Transport Business Kaise Kare: किसी भी देश के विकास और प्रगति को निरंतर सुचारू रूप से बनाए रखने में जितना योगदान अन्य कारोबारियों का है, उससे अधिक योगदान ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का है। क्योंकि एक ट्रांसपोर्टर किसी भी सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में मदद करता है।
यदि ट्रांसपोर्टर अपना काम काम बंद कर दे तो कोई भी सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं पहुंच पाएगा और अन्य दूसरे कारोबारियों का कारोबार ठप हो जाएगा व देश की तरक्की में बाधा उत्पन्न हो जाएगी। जिससे लोगों तक जरूर जरूरी सामान की किल्लत हो जाएगी। क्योंकि लोगों तक उनकी आवश्यकता के अनुसार सामान नहीं पहुंच पाएगा।
हम अपने रोजमर्रा की जरुरत का जितना भी सामान उपयोग करते हैं। वह कभी ना कभी कहीं ना कहीं से ट्रांसपोर्ट होकर ही हम तक पहुंचा है। क्योंकि हमारी जरूरत का सामान देश के अलग-अलग हिस्सों में बनी फैक्ट्रियों में बनता है और उसे हम तक पहुंचाने का काम ट्रांसपोर्ट के द्वारा होता है।
एक ट्रांसपोर्ट हमें हमारी जरूरत का सामान हम तक पहुंचाता है। ट्रांसपोर्टर ही है, जो पूरे देश में देशवासियों की आवश्यकता के अनुसार उन तक सामग्री को उपलब्ध करवाता है। ट्रांसपोर्टर 24 घंटे निरंतर अपना काम करते हैं। भारत में ट्रांसपोर्टिंग बिजनेस फायदे का है। लेकिन इसमें कुछ नुकसान होने की संभावनाएं भी रहती हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको टांसपोर्टर और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सभी जानकारियां (Transport Business in Hindi) उपलब्ध करवाएंगे। जैसे ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू किया जा सकता है?, इसमें किस तरीके से मुनाफा कमाया जा सकता है?, इसमें कौन-कौन से नुकसान होने की संभावनाएं हैं आदि तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पूरा जरूर पढ़े।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें? | Transport Business Kaise Kare
Table of Contents
ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें? (Transport Business in India)
कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले उस बिजनेस से जुड़ी सभी जानकारियां होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि यदि आप को कारोबार से जुड़ी जानकारी नहीं होगी तो आप बिजनेस नहीं कर सकते और यदि बिजनेस शुरू कर भी देते हैं तो उसमें आपको मुनाफा नहीं होगा।
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय शुरू करने से पहले आप को इस के बारे में जानकारी एकत्रित करनी होगी जैसे ट्रांसपोर्ट का बिजनेस कैसे किया जाता है?, इससे कैसे मुनाफा कमाया जाता है और उसमें कौन कौन सी मशीन और वाहन का उपयोग हो सकता है।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस छोटे से लेकर बड़े स्तर तक किया जा सकता है। छोटे स्तर पर छोटे माल वाहक वाहन का उपयोग कर सकते हैं, जिनकी क्षमता 3 टन से लेकर 5 टन वजन उठाने की होती है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने के लिए आप छोटे सवारी वाहन से लेकर बड़े सवारी वाहन तक का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप बड़ा ट्रांसपोर्ट बिजनेस करना चाहते हैं, उसके लिए बड़े वाहन इस्तेमाल कर सकते हैं, जिनकी क्षमता 15 टन से लेकर 30 टन से अधिक होती है।
ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने के लिए आपको जिस रूट पर चलना है या जिस शहर में जाना है या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना बिजनेस करना है तो सबसे पहले वहां की जानकारी लेना होगी कि उस राज्य में कौन सा कच्चा माल या तैयार माल है और किस राज्य में कितना जाता है। इस बात की जानकारी होना आवश्यक है। यदि आपको इसकी जानकारी नहीं होगी तो आप ट्रांसपोर्ट का बिजनेस नहीं कर पाएंगे।
