आज के दुनिया में बहुत ही ऐसे कम लोग आपको देखने को मिलेंगे, जो अपने रोजी रोटी के साथ-साथ दूसरों की भलाई करने का भी साहस रखते है।
अनाथ आश्रम खोलने वाले उम्मीदवारों को भारत सरकार आर्थिक रूप से सपोर्ट भी करती है। क्योंकि जिस प्रकार से हमारे देश की जनसंख्या है वैसे देखा जाए तो न जाने कितने बच्चे हर रोज अनाथ होते हैं और उन्हें आश्रय देने वाला कोई नहीं होता है और ना ही उनकी कोई परवरिश ठीक से कर पाता है।
अनाथ बच्चों के माता-पिता या तो उन्हें छोड़ कर चले जाते हैं या फिर उनकी किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है और बच्चे अनाथ हो जाते हैं।
अगर आप अपनी रोजी-रोटी चलाने के साथ-साथ दूसरों का सहारा बनना पसंद करते है तब ऐसे में आप अब हमारे देश में सरकार की सहायता से अनाथ आश्रम खोल सकते हैं।
आज हम आपको अपने इस महत्वपूर्ण लेख में अनाथ आश्रम खोलने की कंपलीट प्रोसेस के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। अगर आप दूसरे बच्चों के माता-पिता बनना चाहते है या फिर उनकी एक अच्छी परवरिश करना चाहते है।
तब अनाथ आश्रम (anath ashram) आपके लिए रोजी-रोटी के साथ-साथ सामाजिक कार्य करने की भी जरूरत को पूरा करने में सहयोग प्रदान करता है और आज आप इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़े। ताकि आप समाज के लिए कुछ भलाई का काम कर सके और अनाथ आश्रम की जानकारी (anath ashram in hindi) प्राप्त कर सके।
Table of Contents
अनाथ आश्रम कैसे खोले?, पूरी जानकारी (Anath Ashram Kaise Shuru Kare)
अनाथ आश्रम क्या होता है?
अनाथ आश्रम एक ऐसा संस्थान होता है, जहां पर अनाथ बच्चों को या फिर वृद्ध लोगों को और उनके साथ साथ महिलाओं को भी आश्रय दिया जाता है।
बहुत से ऐसे बच्चे होते हैं, जिनका कोई भी नहीं होता और वह बहुत ही परेशानी में होते हैं। ऐसे में यदि कोई इनका पालन-पोषण नहीं कर रहा है तो उस बच्चे के लिए अनाथ आश्रम बहुत ही अच्छा विकल्प होगा।
यदि कोई व्यक्ति बच्चे की परेशानी नहीं देख पा रहा है और उसे अनाथ आश्रम भेजना चाहता है तो वह बड़ी ही आसानी से उस बच्चे को कुछ कागजी कार्यवाही के माध्यम से अनाथ आश्रम में भेज सकता है।
अनाथ आश्रम एक ऐसी जगह है, जहां पर सभी अनाथ लोगों को उनके रहने के लिए और उनके खाने-पीने के लिए सारी व्यवस्थाएं की गई होती है।
अनाथ आश्रम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बने होते हैं। क्योंकि अनाथ आश्रम में अनाथ बच्चों के लिए पूरी व्यवस्था की जाती है ताकि उन बच्चों को ऐसा ना लग सके कि वे अनाथ है, उनके माता-पिता नहीं है।
अनाथ आश्रम में बच्चों को उचित शिक्षा वृद्ध लोगों और महिलाओं को उनका जीवन यापन करने के लिए अच्छा रोजगार प्रदान कराया जाता है।
यह रोजगार उन लोगों से आवश्यक रूप से नियम के अनुसार कराया जाता है। यदि वे लोग रोजगार करेंगे तो उसे जो आमदनी होगी, उसका उपयोग उन्हीं लोगों के सेवा और फैसिलिटी इसमें लगाई जाएंगे।
अनाथ आश्रम खोलकर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो लोगों की मदद कर रहे हैं और ऐसे में यदि वे लोग सोचे कि हम अनाथ आश्रम खोलकर एक अच्छी कमाई करें तो यह बिल्कुल ही गलत है।
अनाथ आश्रम में अनाथ लोगों को रहने के लिए अच्छी सुविधाएं दी जाती हैं ताकि उन्हें ऐसा न लगे कि वह अनाथ है और अनाथ लोगों को ऐसी सुविधाएं देने के पीछे का मकसद सिर्फ और सिर्फ उन्हें एक अच्छा और सामाजिक कार्य करना है।
आश्रम खोलकर जो भी लोग लोगों की सेवा करते हैं, वे खुद इतना ही स्वार्थ रखते हैं ताकि वे लोग जीवन में कुछ पुण्य और आशीर्वाद मिले। अनाथ बच्चों के लिए बहुत से लोग हैं, जो अनाथ आश्रम बनवा रहे हैं और सभी अनाथ बच्चों को छत का साया दे रहे हैं।
लोग अपने पापों को दूर करने के लिए किस प्रकार गंगा में स्नान करने जाते हैं, तीर्थ स्थलों पर दान दक्षिणा करते हैं, वैसे ही लोग अपने पापों को दूर करने के लिए और लोगों की मदद करने के लिए अनाथ आश्रम भी खुलवाते हैं।
