प्राचीन समय से ही मनुष्य सामाजिक और आर्थिक प्रयोजनों के लिए बकरी पालन का कार्य करते आ रहे हैं। जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि प्राचीन समय से ही कमाई के लिए पशुओं का पालन किया जा रहा है और जिस में से मुर्गी, गाय, भैंस और बकरियां इत्यादि है। इस लेख में बताने वाले हैं कि बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करें।
एक आंकड़े के मुताबिक भारत में कुल पशुओं की संख्या का लगभग 25% भाग सिर्फ और सिर्फ बकरियां ही है। अतः आप यह समझ सकते हैं कि बकरी पालन के व्यवसाय से देश के कितने लोग जुड़े होंगे। बकरी पालन के व्यवसाय में पहले से ही काफी लोग अपनी जगह बना चुके हैं। परंतु इसके बावजूद भी नए नए उद्यमी भी इस व्यवसाय में अपनी जगह बना रहे हैं।
बकरियों की मांग ज्यादा होने के कारण बकरियों का अभाव सदैव बना रहे हैं, इसी कारण नए नए उद्यमी बकरी पालन के व्यवसाय में खुश रहे हैं। इतना ही नहीं भारत में पहाड़ी क्षेत्रों में भी हल्के फुल्के बाहर वाले चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए बकरियों का ही उपयोग किया जाता है। अतः पहाड़ी क्षेत्रों में भी बकरियों की काफी ज्यादा मांग है।
इस लेख में बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें (bakri palan business in hindi) के बारे में बताया है। जिसमें बकरी पालन से कमाई, बकरी पालन में कितना खर्च आता है, बकरी पालन कैसे करें आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Table of Contents
बकरी पालन क्या होता है?
बकरी पालन एक प्रकार का बिजनेस होता है, जिसमें उद्यमियों को बकरियां पानी होती है और बकरियों की आवश्यक उम्र इत्यादि हो जाने के बाद उन्हें मार्केट में सेल किया जाता है। बकरी पालन के व्यवसाय को यदि ग्रामीण लोग शुरू करते हैं तो उनके लिए ज्यादा कठिनाई नहीं होगी।
वह बकरी पालन का काम बड़ी ही आसानी से संभाल सकते हैं, जिस प्रकार में अपनी गाय भैंसों को संभालते हैं, ठीक उसी प्रकार से बकरी भी संभाल ही सकते हैं। परंतु यदि उस बकरी पालन को शहरी क्षेत्रों में शुरू किया जाता है तो शहरी लोगों को कुछ तकलीफ उठानी पड़ सकती।
बकरियों के खाने के लिए चारे के रूप में पशु आहार और उनके लिए पौष्टिक आहार आवश्यक तो है ही, इसके साथ-साथ बकरियों को खाने के लिए हरी घास में भी चाहिए होगी, जो कि शहरी क्षेत्रों में मिलना मुश्किल है। अतः हम बकरी पालन के व्यवसाय को ग्रामीण व्यवसाय कह सकते हैं। क्योंकि बकरी पालन के व्यवसाय के लिए ग्रामीण क्षेत्र उचित माना जाएगा।
कृषि से संबंधित अन्य विषयों की तुलना में बकरी पालन व्यवसाय से काफी अच्छी इनकम किया जा सकता है। इतना ही नहीं इसके अलावा सहायक आय के रूप में बकरी पालन का विशेष महत्व भी है। वर्तमान समय में बकरी पालन का व्यवसाय आर्थिक रूप से बहुत ही ज्यादा लाभदायक व्यवसाय बन गया है।
बकरी पालन की ट्रेनिंग
यदि आपको बकरी पालन करना नहीं आता तो आप बकरी पालन करने की ट्रेनिंग ले सकते हैं। भारत में ऐसी कई जगह है, जहां पर बकरी पालन की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां आपको बकरी के खाने पीने रहने तथा उन्हें कब कौन सा टीका लगाना चाहिए तथा साथ ही साथ बकरियों की नस्ल के बारे में अच्छी तरह से पता चल जाएगा।
यहां पर आपको बकरी पालन की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे आपको बकरी पालन में बहुत आसानी होगी। ट्रेनिंग देने वाले आप से ₹6000 से लेकर ₹15000 तक आपसे शुल्क लेते हैं, वह आपको रहने तथा खाने-पीने की पूरी सुविधा देते हैं।
बकरी पालन में आने वाली लागत
बकरी पालन के व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली लागत मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने फॉर्म की शुरुआत कितने बकरियों के साथ करना चाहते। आको इस व्यापार में कोई विशेष खर्च नहीं आने वाला है, आपको सिर्फ बकरियों को खरीदने में ही जो खर्च आएगा, विशेष रूप से आपको उतना ही खर्च करना है।
बकरी पालन के व्यवसाय में आने वाला खर्च लगभग 30 से 40 हजार रूपये खर्च करने पड़ेंगे, क्योंकि इस बिजनेस में आपको बकरियों की क्वांटिटी लगभग 50 से 60 तब तो रखनी ही बढ़ेगी। आप अपने इनकम के हिसाब से बकरियों की संख्या अपने फॉर्म में बढ़ा सकते हैं।
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बकरी पालन के व्यवसाय में आने वाला कुल खर्च?