यह सब जानकारियां एकत्रित करने के बाद आप एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर मालवाहक वाहन ले सकते हैं। यदि आप बड़े स्तर पर ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करना चाहते हैं तो छोटे स्तर पर ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करना करने के लिए ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती और आप अपने शहर या कस्बे में ही ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के प्रकार (Transport Business Types)
ट्रांसपोर्ट बिजनेस बहुत प्रकार के होते हैं, छोटे स्तर से लेकर बहुत बड़े स्तर तक होते हैं। ऐसा समझ लीजिए कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस 1 जिले से शुरू होकर एक राज्य से दूसरे राज्य राज्यों से फिर देश और देश से फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ट्रांसपोर्ट बिजनेस होता है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस (Transport Business Plan in Hindi) के कुछ प्रकार ऐसे हैं:
1. कार किराए पर लेने का व्यवसाय
कार रेंटल बिजनेस भारत ही नहीं पूरे विश्व में बहुत तेजी से बढ़ता हुआ बिजनेस है और पूरी दुनिया और भारत में बहुत से बड़े-बड़े कार रेंटल बिजनेस पूछले कुछ वर्षो में शुरु हुए हैं, जो अपनी सुविधाएं लोगों को प्रदान कर रहे हैं। आप भी अपने बजट के अनुसार कार रेंटल बिजनेस शुरू कर सकते हैं और अपनी कार को किराए से चला सकते हैं।
2. पैकर्स और मोवेर्स
पैकर्स एंड मूवर्स भी ट्रांसपोर्ट बिजनेस का एक स्वरूप है, जो अपने कस्टमर का सामान खुद पैक करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते है। यह बिजनेस भी ट्रांसपोर्ट के अन्य बिजनेस की तरह ही होता है। लेकिन इसके कारोबार करने का तरीका अलग होता है। इसमें कस्टमर के घर के सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इसमें घरेलू उपयोग के सभी वस्तुएं आती हैं, जिन्हें कंपनी के लोग खुद ही पैक करते हैं और वाहन में लोड करते हैं।
3. लग्जरी बस रेंटल सर्विस
बस रेंटल सर्विस भी ट्रांसपोर्ट बिजनेस का एक स्वरूप है और इसमें अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। बस रेंटल सर्विस बहुत प्रकार की होती हैं, जिसमें लग्जरी बस रेंटल सर्विस अपने वीआईपी सर्विस के लिए जानी जाती है। लग्जरी बस सर्विस खास मौकों पर जैसे चार धाम की यात्रा, शादी बारात, पिकनिक, टूर पर जाने के लिए कस्टमर को सुविधा प्रदान करती है और यह बसें आरामदायक होती हैं।
4. ऑटो रेंटल सर्विस
ऑटो रेंटल सर्विस भारत में तेजी से बढ़ता हुआ ट्रांसपोर्ट बिजनेस है। पिछले कुछ समय में बहुत सी ऐसी कंपनियां सामने आई है जो कस्टमर को ऑनलाइन ऑटो सर्विस प्रदान करती हैं। जिसके माध्यम से कस्टमर अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन ऑटो बुक कर सकता है और अपने गंतव्य स्थान पर जा सकता है।
आप भी अपना ऑटो रेंटल सर्विस शुरू कर सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार ऑटो खरीद कर किसी भी बड़े ऑटो रेंटल सर्विस प्रोवाइडर से अपना ऑटो अटैच कर अपने ट्रांसपोर्ट करोबार शुरू कर सकते हैं।
5. रसद कंपनी
लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट का मतलब होता है चीजों को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाना जैसे घरेलू उपयोग में आने वाली चीजें। लॉजिस्टिक बिजनेस में घरेलू उपयोग में आने वाले सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ट्रांसपोर्ट किया जाता है।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च
ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले रिसर्च कर लेना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि रिसर्च करने से आपको ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़ी सारी जानकारियां मिल जाएंगी और आपको बिजनेस करने में आसानी होगी। सबसे पहले आप जिस भी क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट बिजनेस करना चाहते हैं, ऐसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट हो या लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट, पैकर्स एंड मूवर्स, गुड्स ट्रांसपोर्ट इन सब क्षेत्र से जुड़ी सारी जानकारियां इकट्ठी करनी होंगी।
यह जानकारी आप को उस क्षेत्र में कौन-कौन से वाहन उपयोग में आएंगे?, किस रूट पर वाहन चला सकते हैं?, कहाँ आपको मुनाफा होगा और कितने व्यक्तियों की आवश्यकता होगी। यदि आप ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़ी यह सारी जानकारी एकत्रित कर लेते हैं तो आपके लिए फायदेमंद होगा। क्योंकि ट्रांसपोर्ट हर क्षेत्र में अलग-अलग होता है और अलग-अलग वाहनों द्वारा किया जाता है।
यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट करना चाहते हैं तो आपको इस बात की जानकारी होना चाहिए कि कौन सा रूट कितनी दूरी का है और उस पर किस प्रकार के सवारी वाहन चलाए जा सकता है। गुड्स ट्रांसपोर्ट का कारोबार करना चाहते हैं तो उसकी जानकारी होना आवश्यक है कि किस रूट पर कैसा मटेरियल धोया जाता है और उसे धोने के लिए किस प्रकार के माल वाहन की आवश्यकता पड़ती है।
अन्य ट्रांसपोर्ट भी हैं, जिनके बारे में जानकारी को को इकट्ठा करना होगी। ट्रांसपोर्ट के हर क्षेत्र से जुड़ी सभी छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारियां एकत्रित करने के बाद ही आप अपना ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करें।
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ट्रांसपोर्ट बिजनेस में कच्चे माल की लागत और कहाँ से खरीदें? (Transport Business Raw Material)
मार्केट रिसर्च करने के बाद आपको ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़ी सारी जानकारियां मिल ही गई होंगी। आप जान गए होंगे कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस करने के लिए कौन-कौन से वाहन की आवश्यकता पड़ती है और ट्रांसपोर्ट बिजनेस कितने प्रकार का होता है।
वाहनों से जुड़ी जानकारी के लिए आपको उनके शोरूम में जाना होगा। वाहन बनाने वाली कुछ बड़ी कंपनी जैसे टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, आईसर, मारुति, महिंद्रा इनके शोरूम में जाकर आप अपने जरूरत के अनुसार वाहनों की जानकारी जैसे उनकी कीमत क्या होगी?, कितना वजन उठाने की क्षमता रखते हैं और कितनी सवारी उनमें आ सकती है।
यह सारी जानकारियां आप ले सकते हैं और अपने आवश्यकता के अनुसार खरीदने सकते हैं। वाहनों की कीमत उनकी क्षमता के अनुसार अलग-अलग होती है। छोटे वाहनों की कीमत 4 से ₹500000 से शुरू होती है और बड़े वाहनों की कीमत 20 लाख रुपए से शुरू होती है।
छोटे वाहन आपको फुल कंपलीट मिल जाते हैं खरीदे और इस्तेमाल करें। लेकिन बड़े वाहन जैसे सवारी वाहन, बड़ी बसें और मालवाहक वाहन उनकी चेसीस मिलती है, जिसे खरीदने के बाद आप किसी बॉडी बनाने वाली कंपनी में जाकर अपने अनुसार बॉडी बना बनवा सकते हैं। लेकिन उस की कीमत भी आपको अलग से चुकानी पड़ती है, जो आपकी चेसीस की कीमत में जुड़ कर नहीं आती।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए मशीनरी और उपकरण