एक अनाथ आश्रम अनाथ लोगों के लिए कभी भी एक महल से कम नहीं होता, वह अनाथ आश्रम उन सभी अनाथ लोगों के लिए उनके जीने का एक सहारा होता है।
वे बच्चे जो जिनके माता-पिता उन्हें उनकी छोटी सी उम्र में ही छोड़ कर चले जाते हैं या फिर किन्ही कारणों से मर जाते हैं तो उनकी देखभाल के लिए कोई भी आगे नहीं बढ़ता, उनके सभी रिश्तेदार भी यह सोचने लगते हैं कि हमारा सारा धन तो इन्हीं में खत्म हो जाएगा और ऐसे बच्चों की परवरिश के लिए अनाथ आश्रम एक विशेष सुविधा अनाथ बच्चों के लिए प्रदान करता है।
एक अनाथ आश्रम में अनाथ लोगों को वे सभी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जो एक मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों को मिलती हैं। यदि हम ऐसा कहें कि अनाथ आश्रम लोगों के लिए एक जीने की इच्छा को बनाती है तो यह गलत नहीं होगा।
अनाथ आश्रम में बहुत से ऐसे बच्चे, बूढ़े और महिलाएं होती हैं, जिनका कोई नहीं होता या फिर उन्हें उनके लोग छोड़ कर चले गए होते हैं, उन सभी लोगों को अनाथ आश्रम में एक छत प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने जीवन को अच्छे से जी पाए हैं।
अनाथ आश्रम में कई सारे लोग बच्चों का ध्यान रखने के लिए होते हैं, जिनका काम ही बच्चों का ध्यान रखना और उनकी परवरिश करना होता है।
एक अनाथ आश्रम में बच्चों की परवरिश करने से लेकर बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उन्हें एक योग्य बनाने तक के सभी सुविधाएं अनाथ बच्चों को बिल्कुल निशुल्क रूप में दी जाती है ताकि बच्चे अपना भविष्य बना सके और देश का नाम एवं अपना स्वयं का नाम रोशन कर सके।
अनाथ लोगों को अनाथ आश्रम कैसे भेजें? (Ananth Bacchon ko anath aashram kaise bhejen)
बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो अनाथ है और वे सभी लोग सड़कों पर या फिर कहीं भी इधर-उधर घूमते रहते हैं और भीख मांग कर अपना पेट भरते हैं।
तो यदि आप ऐसे लोगों को अनाथ आश्रम भेजना चाहते हैं और उन्हें एक अच्छी लाइफ प्रदान करना चाहते हैं तो आप सभी लोगों को ज्यादा कुछ नहीं करना है, सिर्फ आपको अनाथ आश्रम में जाकर संपर्क करना है और कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए लोगों को अनाथ आश्रम में भर्ती कर देना है। ऐसा करके आप एक पुण्य का काम करेंगे।
आइए हम अनाथ आश्रम में भर्ती होने या फिर किसी को भर्ती करने के विषय में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्राप्त करते हैं:
- यदि आप किसी बच्चे, बूढ़े या फिर किसी महिला को अनाथ आश्रम भेजना चाहते हैं तो आप सभी लोगों को सबसे पहले अनाथ आश्रम चले जाना है।
- अनाथ आश्रम पहुंचकर आप सभी लोगों को वहां के मैनेजर से मिलना है, जिस प्रकार अन्य कंपनियों में मैनेजर होते हैं। ठीक उसी प्रकार अनाथ आश्रम में भी एक मैनेजर होता है, जो अनाथ आश्रम के लोगों पर ध्यान रखता है और उनकी सभी समस्याओं पर अमल करता है।
- यदि आपको यह पता है कि अनाथ आश्रम में कौन-कौन से डॉक्यूमेंट रिक्वायर्ड होते हैं तो आप उन्हें लेकर जा सकते हैं और इन सभी डाक्यूमेंट्स की मदद से आप साथ के उस व्यक्ति को अनाथ आश्रम में भर्ती करने के अगले चरण पर पहुंच सकते हैं।
- अनाथ आश्रम में डॉक्यूमेंट के साथ आप सभी लोगों को उस बच्चे या फिर पूरे व्यक्ति का नाम रजिस्टर्ड करवा देना है।
- अनाथ व्यक्ति का नाम रजिस्टर्ड करवाने के बाद आप सभी लोगों को वहां से चले आना है और वे लोग उस अनाथ व्यक्ति को अपने अनाथ आश्रम में जगह दे देंगे।
- यदि आप चाहें तो हर हफ्ते में या फिर हर महीने के जाकर उन लोगों से मिल सकते हैं।
बिना पैसे लगाए कौन सा बिजनेस शुरू करें के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
अनाथ आश्रम में लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है?