बकरी पालन के व्यवसाय में मुख्य रूप से आने वाला कुल खर्च लगभग लाखों तक जा सकता है। क्योंकि आपको बकरी पालन के व्यवसाय में बकरियों के खरीदने के साथ-साथ बकरियों के रहने का प्रबंध बकरियों के लिए चारे का प्रबंध है इत्यादि करना होगा।
अतः आपको बकरी पालन के व्यवसाय में काफी खर्च करना पड़ सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक बकरी पालन के व्यवसाय में लगभग ₹3.5 लाख लगते हैं। परंतु यदि आप बिजनेस छोटा अर्थात छोटे स्तर पर शुरू करना चाहते हैं तो आपको लगभग 1 से 2 लाख रूपये तक तो खर्च करने ही पड़ेंगे।
बकरी पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करें? (Goat Farming Business Plan in Hindi)
बकरी पालन का व्यापार शुरू करना लोगों को बेहद आसान काम लगता है। क्योंकि भारत में वर्तमान समय में भी छोटे-छोटे किसान गाय भैंसों के साथ-साथ बकरियों का भी पालन करते हैं, इसीलिए जब कभी भी बकरी पालन के बिजनेस की बात होती है तो आमतौर पर केवल दो या तीन चीजें ही जानना चाहते हैं। जैसे कि बकरी की कौन सी नस्ल है?, उसकी क्या कीमत है? और यह नस्ल उन्हें कहां मिलेगी?
यदि इस बिजनेस में उद्यमी चाहे तो सरकार द्वारा जारी की गई केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर बकरी पालन के व्यवसाय का बिजनेस शुरू कर सकता।
बड़े स्तर पर बकरी पालन का व्यवसाय
आप बकरी पालन का व्यवसाय एक बड़े स्तर पर करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए इन चीजों की आवश्यकता पड़ेगी, जो निम्नलिखित हैं:
- कितनी बकरियों के लिए कितना स्थान लगेगा
बकरी पालन करने के लिए एक बकरी को 20 वर्ग फीट स्थान की आवश्यकता होगी। यदि इसके हिसाब से बात करें तो 50 बकरियों के लिए 1000 वर्ग फीट, यदि आप बकरे भी रखते हैं तो दो बकरों के लिए 40 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता पड़ेगी।
2. बकरियों को खरीदने में कितना खर्च लगेगा
बकरी पालन में कितना खर्च लगेगा यह व्यापारी के ऊपर निर्भर करता है कि वह कितनी बकरियां रखता है। यदि व्यापारी 50 बकरियों को खरीदता है तो इसमें खर्चा आएगा लगभग 3.75 लाखों रुपए और साथ ही साथ दो बकरों को खरीदने में लगभग₹15000 का खर्च आएगा। इसमें लगभग 3.90 लाख रुपए का पूरा खर्च आएगा।
आपके पास जितनी ज्यादा बकरियां रहेगी, आपका मुनाफा भी उतना ज्यादा होगा। क्योंकि 1 किलो बकरी लगभग ₹300 किलो के आस पास होता है, एक बकरी का वजन लगभग 20 किलोग्राम होता है। इसके हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं। बकरी पालन में आपका कितना मुनाफा हो सकता है।
3. बकरियों के लिए शेड बनाना
बकरी पालन के लिए शेड बनाना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि बकरी पालन के लिए शेड बना हो तो बकरी पालन में बहुत आसानी होती है। बकरी पालन के लिए वह जिस स्थान पर रहती है, उसके चारों तरफ बाउंड्री लगवा देना चाहिए ताकि बकरिया बाहर ना जा सके।
