अलग-अलग प्रकार के वैरायटी प्राप्त होती है और चलिए हम उन सभी मादा खजूर के वैरायटी के बारे में जान लेते हैं, जिसकी जानकारी नीचे निम्नलिखित रुप में विस्तार से बताई गई है।

  • मेडजूल

यह खजूर मादा की एक ऐसी वैरायटी है, जो थोड़ा ज्यादा समय लेकर पकने का काम करती है। मुख्य रूप से इस प्रकार के किस्म को मोरक्को जैसे देश में सबसे ज्यादा उगाया जाता है। हालांकि इस किस्म के पौधों का फल देरी से पककर तैयार होता है परंतु इसके फल उतने ही ज्यादा मीठे होते हैं।

अपने तो सुना होगा सब्र के फल मीठे होते हैं ना तो ठीक इसी प्रकार से खजूर मादा पौधे के इस किस्म की स्पेशलिटी है। इस किस्म के पौधों से पिंड खजूर बनाने के का काम किया जाता है।

इसके अतिरिक्त हम आपके इस किस्म के पौधों के बारे में जानकारी देते हुए बताना चाहते हैं कि इसके सिंगल पौधों से आप करीबन 75 किलो से लेकर 1 कुंटल तक का फल प्राप्त कर सकते हैं।

  • बरही

खजूर मादा किस्म की यह एक ऐसी वैरायटी है, जिसे खासतौर पर ज्यादा फल प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। इसके फल अंडाकार और पीले रंग के होते हैं और इतना ही नहीं इसका पौधा तेजी से विकास करता है।

परंतु इसके पेड़ों में फल पकने का समय थोड़ा ज्यादा होता है। इस किस्म के पौधों से लगभग एक बार में 80 किलो से लेकर एक कुंटल के बीच में फल प्राप्त किया जा सकता है।

  • जामली

जामली खजूर के किस्म वाले पौधों में जितने भी फल लगते हैं, वह सभी कल के सुनहरी पीले रंग के होते हैं और खाने में मीठे स्वाद के होते हैं और इतना ही नहीं यह बहुत मुलायम भी होते हैं।

इसके फल भी पकने में थोड़े समय लेते हैं और एक बार में अकेला पौधा आसानी से एक कुंटल का पैदावार करने में सक्षम रहता है।

  •  हिल्लावी

मादा खजूर के किस्मों में से यह एक ऐसी किस्म है थोड़ा जल्दी पकता है और इसका फल लगभग जुलाई महीने में तैयार हो जाता है। खजूर के इस किस्म का पौधा लगभग हल्का नारंगी और इसका छिलका पीला प्रकार का दिखता है। इतना ही नहीं इसके फल लंबे लंबे होते हैं और एक सिंगल पौधा एक कुंटल फल पैदावार करने की क्षमता रखता है।

  • खदरावी

खदरावी किस्म के जितने भी खजूर के पौधे होते हैं, उनकी लंबाई सभी खजूर के पौधों से काफी ज्यादा नाटी होती है। खासकर इस किस्म के पौधों से पिंड खजूर बनाने का काम किया जाता है। एक बार में इस किस्म का पौधा लगभग 50 से लेकर 60 किलो के बीच में फल की पैदावार करने में सक्षम रहता है।

  • खुनेजी

खुनेजी खजूर मादा के एक ऐसे किसमें का पौधा है, जो सामान्य पौधों की तरह ही विकास करने में अपना पूरा समय लेता है परंतु इसके फल अन्य खजूर के किस्मों के मुकाबले जल्दी लगने शुरू हो जाते हैं और पकने भी शुरू हो जाते हैं। एक बार में इस किस्म के पौधों से आप लगभग 60 किलो तक के फल आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

खजूर की खेती करने की कंपलीट प्रोसेस क्या है?