अभी तो जाने गए होंगे कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए कौन-कौन से वाहनों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए कुछ मशीनों और इक्विपमेंट की भी आवश्यकता पड़ती है, जो ट्रांसपोर्ट बिजनेस को आसान बनाते हैं। जैसे टूलबॉक्स, स्टेपनी, टाई लीवर, जैक ये सारे इक्विपमेंट्स बहुत आवश्यक है।
यदि वाहन किसी ऐसी जगह पर खराब हो जाता है, जहां कोई मैकेनिक नहीं है तो आप खुद ही वाहन रिपेयर कर सकते हैं। ये आप को वाहनों के शोरूम में या फिर किसी मैकेनिक के पास मिल जाएंगे, जिनकी कीमत कुछ ₹100 से हजारों तक होती है।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिए जिस प्रकार का आप ट्रांसपोर्ट बिजनेस करना चाहते हैं। उससे जुड़े वाहन की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करना चाहते हैं तो आपको बसों की आवश्यकता पड़ेगी और यदि गुड्स ट्रांसपोर्ट शुरू करना चाहते हैं तो आपको ट्रकों की आवश्यकता पड़ेगी। यदि आप ऑटो रेंटल ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करना चाहता तो आपको ऑटो की आवश्यकता पड़ेगी।
बड़े मालवाहक और सवारी वाहनों की कीमत मार्केट में 20 लाख रुपए से शुरू होती है। शोरूम से चेसी खरीदने के बाद आपको बॉडी वर्क करवाना पड़ता है, जिसकी कीमत अलग से चुकानी पड़ती है।
छोटे सवारी वाहन और मालवाहक वाहन आपको मार्केट में 5 से 7 लाख में मिल जाएंगे। जिसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार टूल्स लगवा सकते हैं और उसके अनुसार कीमत कम ज्यादा भी हो सकती हैं।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस की प्रक्रिया
ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले जिस भी क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करना चाहते है, उसकी जानकारी एकत्रित करने के बाद उस ट्रांसपोर्ट से संबंधित वाहनों की व्यवस्था करनी पड़ेगी। वाहनों की व्यवस्था हो जाने के बाद उन्हें चलाने वाले चलको और कंडक्टर की व्यवस्था करने के बाद आप अपना ट्रांस्पोर्ट बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
इसके अलावा भी आपको अपने बिजनेस की जानकारी रखने के लिए एक मुनीम की आवश्यकता पड़ेगी, जो ट्रांसपोर्ट से संबंधित जानकारी रख सके।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए उचित स्थान
ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिए लोकेशन सबसे अहम होता है। क्योंकि यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू के लिए कोई ऐसी लोकेशन चुनते हैं, जहां कम जनसंख्या है तो आपके बिजनेस में हानि होने की संभावना बढ़ जाएंगी। लेकिन यदि आप किसी ऐसे शहर या कस्बे को चुनते हैं जहां जनसंख्या अधिक है और लोगों का आना-जाना अधिक होता है तो आपके प्रॉफिट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
ऐसा ही गुड्स ट्रांसपोर्ट पर भी निर्भर करता है। यदि आप किसी ऐसी जगह गुड्स ट्रांसपोर्ट शुरू करते हैं, जहां से कच्चा मटेरियल सप्लाई नहीं होता है। फिर तैयार माल आता जाता नहीं है तो वहां भी हानि की संभावना अधिक होगी और यदि आप मोबाईल टैक्सी सुविधा शुरू करना चाहते है तो ये छोटे शहर में चलना मुश्किल है। छोटे शहर के लोग ऐसी महंगी सुविधाएं अफोर्ड नहीं कर पाते। इसके लिए आपको किसी बड़े शहर चुनना होगा।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए लाइसेंस और पंजीकरण
भारत में कोई भी नया ट्रांस्पोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। उसका जीएसटी नंबर, शोप का लाइसेंस और उद्योग आधार लेना होता है, जिसका ₹10000 तक शुल्क चुकाना पड़ सकता है।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए स्टाफ