बाउंड्री की ऊंचाई कम से कम 10 फीट रखनी चाहिए। उसकी मोटाई कम से कम 10 इंच होनी चाहिए। बाउंड्री के अंदर घास तथा छोटे झाड़ युक्त पेड़ पौधे लगाने चाहिए, जिससे बकरियां उसे खा सके तथा साथ ही साथ बाउंड्री के अंदर का वातावरण बना रहे।
ऊपर की तरफ सीमेंट की चादर या किसी अन्य वस्तु से ढक देना चाहिए ताकि बकरियों को तेज धूप ना लग सके। जिससे कि उनकी तबीयत खराब ना हो, जमीन को ढाल युक्त तथा चिकना बनाना चाहिए, जिससे कि मल मूत्र बहने में आसानी हो सके।
बकरी पालन के व्यवसाय को शुरू करने से पहले बनाए योजना
जैसा कि हम जानते हैं किसी के बिजनेस को शुरू करने के लिए सबसे पहले उस बिजनेस के लिए आवश्यक योजना बना लेनी होती है, क्योंकि किसी में बिजनेस को शुरू करने के समय एक ऐसा बिज़नेस प्लान चाहिए होता है, जो कि बिजनेस को काफी अच्छा लाभ प्रदान कर सके।
आपको बिजनेस शुरू करने से पहले उन सभी बातों के विषय में एक लिस्ट बना लेनी चाहिए, जो कि इस बिजनेस में काफी आवश्यक हो।
हमें उन सभी चीजों को लिस्ट में ऐड करना चाहिए, जिनसे बिजनेस को भविष्य में लाभ हो सके जैसे कि बिजनेस में आने वाला कुल खर्च, बकरियों की अलग-अलग नस्ल के लिए अलग-अलग स्थान, बकरियों के लिए पौष्टिक आहार से लेकर हरी घास तक की उपलब्धता, बकरियों के लिए पौष्टिक आहार खरीदने में आने वाले खर्च, बकरियों की नस्ल को खरीदने का खर्च इत्यादि।
बकरी पालन के व्यवसाय के लिए स्थान का चुनाव
बकरी पालन के बिजनेस में आपको विशेष रुप से बकरियों के रहने के लिए अनु का चयन करना पड़ता है। क्योंकि बकरियों के रहने के लिए आवाज बनाना भी आवश्यक होता है। आपको बिजनेस में अच्छी से अच्छी नस्लों के बकरियों को रखना होता है, जिसके लिए उन्हें अनुकूल वातावरण देना पड़ेगा।
अतः हमें नस्लों के अनुसार उन सभी के लिए अलग-अलग आवास का निर्माण करना पड़ेगा और उन्हें अनुकूल वातावरण भी प्रदान करना पड़ेगा। हम साधारण नस्ल की बकरियों को कहीं भी रख सकते हैं, परंतु बकरियों की कुछ ऐसी नस्ले भी होती है, जो कि ठंडे प्रदेशों में रहती हैं। अतः हमें उन बकरियों का पालन करने के लिए रूम को ठंडा रखना पड़ेगा अर्थात A.C. की भी व्यवस्था करना पड़ सकता है।
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बकरियों का करवाएं टीकाकरण
इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना है कि बकरी पालन के व्यवसाय में सफलता एवं अधिक लाभ अर्जित करने के लिए आपको बकरियों को सदैव और रोग मुक्त करके रखना है। यह आपके बिजनेस में काफी अहम भूमिका निभाता है।
बकरियों को होने वाले रोग तथा रोगों के बारे में कुछ जानकारियां नीचे दी गई हैं, जिसे पढ़कर आप बकरियों का टीकाकरण अवश्य कराएंगे।
- एंथ्रेंस रोग
यह रोग केवल बकरियों में ही नहीं होता था, साथ ही साथ मनुष्य में भी होता है। इस रोग से बचने के लिए आपको इसका टीका बकरियों को अवश्य लगवा देना चाहिए।
जिससे आपकी बकरियां रोग मुक्त रहेंगे और आपका व्यापार काफी अच्छे से चलेगा, इसका टीका चौथे छठे महीने के बीच में लगवा देना चाहिए तथा प्रतिवर्ष का टीका लगाना चाहिए।