खजूर की खेती को करने के लिए हमें कई सारे चरण से होकर गुजरना होगा और इसकी खेती को कैसे किया जाता है और किन बातों का ध्यान रखा जाता है, इसके बारे में हम नीचे विस्तार से जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

खजूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

खेती को करने के लिए रेतीली मिट्टी की आसानी से जल निकासी की जा सकती है, इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। खजूर की खेती को करने के लिए जमीन का पीएच मान 7 से लेकर 8 के बीच में होना अनिवार्य है। अगर आप की मिट्टी ऐसी है, जो कि दो-तीन मीटर तक पथरीली है तो ऐसे में आप उस खेत में खजूर की खेती नहीं कर सकते हैं।

खजूर की खेती करने के लिए जलवायु और तापमान

अधिक बारिश और अधिक सर्दी पड़ने वाले जगहों पर खजूर के पौधे को उगाना असंभव है। क्योंकि इसका कोई भी लाभ आपको नहीं मिलने वाला है। खजूर की खेती को करने के लिए आपको शुष्क जलवायु की जरूरत होती है।

ज्यादातर रेतीली जमीन में  यह पौधा अच्छे तरीके से विकास करता है और हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पौधे के अच्छे विकास के लिए करीब तापमान 30 डिग्री से लेकर 40 डिग्री के बीच में होना चाहिए। अगर आप ऐसे किसी जगह पर रहते हैं तो आपके लिए खजूर की खेती करना बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।

खजूर की खेती कौन से महीने में करना सही है?

खजूर की खेती के लिए सही महीना अगस्त का माना जाता है। खजूर की खेती करने के लिए सबसे उपयुक्त महीना अगस्त का महीना है। खजूर के पौधे लगाने के लिए पानी की अधिक जरूरत नहीं होती।

इतनी ज्यादा गर्मी का मौसम होता है, उतना ही खजूर का पौधा तेजी से बढ़ता है। मन खजूर के फलों को पकाने के लिए 45 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। पौधे लगाने के 3 साल बाद फल आने लगते हैं।

खजूर की खेती करने के लिए खेतों को कैसे तैयार करें?

खेती को करने के लिए हमें अपने खेतों को उस लायक तैयार करना भी जरूरी है तभी तो हम खजूर की खेती आसानी से कर सकते हैं। आपको सबसे पहले अपने खेतों की जुताई कर देनी है और खेत को पाटा चला कर समतल कर देना है। इसके बाद आप सभी लोगों को खजूर के पौधों की रोपाई करने से करीब 1 महीने पहले एक मीटर व्यास वाले एक मीटर गहरे गड्डे तैयार कर लें।

इन गड्ढों में आपको गोबर और मिट्टी को अच्छे से मिला लेना है और इतना ही नहीं आपको फोरेट या कैप्टान की उचित मात्रा को भी मिला दें। अब एक बार इन गड्ढों की सिंचाई कर दें और उसके बाद जब इस प्रक्रिया को एक महीना हो जाए तब इसमें खजूर के पौधे लगाना शुरू कर दें।

खजूर के पौधों को लगाने का तरीका और सही समय

आप चाहे तो खजूर के बीज या फिर खजूर के पौधों से भी इसकी रोपाई की जा सकती है, परंतु अगर आप खजूर के बीज से इसकी खेती करना शुरू करेंगे तो इसमें आपको काफी ज्यादा समय देना पड़ेगा।

इससे अच्छा है कि आप किसी सरकारी मान्यता प्राप्त नर्सरी के जरिए सीधे आप खजूर के पौधे ही खरीदें और उसके बाद इनकी रोपाई करना शुरू कर दें, जिससे आपको इसका सकारात्मक परिणाम मिलने में ज्यादा समय नहीं देना होगा।

कभी-कभी इस प्रकार की खेती को करने के लिए सरकारी नर्सरी के जरिए हमें पौधों की खरीदारी पर सब्सिडी भी मिल जाती है। आपको खजूर के पौधों को लगाने के लिए करीब 1 खजूर से पौधे से लेकर दूसरे खजूर के पौधे के बीज 6 से लेकर 8 मीटर की दूरी होनी चाहिए और इसी हिसाब से आप गड्ढा भी तैयार करें।