ट्रांसपोर्ट बिजनेस की कल्पना बिना ड्राइवर और कंडक्टर के नहीं की जा सकती हैं। क्योंकि ट्रांसपोर्ट बिजनेस इन्हीं के द्वारा संचालित होता है। किसी भी वाहन में ड्राइवर के साथ एक कंडक्टर होना अनिवार्य है और यदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट है तो बस के स्टाफ में बहुत सारे लोग जुड़ जाते हैं। ड्राइवर, कंडक्टर और कलिंजर जो सवारी के सामान को बस में चढ़ाता और उतरता है।
यदि आप अपना ट्रांस्पोर्ट बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो आपको मैकेनिक की भी आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि वाहन कभी भी और कहीं भी खराब हो सकते हैं। यदि आपके स्वयं के मैकेनिक होंगे तो आपको अधिक सुविधा होगी और अब जल्द से जल्द अपने वाहन को रिपेयर करवा सकेंगे।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए कुल लागत निवेश
ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिए आपको लाखों रुपए की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि कोई भी वाहन ट्रांसपोर्ट के लिए कम से कम 5 लाख रूपये से शुरू होता है और आप जितने बड़ा ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करना चाहेंगे, उतना ही बड़ा ट्रांसपोर्ट वाहन आपको लेना पड़ेगा, जिसकी कीमत ₹20 लाख से शुरू होती है।
लेकिन आप चिंता मत करिए, क्योंकि आपके फर्म का रजिस्ट्रेशन होने के बाद सरकार द्वारा आपको 50% से 70% तक की लोन सुविधा देती है, जिससे आप अपना वाहन खरीद सकते हैं और किस्तों में कीमत चुका सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस में मुनाफ़ा
ट्रांसपोर्ट बिजनेस में प्रॉफिट होने की संभावना बहुत अधिक होती है। लेकिन आपको प्रॉफिट तभी होगा जब आपको ट्रांसपोर्ट बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी होगी और आप उसे सही लोकेशन में शुरू करेंगे। क्योंकि ट्रांसपोर्ट प्राचीन काल से चला रहा है और यह कभी बंद नहीं होगा। चाहे किसी व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना हो या कच्चे माल या तैयार माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाना हो। उसके लिए हमेशा ट्रांसपोर्टर की आवश्यकता पड़ती है।
ट्रांसपोर्टर वह है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखता है। क्योंकि ट्रांसपोर्टर के माध्यम से ही लोगों तक उनकी जरूरत के सामान पहुंचता है। ट्रांसपोर्टरों को उनके एक ट्रीप में मिलने वाले भाड़े का खर्चा काटने के बाद उन्हें 30 से 40 पर्सेंट तक बच जाता है। यह प्रॉफिट गुड्स ट्रांसपोर्ट के लिए है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यही बचत अधिक हो जाती है। क्योंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ट्रांसपोर्टरों को सवारी के अलावा और भी सामान ले जाने को मिल जाता है, जिसका वो भाड़ा वसूलते हैं और मोटा मुनाफा कमाते हैं। मोबाइल टैक्सी सर्विस अच्छा खासा मुनाफा कमाती है। क्योंकि आजकल लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए सुविधाजनक वाहन की खोज में रहते हैं और मोबाइल टैक्सी उन्हें यह सुविधा प्रदान करती है। मोबाइल टैक्सी के संचालक अपनी सर्विस के लिए मोटी रकम वसूलते हैं।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए मार्केटिंग
भारत में बहुत से ट्रांसपोर्ट बिजनेस है, जो अपने कस्टमर को उनकी आवश्यकता के अनुसार ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं चाहे वह लोकल हो या अंतर राज्य स्तर पर। लेकिन आप उनमें से कुछ ट्रांसपोर्ट को ही जानते होंगे। जैसे: ओला, उबर, जुगनू, हंस ट्रैवल्स क्योंकि ट्रेवल्स अपनी मार्केटिंग स्किल्स में बहुत माहिर है।