- गोट पॉक्स
यह बीमारी बहुत ही नुकसानदायक बीमारी होती है, इस बीमारी से बकरियों को बचाने के लिए बकरियों को लगवा देना चाहिए। पहले यह टीका तीन से चार महीने की अवस्था में लगता है तथा इसके बाद यह टीका प्रत्येक वर्ष लगवाना चाहिए।
- मुंह और पांव में होने वाला रोग
इस रोग को FMD भी कहते हैं, इस रोग से बचने के लिए FMD का टीका लगता है। यह टीका बकरियों को 3 से 4 महीने की अवस्था में लगवा देना चाहिए। इसके बाद यह टीका बकरियों को प्रत्येक 6 महीने पर लगवाना चाहिए।
- हेमोरेगिक सेप्टीसीमिया
इस बीमारी को HS नाम से भी जाना जाता है। यह रोग बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं है लेकिन बकरियों को काफी मात्रा में नुकसान पहुंचाता है।
इससे बचने के लिए HS का टीका लगता है, जो बकरियों को 3 से 6 महीने के बीच में लगवा देना चाहिए तथा इसके बाद यह टीका बकरियों को प्रतिवर्ष लगाना चाहिए और आपको बता दें कि यदि यह टीका मानसून से पहले बकरियों को लगाया जाए तो काफी अच्छा रहता है।
- गोट प्लेग
यह बीमारी अन्य बीमारियों से बहुत ही ज्यादा खतरनाक होती है। यह बकरियों को काफी मात्रा में नुकसान पहुंचाती है, जिसके कारण से अधिक मात्रा में बकरियां बीमार हो जाती है। इससे बचने के लिए पीपीआर का टीका बकरियों को लगवा देना चाहिए। यह टीका बकरियों को 4 महीने की उम्र में लगवा देना चाहिए। इसके बाद यह टीका प्रत्येक 4 वर्ष के बाद लगवाना चाहिए।
बकरियों को नियमित रूप से कृमि नाशक दवाई खिलानी चाहिए और उनका समय समय पर टीकाकरण भी करवाना चाहिए। बकरियों का टीकाकरण वर्षा का मौसम शुरू होने से पहले और वर्षा का मौसम खत्म होने के बाद करवा देना चाहिए। क्योंकि इसी समय में बकरियों को अनेकों संक्रमण होते हैं।
बकरियों की नस्लों का करें चुनाव
यदि आप बकरी पालन के बिजनेस में अच्छा मुनाफा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बकरियों के नस्लों का चुनाव करना पड़ेगा। बकरियों के नस्ल का चुनाव हमें निम्न बातों को ध्यान में रखते हुए करना है।
- बकरियां ऐसी किस्म की होनी चाहिए, जिनसे दूध का उत्पादन और मांस का उत्पादन काफी अच्छा हो सके।
- दूध उत्पादन के लिए मेहसाना, सुरती, मालाबारी, जखराना इत्यादि किस मुखी बकरियों का चुनाव करें।
- मांस उत्पादन के लिए बंगाल गोट, असम हिल गोट इत्यादि बकरियों का आज ही चुनाव करें।
बकरियों का बीमा अवश्य करवाएं
अक्सर बकरी पालन के व्यवसाय में लोग कुछ ना कुछ गलतियां अवश्य ही कर देते हैं, जिससे कि वह अपनी बकरियों की मृत्यु के बाद काफी हानि भी सहनी पड़ती है। अलग-अलग नस्ल की बकरियों का कीमत अलग-अलग होता है, जिसके कारण मार्केट में उनका बीमा भी अलग-अलग राशि के साथ किया जाता है।
यदि आप अपनी बकरियों का बीमा करवा लेते हैं तो आपको बकरियों के मृत्यु या कुछ विशेष आपदा आने के बाद आपको सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
बकरियों की नस्लों के प्रकार