अनाथ आश्रम में सभी लोगों के साथ अपनों के जैसा व्यवहार किया जाता है और उनके साथ इस तरीके का व्यवहार किया जाता है ताकि उन्हें बिल्कुल भी ना लगे कि वह किसी अनाथालय में है बल्कि उन्हें ऐसा लगे कि वह खुद के ही घर में हैं।
अनाथ आश्रम में अनाथ बच्चों को रहने के लिए घर खाने के लिए खाना और पहनने के लिए कपड़े दिए जाते हैं। अनाथ आश्रम में सभी बच्चों को एक समान दर्जा दिया जाता है और उनकी देखरेख से संबंधित सभी कार्यवाही की जाती है।
यदि अनाथ आश्रम बच्चों का अनाथ आश्रम है तो वहां पर सभी बच्चों को प्रतिदिन के हिसाब से पोस्टिक आहार दिया जाता है और इसके साथ-साथ उन्हें उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए शैक्षणिक व्यवस्था अर्थात शिक्षा की भी व्यवस्था की गई है।
अनाथ आश्रम में हर दिन बच्चों को अलग-अलग भोजन प्रदान किया जाता है और यह भोजन हर हफ्ते में निश्चित किए गए डेट पर ही मिलते हैं।
जैसे हम सभी लोग जानते हैं कि अनाथ आश्रम में सभी बच्चों को बचपन से ही एक ऐसा माहौल तैयार करके दिया जाता है, जहां पर सभी बच्चों को बहुत ही अच्छे स्तर पर शिक्षा प्रदान कराई जाती हैं, इन सभी कारणों की वजह से उन्हें शिक्षा के तरफ काफी तलप होती है।
यही कारण है कि अनाथ आश्रम के लगभग 90% बच्चे सरकारी पद पर ही कार्यरत होते हैं।
यदि बात करें कि बच्चों के साथ अनाथ आश्रम में कैसा व्यवहार किया जाता है तो अनाथ आश्रम में बच्चों के साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार किया जाता है।
वहां पर महिला कर्मचारी सभी बच्चों को एक मां की तरह और पुरुष कर्मचारी उन्हें एक पिता की तरह संभालते हैं और उनका ख्याल रखते हैं।
अनाथ आश्रम कैसे शुरू करें? (Anath Ashram Kaise Shuru Karen)
अनाथ आश्रम शुरू करना कोई आसान काम नहीं है। अनाथ आश्रम को शुरू करते समय बहुत खर्च आता है। हालांकि अनाथ आश्रम ऐसे लोग शुरू करवाते हैं, जिनके पास बहुत पैसे होते हैं।
परंतु बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो मध्यमवर्गीय होने के बावजूद भी लोगों के लिए सोचते हैं और अनाथ आश्रम शुरू करना चाहते हैं।
यदि आप एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं और अनाथ लोगों के लिए अनाथ आश्रम शुरू करना चाहते हैं तो आप सभी लोग सरकार के द्वारा अनाथ आश्रम शुरू करने के लिए धन राशि प्राप्त कर सकते हैं।
अनाथ आश्रम खोलना आसान नहीं होता है और इसमें बहुत सारा खर्चा भी आता है। पर इसमें आने वाला खर्चा सरकार भी निर्वहन करती है।
अगर आप एक अनाथ आश्रम शुरू करना चाहते है तो आप भारत में अब अनाथ आश्रम आसानी शुरू सकते है। क्योंकि अनाथ आश्रम खोलने के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों का ही सपोर्ट करती है और आवश्यक चीजों की रिक्वायरमेंट को पूरी करने में आपकी पूरी हेल्प भी करती है।
इतना ही नहीं अनाथ आश्रम शुरू करने के लिए आप सभी लोगों को कुछ प्राइवेट कंपनियों के द्वारा भी फंड्स मिल सकते हैं, क्योंकि बहुत से ऐसे कंपनियों के मालिक होते हैं, जो लोगों की भलाई सोचते हैं और ऐसे में जब उन्हें किसी कंपनी अनाथ आश्रम के विषय में पता चलता है तो उसके लिए वे जरूर फर्ज जमा करते हैं।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आपको कुछ प्रोसेस से होकर गुजरना होगा और अगर आप वह सभी प्रोसेस कंप्लीट कर लेते है तब आप आसानी से अनाथ आश्रम खोल सकते है।
आइए हम सभी लोग आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर हम सभी लोगों को अनाथ आश्रम खोलने के लिए किन-किन प्रोसेस से गुजरना होगा:
- लोकेशन का चुनाव
- आवश्यक चीजों की आपूर्ति
- आश्रम का नाम चुने
- बनवाए टैक्स रियायत प्रमाण पत्र
- फंडिंग की व्यवस्था
- सहकर्मियों का करे चुनाव
- रजिस्ट्रेशन करें