अगस्त के महीने में खजूर के पौधे की रोपाई करने का बिल्कुल उपयुक्त समय होता है और आपको इसी समय की रोपाई कर देनी चाहिए। 1 एकड़ की भूमि में लगभग आप 70 खजूर के पौधे आसानी से लगा सकते हैं।

पौधों की सिंचाई करने का सही समय क्या होता है और कब-कब खजूर के पौधे को सिंचाई की जरूरत होती है?

ऐसा कि हमने आपको पहले ही बताया ज्यादातर खजूर के पौधों को पानी की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि यह शुष्क भूमि में अच्छी तरीके से विकास करते हैं।

फिर भी गर्मियों के मौसम में आप करीब 15 से लेकर 21 दिनों के अंतराल में थोड़ी बहुत इसकी सिंचाई करते रहें ताकि भूमि एकदम बंजर की तरह ना दिखाई दे और ना ही भूमि में दरार आने पाए।

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खजूर की खेती को करने के लिए उर्वरक की मात्रा क्या होनी चाहिए?

जिस प्रकार से अन्य पौधों और अन्य प्रकार की खेती को करने के लिए हमें खाद की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार से हमें खजूर की खेती को करने के लिए भी खाद की आवश्यकता होती है।

खजूर के पौधों को करीब प्रति वर्ष लगातार 5 वर्ष तक आपको 25 से 30 किलो पुरानी गोबर की खाद डालनी होती है। इसके अलावा आपको गोबर की खाद की मात्रा पौधे लगने के दौरान हमें थोड़ा और बड़ा कर देनी चाहिए ताकि पौधा अच्छे से विकास करें और फल अच्छे-अच्छे और ज्यादा से ज्यादा लग पाए।

इतना ही नहीं आपको रासायनिक खाद के रूप में यूरिया की चार किलो मात्रा को साल में दो बार प्रति एकड़ के हिसाब से देना चाहिए, इससे आपको अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

खजूर की खेती करने के लिए खरपतवार का नियंत्रण कैसे करें?

जिस प्रकार से हम अन्य फसलों की रोपाई करने के बाद अपने खेतों की समय-समय पर निराई और खरपतवार नियंत्रण करने के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं। ठीक उसी प्रकार से हमें खजूर की खेती को करने के लिए भी समय-समय पर खेतों की निराई करते रहना चाहिए और इतना ही नहीं साल भर के अंदर अंदर 5 से लेकर 7 बार के बीच खेतों की गुड़ाई भी करनी चाहिए।

ऐसा करने पर खजूर के पेड़ों को अच्छा विकास प्राप्त होता है और खरपतवार नियंत्रण में भी रहते हैं। खजूर के पौधों के बीच में जो खाली जमीन पड़ी हुई है, वहां पर आप समय-समय पर  जोताई करते रहें ताकि खरपतवार नियंत्रण में रहे।

खजूर की खेती को करने के लिए रोगों का रोकथाम

फसलों में जो भी रोग लगते हैं या फिर कीड़े मकोड़े लगते हैं, उनके रोकथाम के लिए आप दवाओं का इस्तेमाल कर सकते है। एक बार आप खजूर की खेती कर चुके अनुभवी लोगों से भी इसके बारे में चर्चा कर सकते हैं या फिर आप सीधे जहां पर रोग के रोकथाम के लिए दवा लेने जा रहे हैं, वहां पर भी उन्हें दवा किस लिए चाहिए।

दवा का इस्तेमाल आप कहां करने वाले हैं इसके बारे में अवश्य बताएं ताकि वह अपने तरफ से आपको अच्छी सलाह प्रदान कर सके कि आपको कौन सी दवा इस्तेमाल करनी चाहिए और आपको कौन सी दवा इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।

खजूर के फलों की तुड़ाई कैसे करते हैं?