बकरियां अनेक प्रकार के नस्ल के होते हैं, कुछ नस्लों के प्रकार तथा उनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है:
- शीरोई बकरी
यह नस्ल राजस्थानी नस्ल है, ऐसी बकरियों का प्रयोग ना केवल दूध के लिए बल्कि मांस के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इस नस्ल की बकरी के मीत की कीमत ₹400 प्रति किलोग्राम है, इस नस्ल के बकरे के मीट की कीमत ₹325 प्रति किलोग्राम है।
इस नस्ल की बकरियां साल में संभवत दो बार प्रदान करती है। यह बकरियां मुख्यतः जुड़वा बच्चे नहीं पैदा करती है।
- जमुनापारी बकरी
यह नस्ल उत्तर प्रदेश की ही एक नस्ल है, इस नस्ल की बकरियां दूध के मामले में काफी अच्छी होती है। यह बकरियां अधिक मात्रा में दूध देती है, इस नस्ल की बकरियों में 1 साल में सिर्फ एक बार ही होता है।
यह भी शिकोई नस्ल की बकरियों की तरह जुड़वा बच्चे पैदा करने का सहयोग बहुत ही कम रहता है तथा जमुनापारी बकरी नस्ल के बकरे के मीट की कीमत ₹300 प्रति किलोग्राम तथा बकरे के मीट की कीमत ₹400 प्रति किलोग्राम है।
- अफ्रीकन बोर
यदि मांस की बात करें तो इस नस्ल की बकरियां बहुत ही अच्छा मांस प्रदान करती है। अन्य बकरियों की अपेक्षा यह बकरी मांस में काफी मुनाफा प्रदान करती है। क्योंकि इस नस्ल की बकरियों का मीट अन्य बकरियों के मुकाबले काफी महंगा मिलता है।
इस बकरी की खास बात यह है कि इसका वजन कम समय में अधिक बढ़ जाता है, जिससे यह हमें काफी मुनाफा प्रदान करती है। इस नस्ल की बकरियां मुख्यता जुड़वा बच्चे पैदा करती है। इस नस्ल के बकरे के मीट की कीमत ₹350 से लेकर ₹1500 प्रति किलोग्राम तक होती है तथा बकरी के मीट की कीमत ₹700 से लेकर ₹3500 प्रति किलोग्राम तक होती है।
- बीटल बकरी
यह नस्ले राजस्थान में पाई जाती है। इस नस्ल की बकरियां भी दूध देने में काफी अच्छी होती है। व्यापारी इस नस्ल की बकरियों का उपयोग दूध के लिए करते हैं। इन बकरियों में जुड़वा बच्चे पैदा होने का संयोग अधिक होता है। इस नस्ल के बकरे के मीट की कीमत ₹200 प्रति किलोग्राम तथा बकरी के मीट कीमत ₹250 प्रति किलोग्राम होती है।
- ओस्मानाबादी बकरी
इस नस्ल की बकरियां मुखिया महाराष्ट्र में पाई जाती है। यह बकरियां प्रतिवर्ष दो बार प्रजनन करती है। इस नस्ल की बकरियां एक बार में 3 बच्चे पैदा करने की क्षमता रखती है। इस नस्ल के बकरे के मीट की कीमत ₹260 प्रति किलोग्राम तथा बकरी के मित्र कीमत ₹300 प्रति किलोग्राम है।
बकरियों के लिए भोजन का प्रबंध
आपको बकरी पालन के इस व्यवसाय में बकरियों को स्वस्थ एवं वजन में भारी करने के लिए उन्हें भोजन विशेष रूप से देना चाहिए। बकरी पालन की इस व्यवसाय में भोजन का विशेष रूप से देख-रेख करनी है।
यदि आप अपने बकरी को स्वस्थ भोजन खिलाते हैं तो बकरी भी स्वस्थ रहेगी। बकरियों के लिए चारे का उत्पादन आप घर पर ही करें तो यह बेहतर होगा। अन्यथा मार्केट में तो चारे मिलते ही हैं, परंतु महंगे होते हैं।
बकरी पालन व्यवसाय के लिए पंजीकरण कैसे करें?