यह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए मार्केटिंग का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऐसे बहुत सारे ट्रेवल्स हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते, यह क्या क्या सुविधा उपलब्ध कराते हैं, ये भी हम नहीं जानते। आप भी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग स्किल का सहारा ले सकते हैं। यह बहुत जरूरी है, क्योंकि मार्केटिंग ही है, जिससे लोग आपके ट्रांसपोर्ट बिजनेस के बारे में जानेंगे। आपका ट्रांसपोर्ट बिजनेस पब्लिक ट्रांसपोर्ट है गुड्स ट्रांसपोर्ट है। इसकी जानकारी होगी तो आसानी से आप तक पहुंच सकेंगे।
बिजनेस का सबसे अच्छा तरीका है। माउथ मार्केटिंग क्योंकि आपको मार्केटिंग में खर्च नहीं करना पड़ता और आपकी मार्केटिंग हो जाती है और उसके लिए आपको अपनी सर्विस अच्छी रखनी पड़ेगी। यदि आपकी सर्विस अच्छी होगी तो जो भी आपकी सुविधा एक बार इस्तेमाल करेगा। अपने सगे संबंधियों और दोस्तों से उसके बारे में बताएगा और दोबारा भी आपके साथ काम करना चाहेगा।
बदलते समय में मार्केटिंग का सबसे अच्छा तरीका है। ऑनलाइन मार्केटिंग क्योंकि लोग घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर के द्वारा या टीवी पर विज्ञापन देखकर किसी भी प्रोडक्ट के बारे में जानते हैं। आप भी अपने ट्रांसपोर्ट बिजनेस की मार्केटिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कर सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस में जोखिम
अन्य कारोबार की तरह ट्रांसपोर्ट के कारोबार में भी बहुत रिस्क होता है। इसमें धन की हानि के अलावा दुर्घटनाएं होने का रिस्क बहुत अधिक होता है। क्योंकि सड़क पर चलने से वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिससे जान-माल होने की संभावना होती है।
FAQ
ट्रांसपोर्ट बिजनेस बहुत प्रकार के होते हैं। जैसे लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट, गुड्स ट्रांसपोर्ट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ऑटोमोबाइल टैक्सी सर्विस आदि।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए जरुरी वाहन आप कम्पनी में से खरीद सकते है। इसके अलावा आप चाहें तो पुराना वाहन भी खरीद सकते है।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काफी बड़ा निवेश करना पड़ता है। इस बिजनेस कि शुरुआत करने के लिए करीब 40 लाख रुपये की जरूरत होती है।
जी हां, आपको ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिए 50% से 70% तक का लोन मिल सकता है।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको GST मे रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
Conclusion
ट्रांसपोर्टेशन प्राचीन काल से चला आ रहा है, मानव ने जब से पहिए की खोज की है तब से उनके ट्रांसपोर्ट करने के तरीके में बहुत तरक्की हुई है और अभी भी नई नई खोजें हो रही हैं। लोग पब्लिक ट्रांस्पोर्ट में सफर करने के लिए आरामदायक और समय पर पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्टरों की ओर आकर्षित होते हैं। क्योंकि व्यक्ति अपनी सुविधा के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहता है।
ट्रांसपोर्टरों की वजह से ही कोई देश तरक्की की ओर अग्रसर होता है। क्योंकि ट्रांसपोर्ट ही होते हैं, जो देश के कोने कोने में जरूरत का सामान पहुंचाते हैं। जिस देश में ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा अच्छी होती है, वह देश ज्यादा तरक्की करता है।
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें? (Transport Business Kaise Kare) आपके पसंद आया होगा, इससे आपको ट्रांसपोर्ट बिजनेस की पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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