कोचिंग सेंटर कैसे शुरू करें?, इसकी प्रक्रिया और निवेश आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए लोकेशन का चुनाव
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आपको एक अच्छी लोकेशन का चुनाव करना पड़ता है। एक ऐसी लोकेशन का चुनाव करें, जहां पर शांत वातावरण हो और वहां पर बच्चे आसानी से रह सके। अनाथ आश्रम खोलने के लिए एक बड़े एरिया की जरूरत पड़ती है।
क्योंकि बच्चे यहां पर बड़ी संख्या में हो सकते हैं और इतना ही नहीं बच्चों के रहने खाने और खेलने की भी जगह रहनी चाहिए ताकि आप का अनाथ आश्रम अच्छे से चल सके और बच्चे आराम से बिना किसी समस्या के आप के अनाथ आश्रम में अपना जीवन बिता सके।
अगर आपके पास जमीन नहीं है तब ऐसे में आप लीज पर जमीन भी ले सकते है। परंतु ध्यान रहे आप लंबे वक्त के लिए लीज पर जमीन लो ताकि आपको प्रॉब्लम का सामना ना करना पड़े।
क्योंकि कम समय में लीज जमीन लेने पर आपको अनाथ आश्रम के सामान को इधर-उधर करना पड़ेगा और ऐसे में बहुत सारी प्रॉब्लम भी होती है।
जब तक आप लीज पर जमीन ले रहे हो तब उस बीच में आप अपनी जमीन की बंदोबस्त कर लें और उसके बाद जैसे ही लीज खत्म हो जाए आप अपने अनाथ आश्रम को अपने जमीन पर ट्रांसफर करो और वहां अच्छे से अनाथ आश्रम चलाओ।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आवश्यक चीजें
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है और उनके बिना आप अनाथ आश्रम को आसानी से नहीं चला पाएंगे। बहुत सारे लोग अनाथ आश्रम खोलने की प्रोसेस तो बताते हैं परंतु अनाथ आश्रम खोलने के दौरान किन-किन चीजों की जरूरत होती है।
इसके बारे में कोई भी बात नहीं करता और जब बंदा अनाथ आश्रम खोलने जाता है तब उसे पता चलता है कि आखिर उसे किन-किन चीजों की जरूरत पड़ रही है और वह परेशान होने लगता है।
इसलिए हम चाहते हैं कि आपको किसी भी प्रकार की समस्या ना आए। क्योंकि आप एक नेक काम करने के लिए विचार कर रहे है और ऐसे में आपकी हम जितना हेल्प कर सके उतना हमारे लिए अच्छा रहेगा।
चलिए जानते हैं कि आगे आप को अनाथ आश्रम खोलने के लिए कौन-कौन सी चीजों की जरूरत पड़ सकती है, जिसकी जानकारी नीचे विस्तार पूर्वक से बताई गई है।
- सबसे पहले बच्चों का ध्यान रखने के लिए आपको लोगों की आवश्यकता होगी। ध्यान रहे हैं आप जो भी लोगों को हायर करो, वह आपके आश्रम में पूरे समर्पण के साथ काम करें ताकि बच्चों का ध्यान अच्छे से रखा जा सके।
- बच्चों के रहने के लिए कमरे बनवाने होंगे और कमरे ऐसे बनाने होंगे, जिसमें बच्चों के किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
- सोने के लिए बेड और बिस्तर की व्यवस्था करनी होगी।
- बच्चों को आश्रम में खाना समय पर मिल सके और दूध समय पर मिल सके, इसकी भी व्यवस्था आपको करनी होगी।
- बच्चों के खेलने के लिए खिलौने और अन्य इक्विपमेंट की जरूरत होगी।
- आश्रम में महिला दाई मां को रखें ताकि वे छोटे बच्चों का ध्यान आसानी से रख सके। क्योंकि उनके पास बच्चों को संभालने का पहले से अनुभव होता है।
- छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए एक टीचर रखें और सभी बच्चों को एक कमरे में पढ़ाई करवाए।
- जो बच्चे बड़े हो चुके हैं, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था आपको करनी होगी और इसके लिए उन्हें एक नाम देकर स्कूलों में एडमिशन दिलाना होगा और उनके पढ़ाई का खर्चा उठाना होगा।
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नियम और कानून का अनुसरण करके अपना अनाथ आश्रम कैसे खोलें? (Anath Ashram Kaise Khole)
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आपको कुछ नियम और कानूनों को फॉलो करना होगा। क्योंकि भारत में सभी अनाथालयों का जुवेनाइल जस्टिस के तहत केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन एक्ट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