खजूर के फलों की तुड़ाई तीन चरणों में की जाती है। अच्छे तरीके से पौधे तैयार हो जाने के बाद करीब 3 सालों तक का समय हमें फलों के इंतजार में गुजारना होता है और उसके बाद फल लगने शुरू हो जाते हैं।

पहले चरण में हमें खजूर के फल की तुड़ाई जब ताजे और पके हुए फल लग जाते हैं तब किया जाता है और दूसरे चरण में खजूर के फलों की तुड़ाई को जब फल नरम पड़ने लगते हैं तब की जाती है और तीसरे एवं अंतिम चरण में खजूर के फलों की तुड़ाई को तब किया जाता है जब इसके फल पेड़ों में सूखने लगते हैं और सूखने की स्थिति में आ जाते हैं।

मानसून मौसम की शुरुआत होने से पहले इसकी आखिरी तुड़ाई को पूरा कर लेना चाहिए अन्यथा फल खराब हो सकते हैं। पहले दो चरण में खजूर के फलों का इस्तेमाल पिंड खजूर बनाने के लिए किया जाता है।

तीसरे एवं आखिरी चरण में प्राप्त फलों का इस्तेमाल इसे धोकर और सुखवा कर छुहारे के रूप में उपयोग में ले लिया जाता है और इसे आप बाजार में बिकने के लिए भी भेज सकते हैं।

खजूर के फलों की पैकेजिंग कैसे करते हैं?

पहले दो चरण में जब हम पिंड खजूर बनाने के लिए फलों को प्राप्त करते हैं तब उस दौरान हमें इसकी पैकेजिंग बड़े ही ध्यान पूर्वक से करनी होती है।

आपको पैकेजिंग पर पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि फल की पूरी नमी बरकरार रहे और फल डैमेज ना होने पाए इसका भी आपको ख्याल रखना होता है। इसके लिए आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए और फिर उसी अनुसार आपको इसकी पैकेजिंग करनी चाहिए।

आप चाहे तो इसके पैकेजिंग को करने की कंपलीट प्रोसेस यूट्यूब पर भी देख सकते हैं क्योंकि वहां पर आपको वीडियो में ज्यादा डिटेल से बताया गया होगा।

वहीं तीसरे और अंतिम चरण में प्राप्त सूखे फल को आप छुहारे का रूप देकर बाजार में भेज सकते हैं और इसकी पैकेजिंग बिल्कुल नॉर्मल तरीके से जैसे चाहे वैसे कर सकते हैं, इसके लिए कोई विशेष पैकेजिंग की जरूरत नहीं होती है।

खजूर के फलों की मार्केटिंग कैसे करें?

आजकल वैसे भी खजूर की मांग हर जगह पर है तो आपको जहां पर खजूर के अलग-अलग प्रोडक्ट बनाए जाते हैं या फिर खजूर के इस्तेमाल से औषधियों का निर्माण किया जाता है, उस जगह पर आपको संपर्क करना होगा और अपने खजूर के क्वालिटी के बारे में उन्हें बताना होगा।

इसके अतिरिक्त आप अपने नजदीकी मार्केट में भी जाकर जहां पर खजूर आदि की बिक्री ज्यादा से ज्यादा की जाती है, वहां पर अपने खजूर की मार्केटिंग आसानी से कर सकते हैं और आपको अपने खजूर के फलों का दाम ज्यादा नहीं रखना है अन्यथा आपका फल आसानी से नहीं बिक पाएगा, इसीलिए इस बात का भी ध्यान दें।