बकरी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले अपने फार्म का रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही आप बकरी पालन का व्यवसाय शुरू कर पाएंगे अन्यथा नहीं। बकरी पालन के व्यवसाय के लिए पंजीकरण करना चाहते हैं तो कृपया नीचे बताई गई जानकारियों को अवश्य पढ़ें:
- सबसे पहले आपको अपने फॉर्म का पंजीकरण करने हेतु उद्योग आधार की ऑफिशल वेबसाइट पर चले जाना है।
- वेबसाइट ओपन करने के बाद आपको बकरी पालन व्यवसाय के लिंक पर क्लिक करना है।
- अब यहां पर आपको अपने आधार नंबर को भर देना है।
- आधार नंबर देने के बाद आप सभी लोगों को नाम भी भरना पड़ेगा। अपना नाम पढ़ने के बाद वैलिडेट आधार के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- इतनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपका आधार वैलिड हो जाएगा।
- अब आपको अपना नाम अपने फॉर्म का नाम, फॉर्म का पता, राज्य, जिला, पिन कोड, मोबाइल नंबर, ईमेल, बैंक डिटेल, एन आई सी कोड इत्यादि देना होगा।
- आपको नीचे दिए गए सुरक्षा कोड कैप्चा कोड को भरना होगा और इसके बाद सबमिट के बटन पर क्लिक करना है।
- इन सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आएगा कि आपका सर्टिफिकेट तैयार हो गया है और आप इस सर्टिफिकेट का प्रिंट आउट निकाल कर अपने ऑफिस में लगाएं।
बकरी पालन व्यवसाय की मार्केटिंग
जैसा कि सभी जानते हैं, किसी भी व्यवसाय में मार्केटिंग सबसे अहम भूमिका निभाती है। ठीक उसी प्रकार से बकरी पालन की बिजनेस में भी मार्केटिंग की काफी अहमियत है। आपको अपने डेरी फॉर्म से लेकर मांस की दुकानों तक का व्यापार करने के लिए सबसे पहले अपने बिजनेस की मार्केटिंग करनी होगी।
आप अपने कंपनी के लेवल के साथ मार्केट में बकरियों के दूध को भेज सकते हैं। बकरियों का पालन करने के बाद आप बकरियों को मार्केट में भी भेज सकते हैं, जिससे आप काफी अच्छी इनकम कर पाएंगे।
बकरी पालन के मार्केटिंग के लिए आप अपने ग्राहकों से अच्छा संबंध बनाए, जिससे कि आप के ग्राहक आप से संतुष्ट होंगे तो वह अन्य लोगों से भी कहेंगे, जिससे आपके बिजनेस की मार्केटिंग होगी।
बकरी पालन के व्यवसाय से होने वाला लाभ
बकरी पालन के व्यवसाय में काफी अच्छी कमाई है। बकरी पालन के व्यवसाय में आप अन्य पशुपालन के माध्यम से कम समय में ज्यादा इनकम कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं कि बकरी पालन के क्या लाभ हैं:
- बकरी पालन के व्यवसाय में आपको अन्य पशुपालन की तुलना में काफी कम जगह की आवश्यकता पड़ेगी, जिससे आपके बिजनेस मे जगह की भी बचत होगी।
- बकरिया प्रत्येक आठवें महीने बच्चे को जन्म देती हैं, जिससे कि आप सभी लोगों के बकरी पालन फार्म में कम समय में ही बकरियों की संख्या बढ़ जाएगी।
- अन्य पशुपालन कार्यों की तुलना में बकरी पालन में बहुत ही कम भोजन की जरूरत पड़ती है।
- बकरी पालन के व्यवसाय में हम बकरियों का मांस, दूध एवं उनके अन्य उत्पादन को मानव आहार की लिए मार्केट में सेल कर सकते हैं।
- बकरी का दूध डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी में बहुत ही कारगर साबित होता है।
- बकरी का दूध बड़ी ही आसानी से पच जाता है और बच्चों एवं वयस्कों के लिए यह दूध काफी अच्छा भी माना जाता है। क्योंकि इस दूध में अन्य पशुओं के दूध के मुकाबले वसा, कार्बोहाईड्रेड और प्रोटीन कुछ ज्यादा ही मात्रा में पाई जाती है।
निष्कर्ष
यहाँ पर बकरी पालन कैसे करें (goat farming in hindi), बकरी पालन से कमाई, बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें (bakri palan kaise shuru karen) आदि के बारे में बताया है।
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