अगर आपको इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानकारी चाहिए तो आप अपने नजदीकी जिला कल्याण विभाग या फिर राज्य कल्याण विभाग के दफ्तर में चले जाना है और उसके बाद आप अपने मन में उठ रहे सभी आवश्यक सवालों को वहां पर से जानकारी हासिल करें।
इसके साथ अपनी रिक्वायरमेंट को भी वहां पर अधिकारियों को बताएं। वह आपको बहेतर जानकारी प्रदान करेंगे। इसके अलावा बच्चे को गोद लेने के नियमों, गार्जियन और कस्टडी के नियमों, बुनियादी शिक्षा अधनियम का पालन एवं अनुसरण करना होगा, इसलिए इनसे परिचित होना अति आवश्यक है।
अनाथ आश्रम खोलने हेतु आपको आश्रम के नाम का पैन कार्ड और बैंक खाता खोलना होगा
आपको सरकार की तरफ से और अन्य प्राइवेट एनजीओ के तरफ से सपोर्ट सपोर्ट लेना है तो इसके लिए आपको अपने आश्रम के नाम का पैन कार्ड बनवाना होगा और उसके बाद आपको अपने अनाथ आश्रम के नाम का ही एक बैंक खाता खुलवाना होगा।
ताकि लोग अपने अपने कैपेबिलिटी के अनुसार आपके अनाथ आश्रम में डोनेशन दे सके और आप आसानी से ऐसे लोगों के सपोर्ट को पाकर अपना आश्रम आसानी से और अच्छे से चला सके।
अपने अनाथ आश्रम का नाम रखें
अपने अनाथ आश्रम को अपने राज्य की और केंद्रीय सरकार के अंतर्गत पंजीकृत करवाने के लिए आपने आश्रम का नाम रखना बहुत जरूरी है। अगर आप अपने आश्रम का नाम रखोगे तभी आप अपने आश्रम का पैन कार्ड और आश्रम का बैंक खाता खुलवा पाओगे ताकि आपको डोनेशन मिल सके।
इसीलिए आप अपने आश्रम का कोई आसान सा नाम रखें ताकि आपको आगे अपने आश्रम से संबंधित अन्य जरूरी कामों को करने के लिए आसानी हो सके।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए टैक्स रियायत प्रमाण पत्र आवेदन करें
आश्रम खोलने का काम एक मानवता का काम होता है और इस काम को करने के लिए राज्य और केंद्र दोनों ही सरकारें प्रोत्साहन प्रदान करती है ताकि लोग इन कामों को करने में सामने आए और ऐसे ही कार्यों को कर सके।
भारत सरकार ऐसे एनजीओ को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु टैक्स में काफी रियायत प्रदान करती है और यह कर रियायत उनको मिलती है, जो लोग ऐसे संस्थानों को डोनेशन देते हैं।
इसलिए यदि उद्यमी चाहता है कि अधिक से अधिक लोग उसे डोनेशन दें तो उसे 80 G Certificate के लिए आवेदन करना होगा। ताकि उसे डोनेशन देने वाले व्यक्ति टैक्स छूट का लाभ ले सकें।
आप इस सर्टिफिकेट को प्राप्त करने के लिए जरूर आवेदन करें। ताकि आप ज्यादा से ज्यादा डोनेशन प्राप्त कर सके और लोग आपके अनाथ आश्रम में डोनेशन देने के लिए आगे बढ़ कर आए।
इसके लिए आप अपने नजदीकी समाज कल्याण विभाग में जाकर इसका आवेदन दे सकते है और यदि आप इसका वहां पर आवेदन नहीं दे पा रहे हो तब आप तुरंत अपने नजदीकी आयकर विभाग में जाना है और वहां पर इस सर्टिफिकेट को पाने के लिए अपना सफलतापूर्वक आवेदन कर देना है।
एफसीआरए के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
एफसीआरए एक ऐसा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस है, जिसके माध्यम से विदेशों से भी फंडिंग प्राप्त हो सकती है और सीधे आपके अनाथ आश्रम के बैंक खाते में इंडियन करेंसी के रूप में डिपॉजिट हो सकती है।
अगर आप चाहते हो कि आपके अनाथ आश्रम में विदेशों से भी फंडिंग प्राप्त होती रहे तब ऐसे में आपको यह पंजीकरण करवा लेना चाहिए और इस पंजीकरण को गृह मंत्रालय के अंतर्गत किया जाता है।
इसे कराने के लिए अपने नजदीकी राज्य सरकार के आवश्यक कार्यालय में जाइए और वहां पर अपने रिक्वायरमेंट को बताइए फिर वह लोग आपकी इसमें जरूर हेल्प करेंगे।
सरकारी राशन की दुकान कैसे खोलें? इसकी प्रक्रिया और निवेश के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए फंडिंग की व्यवस्था करें