खजूर की खेती को करने में जोखिम की संभावना

वैसे तो खजूर की खेती को करने में आपको बहुत ही कम जोखिम होने की सम्भावना है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको इसमें जोखिम झेलना पड़ सकता है तब आपको शुरुआती में कम पौधों से शुरुआत करनी चाहिए और जब आपको लगे कि आप इससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं और आपको जोखिम नहीं मिलने वाला है तब इसके बड़े पैमाने पर खेती को आप कर सकते हैं।

ध्यान रहे कि आप जो भी खजूर के फलों की पैकेजिंग कर रहे हैं, उन्हें फ्रेश रखना जरूरी है और आप इसके लिए रेफ्रिजरेटर या फिर बड़े आकार का फ्रेजर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिस का तापमान -4 डिग्री तक का हो।

अगर आप इस प्रकार से इन बातों का ध्यान रखते हुए मार्केट में अपने खजूर के फलों को बेचते हैं तब आपको बहुत ही कम जोखिम मिलने की संभावना हो सकती है।

खजूर की खेती को करने के लाभ

अगर आप एक सीजन में खजूर की खेती से 1000 किलो से लेकर 5000 किलो तक का फल प्राप्त करते हैं तब आप ऐसे में ₹25 किलो से लेकर ₹40 प्रति किलो के हिसाब से आप इसे बाजार में बेच सकते हैं।

कई बार तो इसका दाम बाजार में अच्छा मिल जाता है अर्थात आप एक सीजन से खजूर की खेती से ₹400000 से लेकर ₹500000 के अधिक भी कमाई कर सकते हैं और यह कमाई का आंकड़ा आप के पौधों और प्राप्त फलों के आधार पर बढ़ सकता है।

खजूर की खेती से कितनी कमाई की जा सकती है?

खजूर की खेती करने के लिए आपको बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है। आप 1 एकड़ के खेत में खजूर के 70 पौधे लगा सकते हैं। एक पेड़ में 70 से 100 किलो तक की पैदावार होती है। आप 5000 किलो खजूर का उत्पादन कर सकते हैं।

अगर आपकी फसल की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है तो आप खजूर ₹50 किलो तक भेज सकते हैं। ऐसे में आप एक बार में 2 से ₹3लाख की कमाई कर सकते हैं।

खजूर के खेतों को कितनी बार सिंचाई की आवश्यकता होती है?

खजूर के पौधों को अत्यधिक पानी की जरूरत नहीं होती। खजूर की फसल ज्यादा गर्मी पड़ती है, उतनी ही तेजी से खजूर की फसल विरोध करती है। खजूर के फलों को पकाने के लिए 45 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।

खजूर के पौधों की रोपाई के लिए अगस्त का महीना उपयुक्त माना जाता है। खजूर के खेतों को गर्मियों में 15 दिन और सर्दी में 1 महीने की सिंचाई की आवश्यकता होती है।

खजूर की खेती करने के लिए कितने बजट की आवश्यकता है?

खजूर की खेती के लिए बहुत ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है। आप कम बजट में भी इसकी खेती आरंभ कर सकते हैं। अगर आप कम बजट के साथ खजूर की खेती आरंभ करते हैं तो आपको 1 एकड़ जमीन में 70 पौधे लगाने की आवश्यकता है।

पेड़ में लगभग 70 से 100 किलो खजूर की पैदावार की जा सकती है। ऐसे में आप 1 एकड़ जमीन में 5000 किलो खजूर का उत्पादन आराम से कर सकते हैं और इससे अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए आपके पास अगर जमीन उपलब्ध है तो आप ₹50000 से ₹10000 में खेती आरंभ कर सकते हैं।

FAQ

खजूर का पौधा कैसे लगाया जाता है?

खजूर का पौधा लगाने के लिए आपको 1 महीने पहले 1 मीटर व्यास का गड्ढा खोदना होता है और एक महीने बाद इस गड्ढे में खजूर के पौधे को लगाया जाता है। 1 महीने पहले गड्ढा खोदने के बाद आपको गोबर की खाद और पानी आदि की सिंचाई करनी चाहिए और ध्यान रहे कि आप जिस गड्ढे में पौधे लगाने वाले हैं, उसमें ज्यादा पानी ना भरने पाए और ना ही ज्यादा कीचड़ होना चाहिए।

खजूर कौन से देश में होता है?