आश्रम खोलने से पहले आप इस की फंडिंग जरूर करें और फंडिंग के लिए अपने अनाथ आश्रम का प्रचार प्रसार करें और लोगों को बताएं कि आप अनाथ आश्रम खोल रहे हो, जिसमें आप बच्चों को कौन-कौन सी सुविधाएं दोगे और कैसे-कैसे बच्चों को आप अपने अनाथ आश्रम में शरण प्रदान करोगे।
आप अपने अनाथ आश्रम का जितना प्रचार प्रसार करोगे, उतना ही आपको फंडिंग मिलने की संभावनाएं होगी और ध्यान रहे आप अपने आश्रम के प्रचार प्रसार में लोगों को पूरी जानकारी बताएं ताकि लोग आपको फंडिंग देने के लिए सामने आए और आप इस नेकी के काम को करने में खुद को भी प्रेरित कर पाए।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता होती है और बिना फंडिंग के कोई भी अनाथ आश्रम आसानी से खोला ही नहीं जा सकता, इसलिए आप फंडिंग की व्यवस्था जरूर करें।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आप अपना नेटवर्क बिल्ड करें
अगर अनाथ आश्रम खोलने के दौरान हमें राजनीतिक पार्टियों और अन्य ऊपर वाले लोगों का सपोर्ट मिल जाए तब समझ लीजिए आप का अनाथ आश्रम आसानी से चल पड़ेगा।
क्योंकि ऐसे लोग अनाथ आश्रम में सपोर्ट करते हैं। इसीलिए आपको ऐसे लोगों से मिलने की कोशिश करना है और मिलने के दौरान उन्हें अपने अनाथ आश्रम के बारे में बताना है।
इतना ही नहीं आपको बताना है कि वह किस कैसे बच्चों को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान करने वाले हो ताकि आपको ऊपर वाले लोगों का भी सपोर्ट मिल सके।
ध्यान रहे कि आप जितना नेटवर्क बनाने में समर्थ रहोगे, उतना ही आप का अनाथ आश्रम अच्छे से चल सकेगा और उसे चलाने में भी आपको कोई समस्या का सामना नहीं करना होगा।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए सहकर्मियों का चयन करें
सिर्फ आप अकेले अनाथ आश्रम नहीं चला पाएंगे। अनाथ आश्रम चलाने के लिए आपको कई सारे लोगों की हेल्प चाहिए होगी, जिन्हें आप सहकर्मी भी कह सकते है।
आपको अनाथ आश्रम में बच्चों के लिए खाना बनाने से लेकर बच्चों का ध्यान रखने और अनाथ आश्रम से संबंधित अन्य प्रकार के कार्यों को करने के लिए अलग-अलग लोगों की जरूरत होगी और आप अपने अनाथ आश्रम के रिक्वायरमेंट को समझ कर और उसी अनुसार सहकर्मियों का चयन कर सकते है।
आप जो भी अपने आश्रम के लिए सहकर्मी नियुक्त करो ध्यान रहे, उनका स्वभाव अच्छा रहे और उन्हें बच्चों को संभालने संबंधित अनुभव भी होना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को संभाल भी सके।
अनाथ आश्रम खोलने की जानकारी
यदि आप भी अनाथ बच्चों के लिए आश्रम खोलना चाहते हैं और पुण्य कमाना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल में आपको अनाथ आश्रम खोलने के विषय में विस्तार पूर्वक से जानकारियां बताई गई है।
यदि आप सभी लोगों को कुछ और जानकारियां प्राप्त करनी है तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं अन्यथा अपने नजदीकी कल्याण विभाग में जाकर अनाथ आश्रम खोलने के विषय में पर्सनली मिलकर जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
कल्याण विभाग के सभी लोग आपके इस नेक दिल विचार से बहुत ही खुशी पूर्वक आपको इसके विषय में जानकारियां प्रदान करेंगे और यदि आप फंडिंग भी चाहे तो वह लोग आपको फंडिंग में भी मदद कर सकते हैं।
कल्याण विभाग में उन्हीं लोगों को नियुक्त किया जाता है, जो संवेदनशील होते हैं और गरीब बच्चों एवं गरीब लोगों के लिए अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हैं।
यदि आपको अनाथ आश्रम खोलने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो आप कल्याण विभाग में जाकर किसी भी व्यक्ति से बेझिझक सवाल जवाब कर सकते हैं और अपनी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