खजूर करीब टयूनिशिया, सूडान, संयुक्त राज्य अमेरिका व स्पेन विश्व के जैसे मुख्य देशों में होता है।

खजूर कितने रुपए किलो मिलता है?

खजूर पैकेजिंग के साथ और ब्रांड नेम के साथ करीब ₹500 किलो से लेकर ₹5000 किलो के बीच तक का बिकता है और इस प्रकार के खजूर की पैकेजिंग बहुत ही आकर्षित और महंगे तरीके से की जाती है।

खजूर के पेड़ की लंबाई कितनी होती है?

खजूर का पेड़ करीब 15 मीटर से लेकर 25 मीटर के बीच में लंबा हो सकता है।

खजूर कितने दिन में फल देता है?

खजूर के पेड़ को लगाने से लेकर पेड़ से फल प्राप्त करने तक का समय लगभग 4 से 5 साल तक का लग सकता है और इसके पहले आपको खजूर के पेड़ से कोई भी फायदा नहीं होने वाला है।

खजूर की खेती का बिजनेस करके कितना कमाया जा सकता है?

खजूर की खेती को करके प्रतिवर्ष ₹500000 से लेकर ₹1000000 या फिर इससे अधिक की कमाई हर एक सीजन में की जा सकती है।

खजूर को बनने में कितना समय लगता है?

खजूर के पेड़ अपने पेरेंट्स वीके ऑफशूट जिन्हें पंप्स कहते है, इसके द्वारा ही हजूर उगाया जाता है। हजूर को बनने में 6 से 8 वर्ष लगते हैं।

विश्व भर में सबसे अच्छा खजूर कौन सा माना जाता है?

बाजार में कई किस्म के खजूर उपलब्ध है। लेकिन सबसे महंगा खजूर सऊदी अरब के मदीना शहर का है, जिसका नाम अजवा खजूर है। इस अजवा खजूर का दाम 1800 से 3500 रुपए प्रति किलो बिकता है।

असली खजूर को कैसे पहचाना जाता है?

असली खजूर की मिठास हमेशा मध्य दर्जे की होती है, जबकि गुड़ और चाय असली में पकाया गया खजूर शक्कर जैसा मीठा लगता है। इसके अलावा जब असली खजूर को पानी में डालेंगे तो उसका रंग नहीं बदलता जबकि नकली खजूर गुड़ में पकी हुई रंग छोड़ देती है।

भारत में खजूर की खेती सबसे अधिक कहां की जाती है?

भारत में खजूर की अत्यधिक खेती पश्चिम सीमा में की जाती है। खासकर गुजरात के कच्छ जिले में खजूर की खेती लगभग 18286 हेक्टर में की जाती है। राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल अन्य गुजरात के शहरों में खजूर की खेती सबसे अधिक की जाती है।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों को खजूर की खेती को करके लाखों की कमाई कैसे करें? (date palm in hindi) इस विषय पर विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है। हमने अपने आज के इस आर्टिकल में खजूर की खेती को करने से लेकर इससे होने वाले मुनाफे तक के बारे में अच्छी जानकारी और विस्तृत जानकारी प्रदान करने का पूरा प्रयास किया है।

हमें उम्मीद है कि आप सभी लोगों को आज का हमारा यह आर्टिकल खजूर की खेती करके पैसे कैसे कमाएं? (Date Palm Tree Farming Business in Hindi) काफी ज्यादा हेल्पफुल लगा होगा।

इसके अलावा आप इस आर्टिकल को आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि अन्य लोग भी खजूर की खेती को करके अच्छा पैसा कमा सके और अगर आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें बता सकते हैं।

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