अनाथ आश्रम रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
यदि आप सभी लोग अनाथ आश्रम खोलना चाहते हैं तो आप सभी लोगों को अनाथ आश्रम खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिससे कि आप सभी लोगों का यह अदा राशन रजिस्टर्ड हो सके और फंडिंग को लेकर आपको किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो।
यदि आपको फंडिंग की और किसी भी प्रकार की पॉपुलर सिटी की आवश्यकता नहीं है तो आप बिना रजिस्ट्रेशन किए भी अपना अनाथ आश्रम सुचारू रूप से संचालित कर सकते हैं।
यदि आप अनाथ आश्रम के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं और देश विदेश से फंडिंग प्राप्त करना चाहते हैं तो आप सभी लोगों को इसके लिए FCRA REGISTRATION करना होगा।
यदि आप एफसीआरए के विषय में नहीं जानते तो बता दे कि एफसीआरए का फुल फॉर्म फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट होता है, जिसका अर्थ होता है कि विदेशों से भी आपके इस नेक काम के लिए फंड मिल सकता है। यह रजिस्ट्रेशन सिर्फ इसी लिए कराया जाता है।
आइए हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि अनाथ आश्रम के लिए रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया क्या है।
- रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको अपने अनाथालय के विषय में सारी जानकारियां एक फाइल में एंट्री कर लेनी है।
- अब आपको अपने इस फाइल को लेकर गृह मंत्रालय में जाना है।
- गृह मंत्रालय जाने के बाद आपको वहां के कर्मचारी को अपनी ये डिटेल शॉप देनी है और रजिस्ट्रेशन करने के लिए आग्रह करना है।
- आपको कुछ ही दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा और इसी नंबर से आप सभी लो अपना स्टेटस चेक कर पाएंगे।
- यदि आपका काम नहीं हो रहा तो आपको गृह मंत्री से मिलने के लिए अपील करनी है और अपॉइंटमेंट लेकर उन्हें मिलना है और उन्हें सारी बातें बतानी है।
- यदि आप लोग चाहते हैं कि आपका काम बिना गृह मंत्रालय गए ही हो जाए तो ऐसा मुमकिन नहीं है। क्योंकि एफसीआरए रजिस्ट्रेशन केवल गृह मंत्रालय से ही किया जा सकता है।
अनाथ आश्रम में जॉब कैसे करें? (Anath Ashram me Job Kaise Kare)
जब किसी अनाथ आश्रम को शुरू किया जाता है तब अनाथ आश्रम में बहुत से ऐसे कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, जो वहां के लोगों की देखभाल कर सके और उन्हें अच्छे से समझ सके ऐसे में कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अनाथ आश्रम में एंप्लॉयमेंट की रिक्वायरमेंट को अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर दिखाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर सके।
बता दें तो अनाथ आश्रम में काम करने पर आप सभी लोगों को महीने के अंत में सैलरी प्रदान की जाती है। यदि आप भी ऐसे व्यक्ति है, जो अनाथ आश्रम में जॉब करके पुण्य का काम करने के साथ-साथ अपनी इनकम भी करना चाहते हैं तो आप सभी लोग अपने आसपास के अनाथ आश्रम में कॉल करें और अपने विषय में बताएं।
यदि उन्हें किसी कर्मचारी की आवश्यकता होगी तो वह आपके रिक्वायरमेंट को जरूर एक्सेप्ट करेंगे और आपको वहां पर जॉब देंगे।
अब आपको कुछ दिनों के बाद अनाथ आश्रम में आप के डाक्यूमेंट्स के साथ बुलाया जा सकता है। यदि आपके डॉक्यूमेंट सही रहते हैं तो आपको अगली प्रोसेस के लिए फिर से बुलाया जा सकता है।
अनाथ आश्रम की यह अगली प्रोसेस आप सभी लोगों के हावभाव और तौर तरीके की परीक्षा ली जाती है। यह परीक्षा आपसे इसलिए ली जाती है ताकि पता चल सके कि आप बच्चों को संभालने के लिए सक्षम है या नहीं।
यदि आप यह सभी परीक्षाएं पास कर लेते हैं तो आपको अनाथ आश्रम में कर्मचारी के रूप में जॉब मिल जाएगी।
अनाथ महिला आश्रम क्या है?
अनाथ महिला आश्रम अनाथ आश्रम की तरह ही एक सामाजिक कार्य होता है। अनाथ आश्रम और महिला अनाथ आश्रम में फर्क होता है अर्थात अनाथ आश्रम में बच्चों को बच्चों की देखरेख की जाती है।
अनाथ महिला आश्रम में ऐसी महिलाएं, जिनका कोई नहीं होता, उन्हें रखा जाता है ताकि उन्हें भी ऐसा ना लगे कि वह अनाथ है।
अनाथ महिला आश्रम की जानकारी
अनाथ महिला आश्रम भी एक अनाथ आश्रम की तरह ही होता है। यदि आप सभी लोग अनाथ महिला आश्रम खोलना चाहती हैं तो आपको ऊपर बताई गई सभी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा। क्योंकि अनाथ महिला आश्रम भी अनाथ आश्रम की तरह ही खोला जाता है।
अनाथ महिला आश्रम में कर्मचारी के रूप में सिर्फ और सिर्फ महिलाएं ही होती है। क्योंकि यहां पर छोटी बच्चियां नहीं बल्कि महिलाएं होती हैं और इसीलिए यहां पर सिर्फ और सिर्फ महिला कर्मचारियों की ही नियुक्ति की जाती है, जो महिलाएं यहां पर आती है, उन्हें थोड़ा थोड़ा काम करना ही होता है, ताकि उन्हें ऐसा ना लगे कि वह बिना मेहनत किसी से मांग कर के खा रही है।
अनाथ आश्रम की लड़कियों का नंबर चाहिए?
यदि आप शादी के लिए अनाथ आश्रम की लकड़ी की तलाश कर रहे है और आप उससे शादी करके उसे एक नई पहचान देने की सोच रहे है तो आप इसके लिए आप अनाथ आश्रम में सम्पर्क करना पड़ेगा।
वहां पर आपको कुछ कागजी कार्यवाही करनी होगी और इससे सम्बंधित नियम की जानकारी लेनी होगी।
भारत में कितने अनाथ आश्रम है?
यह बताना तो बहुत ही ज्यादा मुश्किल है कि भारत में कितने अनाथ आश्रम है। परंतु रिपोर्ट के मुताबिक हर एक राज्य के हर एक शहर में दो से तीन अनाथ आश्रम होते हैं और कई शहर ऐसे हैं, जहां पर 2, 3 नहीं बल्कि 10 से 15 अनाथ आश्रम है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में अब तक लगभग एक करोड़ से भी अधिक अनाथ आश्रम बनवाये जा चुके हैं। अभी तक कोई नई अपडेट नहीं आई है, जिसके मुताबिक हम बता सके कि भारत में अब तक कुल कितने आश्रम है।
FAQ
भारत के हर एक क्षेत्र में अनाथ आश्रम मौजूद है और प्रत्येक अनाथ आश्रम में बहुत से लोग हैं, जो अपने जीवन को जी रहे हैं।
महिलाओं के लिए बहुत जैसे अनाथ आश्रम बनाए जा चुके हैं, जो उनके को उनके जीवन यापन के लिए अच्छी सुविधाएं प्रदान कर सके। महिला अनाथ आश्रम वाराणसी, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा अर्थात भारत के सभी राज्य में है।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए आपको थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा होना जरूरी है। क्योंकि इसमें कागजी कार्यों से संबंधित बहुत सारे काम करने होते हैं और इससे अतिरिक्त अनाथ आश्रम खोलने वाला व्यक्ति भारत का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र 21 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
अनाथ आश्रम खोलने के लिए कितना निवेश करना पड़ेगा यह पूरा आपके ऊपर निर्भर करेगा। क्योंकि आप ही ऐसे व्यक्ति हो जो अनाथ आश्रम खोलना चाहते हो और आपको अनाथ आश्रम खोलने से संबंधित सभी रिक्वायरमेंट के बारे में पता होगा और आप उन सभी रिक्वायरमेंट का आकलन लगाइए और उसमें होने वाले निवेश को समझिए फिर आप आसानी से समझ जाओगे कि इसे खोलने के लिए कितना निवेश करना पड़ सकता है।
जी हां। बिल्कुल भारत सरकार स्वयं ऐसे कार्यों को करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती है और इतना ही नहीं लोगों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सरकार आवश्यक लाभ और सहयोग प्रदान करती है। बस आपको उन लाभों को और सहयोग को लेने के लिए अपना प्रोसेस कंप्लीट करना होगा और इसके लिए आप अपने नजदीकी समाज कल्याण के विभाग में जा सकते हो और वहां पर इससे संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हो।
भारत में अब तक लगभग 10000 बच्चों को गोद लिया जा चुका है और इस विषय में अब तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं है कि भारत में अब तक कितने अनाथ आश्रम खोले जा चुके हैं। परंतु रिसर्च के मुताबिक भारत में लगभग 500 से भी अधिक अनाथ आश्रम खोले जा चुके हैं।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आपको अनाथ आश्रम कैसे खोले? (Anath Ashram Kaise Shuru Kare), अनाथ आश्रम में जॉब कैसे करें? (anath ashram me job kaise paye) और अनाथ आश्रम कहाँ पर है? (anath aashram kahan hai) के संबंधित विस्तार पूर्वक पर जानकारी प्रदान करने का पूरा प्रयास किया है।
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